सिवनी मालवा के जंगल में बड़ा कांड: 5 घंटे आदिवासियों से घिरे रहे NVDA और फॉरेस्ट के अफसर
नर्मदापुरम जिले में सिवनी मालवा के साकलीडोह में डेम निर्माण का विरोध कर रहे आदिवासी परिवारों ने मंगलवार, 24 सितंबर को NVDA और फारेस्ट टीम को बंधक बना लिया। भाजी नदी के पुल पर वह 5 घंटे ग्रामीणों से घिरे रहे।
Narmadapuram News: मध्य प्रदेश के नर्मदापुरम जिले में डैम का विरोध कर रहे ग्रामीणों ने अधिकारियों को बंधक बना लिया। मंगलवार को वह डूब क्षेत्र का सर्वे करने पहुंचे थे। ग्रामीणों ने रोकने की कोशिश की। नहीं मानें तो बंधक बना लिया। 5 घंटे बाद मौके पर पहुंचे एसडीओपी ने समझाइश देकर मुक्त कराया।
दरअसल, सिवनी मालवा से 35 किमी दूर महुआढाना और मोरघाट के बीच साकलीडोह में डेम का निर्माण प्रस्तावित है। मंगलवार को विभागीय अधिकारी डेम की सीमा में आने वाले पेड़ों की दोबारा गणना और सत्यापन करने पहुंचे थे। जहां ग्रामीणों ने विरोध शुरू कर दिया।
साकलीडोह में प्रस्तावित मोरंड-गंजाल परियोजना का शुरू से विरोध हो रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि यहां डैम बनेगा तो उनकी जमीन, घर समेत सब छिन जाएगा। शासन स्तर से उनके पुनर्वास के लिए भी ठोस इंतजाम नहीं किए जा रहे हैं।
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पुल के दोनों ओर पत्थर-बाइक लगाकर रोका
मंगलवार को विरोध प्रदर्शन के दौरान नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण (एनवीडीए) और वन विभाग के अधिकारी 5 घंटे तक अपनी कारों में आदिवासियों से घिरे रहे। ग्रामीणों ने भाजी नदी के पुल के दोनों ओर पत्थर, बाइक और लकड़ी रखकर उन्हें दोनों तरफ से घेर लिया था। जंगल के बीच मोबाइल नेटवर्क भी नहीं था। जिस कारण अफसरों से संपर्क नहीं हो पा रहा था।
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एजीएम, उपयंत्री और प्रोजेक्ट मैनेजर सब परेशान
घटना की सूचना पाकर एसडीओपी राजू रजक और तहसीलदार राकेश खजूरिया करीब 5 घंटे बाद मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों को समझाइश देकर अधिकारियों को उनसे मुक्त कराया। उपयंत्री एचएल बामनिया के मुताबिक, वह अमले के साथ 1.30 बजे पहुंचे थे, जहां आदिवासियों ने घेर लिया। इस दौरान उनके साथ सब इंजीनियर अरुण साल्वे, जीतेंद्र वर्मा, एजीएम मलिक, प्रोजेक्ट मैनेजर खरीर ईएसडीओ जगदीशचंद बास्किल और सत्कार अधिकारी प्रशांत कुमार सहित अन्य सर्वेयर व ड्राइवर बंधक रहे।