लोकसभा चुनाव 2024: सिंधिया के गढ़ में सेंध लगा पाएंगे राव यादवेंद्र..? जानें गुना-शिवपुरी सीट का सियासी समीकरण 

Guna-Shivpuri political analysis: गुना-शिवपुरी लोकसभा सीट में 19 चुनाव हुए। 14 बार सिंधिया परिवार के सदस्य सांसद बने। भाजपा से छह बार वियजराजे और कांग्रेस चार-चार बार माधवराव व उनके बेटे ज्योतिरादित्य सिंधिया चुनाव जीते।

Updated On 2024-03-30 16:01:00 IST
Guna-Shivpuri Lok Sabha seat political analysis

Guna-Shivpuri political analysis: मध्य प्रदेश की गुना लोकसभा सीट एक बार फिर सुर्खियों में है। भाजपा ने सिटिंग सांसद केपी यादव का टिकट काटकर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को प्रत्याशी बनाया है। जबकि, कांग्रेस ने सिंधिया परिवार के धुर विरोधी रहे राव देशराज के बेटे यादवेंद्र सिंह को मैदान में उतारा है। 

राव यादवेंद्र सिंह यादव पांच माह पहले मुंगावली से विधानसभा चुनाव में किस्मत आजमाई थी, लेकिन सफलता नहीं मिली। अब लोकसभा चुनाव में वह केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को कितनी फाइट दे पाएंगे, यह तो 4 मई को परिणाम ही बताएंगे, लेकिन लड़ाई रोचक दिख रही है। यादवेंद्र के पिता राव देशराज ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके पिता माधवराव सिंधिया के खिलाफ चुनाव लड़ चुके हैं। 

गुना-शिवुपरी लोकसभा क्षेत्र से जुड़े अहम तथ्य 

  • गुना-शिवुपरी लोकसभा क्षेत्र में विधानसभा की 8 सीटें आती हैं। इनमें गुना, बमोरी, शिवपुरी, पिछोर, कोलारस, चंदेरी, मुंगावली और अशोकनगर शामिल हैं। जिनमें 18 लाख से ज्यादा मतदाता हैं। 
  • गुना-शिवुपरी लोकसभा का क्षेत्र काफी बड़ा है। 2019 के चुनाव में ज्योतिरादित्य सिंधिया को 41.89% यानी 4,88,500 वोट मिले थे। जबकि, केपी यादव ने 52 फीसदी 614049 वोट प्राप्त कर चुनाव जीता।  
  • गुना-शिवपुरी लोकसभा सीट में अब तक 19 चुनाव हुए। 14 बार सिंधिया परिवार ने जीत दर्ज की। 6 बार विजय राजे सिंधिया, 4 बार माधव राव सिंधिया और 4 बार ज्योतिरादित्य सिंधिया चुनाव जीते हैं। 
  • विजयाराजे सिंधिया और माधव राव सिंधिया लंबे समय तक अलग-अलग राजनीतिक दलों में रहे, लेकिन किसी चुनाव में आमने-सामने नहीं हुए। 
  • गुना-शिवपुरी लोकसभा के मतदाता राजनीतिक दल नहीं बल्कि, सिंधिया परिवार के मुफीद हैं। यही कारण हैं कि अलग-अलग सिम्बल से उन्हें चुनाव जिताते रहे हैं। 
  • गुना-शिवपुरी लोकसभा सीट से 2019 में पहली बार सिंधिया परिवार के किसी सदस्य की पराजय हुई। ज्योतिरादित्य सिंधिया इसी हार के बाद पार्टी बदलने को मजबूर हुए और अब वह भाजपा के सिम्बल पर चुनाव मैदान में हैं। 
  • गुना-शिवपुरी लोकसभा सीट में गुना, शिवपुरी और अशोक नगर जिले की आठ विधानसभा सीटें शामिल हैं। इनमें से तीन में कांग्रेस और पांच सीटों पर भाजपा के विधायक हैं। 
  • गुना-शिवपुरी लोकसभा क्षेत्र में 18.83 लाख मतदाता हैं। इनमें 2 लाख से ज्यादा यादव वोट बैंक है। 
  • कोलारस, चंदेरी, मुंगावली, अशोकनगर और पिछोर में यादव मतदाता पर्याप्त मात्रा में है, यादव बहुल 5 में 4 सीटें भाजपा के कब्जे में हैं। दो यादव विधायक भी भाजपा के हैं।
  • ज्योतिरादित्य सिंधिया 2002 में पहली बार सांसद निर्वाचित हुए थे। पिता माधवराव सिंधिया के निधन के बाद हुए इस उपचुनाव में ज्योतिरादित्य ने राव देशराज सिंह यादव को 4 लाख 6 हजार 568 मतों से हराया था। जो अब तक की सबसे बड़ी जीत है। 
  • ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पूर्व गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा, जयभान सिंह पवैया और हरिवल्लभ शुक्ला को चुनाव हरा चुके हैं, लेकिन 2019 में करीबी नेता डॉ केपी यादव से चुनाव हार गए थे।  

ज्योतिरादित्य सिंधिया का राजनीतिक कॅरियर 
ज्योतिरादित्य सिंधिया 2002 में पहली बार सांसद निर्वाचित हुए थे। पिता माधवराव सिंधिया के निधन के बाद हुए इस उपचुनाव में ज्योतिरादित्य ने राव देशराज सिंह यादव को 4 लाख 6 हजार 568 मतों से हराया था। जो अब तक की सबसे बड़ी जीत है।  ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पूर्व गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा, जयभान सिंह पवैया और हरिवल्लभ शुक्ला को चुनाव हरा चुके हैं, लेकिन 2019 में करीबी नेता डॉ केपी यादव से चुनाव हार गए। जिसके बाद पार्टी बदला और राज्यसभा के जरिए न सिर्फ संसद पहुंचे, बल्कि केंद्रीय नागरिग उड्डयन मंत्री जैसी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी संभाली। इससे पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया  मनमोहन सरकार में भी मंत्री रहे हैं। 

कौन हैं राव यादवेंद्र सिंह यादव 
राव यादवेंद्र सिंह यादव अशोक नगर जिले की मुंगावली विधानसभा क्षेत्र से आते हैं। उनके पिता राव देशराज सिंह यादव भाजपा के कद्दावर नेता थे। सिंधिया परिवार के खिलाफ लगातार चुनाव लड़ते रहे। यादवेंद्र के भाई अजय यादव जिला पंचायत अध्यक्ष, पत्नी अलका और मां बाई साहब यादव के साथ राव यादवेंद्र भी जिला पंचायत सदस्य हैं। उन्होंने 2023 में मुंगावली से शिवराज सरकार के मंत्री बृजेंद्र सिंह यादव के खिलाफ चुनाव लड़ा था, लेकिन हार गए। उनके परिवार के छह सदस्य सक्रिय राजनीति कर रहे हैं। यादवेंद्र लोकसभा के चुनाव में पहली बार किस्मत अजमा रहे हैं।  

गुना-शिवपुरी सीट का जातिगत गणित 
जातिगत समीकरण की बात करें तो गुना शिवपुरी लोकसभा सीट में सर्वाधिक 2 लाख 30 हजार मतदाता अनुसूचित जनजाति के हैं। अनुसूचित जाति 1 लाख से ज्यादा, ब्राह्नण-80 हजार, यादव-73 हजार, कुशवाहा- 60 हजार, रघुवंशी-32 हजार, मुस्लिम- 20 हजार और वैश्य जैन-20 हजार मतदाता हैं।

Similar News