Dhar Bhojshala Court Order: हाईकोर्ट की इंदौर बेंच का आदेश, धार भोजशाला का होगा सर्वे, 6 सप्ताह में जांच कर सौंपें रिपोर्ट 

Dhar Bhojshala Court Order: मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर बेंच ने धार भोजशाला का सर्वे कराने के आदेश दिए हैं। सोमवार को इस मुद्दे पर हुई सुनवाई के बाद कोर्ट ने (ASI) को 5 एक्सपर्ट की टीम बनाने के आदेश भी दिए हैं। (ASI) टीम को 6 सप्ताह में रिपोर्ट सौंपनी होगी।

Updated On 2024-03-11 16:47:00 IST
मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय खंडपीठ इंदौर।

Dhar Bhojshala Court Order: मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर बेंच ने धार भोजशाला का सर्वे कराने के आदेश दिए हैं। सोमवार को इस मुद्दे पर हुई सुनवाई के बाद कोर्ट ने (ASI) को 5 एक्सपर्ट की टीम बनाने के आदेश भी दिए हैं। (ASI) टीम को 6 सप्ताह में रिपोर्ट सौंपनी होगी।

धार भोजशाला विवाद काफी पुराना है। जिसमें हिंदू पक्ष का कहना है कि यह सरस्वती देवी का मंदिर है। जबकि मुसलमानों का कहना था कि यहां मौलाना कमालुद्दीन की मजार बनाई गई थी। हालांकि भोजशाला में आज भी देवी-देवताओं के चित्र और संस्कृत में श्लोक लिखे हुए हैं। 

हिंदू पक्ष ने दायर की थी याचिका
इससे पूर्व पिछली सुनवाई में हाईकोर्ट की खंडपीठ के समक्ष एक बहस हुई थी। इस सुनवाई में 1902 में हुए सर्वे को लेकर बहस हुई थी। इसमें हिंदू पक्ष की ओर से आशीष गोयल ने याचिकाकर्ता के रूप में मांग की थी कि भोजशाला परिसर का दोबारा सर्वे किया जाए। इस भोजशाला मामले में सात याचिकाएं दायर हैं। मुख्य याचिका हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस की दायर की गई है। इस याचिका में मुस्लिमों को भोजशाला में नमाज पढ़ने से तुरंत रोकने के लिएऔर हिंदुओं को नियमित पूजा करने का अधिकार देने की मांग रखी गई थी।

हाईकोर्ट ने दिए जांच के आदेश
सोमवार को हाईकोर्ट ने इस वैज्ञानिक सर्वे को GPR-GPS तरीके से करने के लिए कहा है। GPR यानी ग्राउंड पेनिट्रेटिंग रडार जमीन के अंदर जांचने की तकनीक है। इसमें रडार का उपयोग किया जाता है। इसमें अदृश्य यानी छुपी वस्तुओं को विभिन्न स्तर, रेखाओं और संरचनाओं का माप लिया जाता है। इसी तरह GPS सर्वे यानी ग्लोबल पॉजिशनिंग सिस्टम के तहत भी सर्वे करने का आदेश दिया है। पूरे सर्वे की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी भी कराई जाएगी।

वीडियोग्राफी कराने की मांग को किया स्वीकार्य
1 मई 2022 को इंदौर हाईकोर्ट में हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस ने यह याचिका दायर की थी। इस दायर याचिका में कहा गया था कि हर मंगलवार को हिंदू भोजशाला में यज्ञ कर उसे पवित्र करते हैं और हर शुक्रवार को मुसलमान नमाज के नाम पर यज्ञ कुंड को अपवित्र कर देते हैं। इसे तत्काल रोका जाए। इतना ही नहीं भोजशाला का पूर्ण आधिपत्य हिंदुओं को सौंप दिया जाए। इसके लिए संपूर्ण भोजशाला की फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी और खुदाई भी करवाई जाए। हालांकि हाईकोर्ट ने इन बिंदुओं के आधार पर सर्वे की मांग स्वीकार कर ली है।

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