Bhopal AIIMS News: भोपाल एम्स के डॉक्टरों ने रायसेन जिला अस्पताल में किया इलाज, AIIMS-BU मिलकर करेंगे शोध
AIIMS Bhopal News: एम्स भोपाल के डॉक्टरों ने रायसेन के जिला अस्पताल में मरीजों का इलाज किया और उन्हें बीमारियों के प्रति सचेत किया। वहीं, एम्स और बरकतउल्लाह विश्वविद्यालय मिलकर शोध कार्य करेंगे।
AIIMS Bhopal News: भोपाल एम्स के डॉक्टरों ने रायसेन जिला अस्पताल में मरीजों का इलाज किया।कार्डियोथोरेसिक सर्जरी और सामुदायिक एवं पारिवारिक चिकित्सा विभागों के डॉक्टरों ने बीते 31 मई शुक्रवार को अपनी सेवाएं दीं। आउटरीच गतिविधि से 45 रोगियों को लाभ मिला।
मरीजों को बताए उपाय
मुख्य रूप से ऐसे मरीज, जिन्हें गैर-संचारी रोगों (एनसीडी) के लिए अनुवर्ती देखभाल की आवश्यकता थी। रोगियों को व्यापक स्वास्थ्य जानकारी दी गई, जिसमें उनकी स्थिति को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने के लिए निवारक उपाय बताए गए। इसके अलावा कुछ रोगियों में गर्मी से संबंधित प्रतिक्रियाओं के लक्षण थे, जो वर्तमान मौसम की स्थिति के कारण बढ़ गए थे। इन मामलों में चिकित्सा दल ने हीट स्ट्रोक और निवारक रणनीतियों पर परामर्श प्रदान किया।
मुख्य रूप से मरीजों को हाइड्रेटेड रहने, ढीले और हल्के रंग के कपड़े पहनने, पीक आवर्स के दौरान सीधे धूप में निकलने से बचने और गर्मी से संबंधित बीमारियों के शुरुआती लक्षणों को पहचानने की जानकारी दी गई।
एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रोफेसर डॉ. अजय सिंह ने कहा कि दूर-दराज के ग्रामीण आबादी तक पहुंचने के लिए हमारी प्रतिबद्धता अटूट है। इन प्रयासों के माध्यम से हमारा लक्ष्य आवश्यक चिकित्सा देखभाल और स्वास्थ्य शिक्षा प्रदान करना है, जिससे समुदायों को स्वस्थ जीवन जीने के लिए सशक्त बनाया जा सके।
भोपाल एम्स और बरकतउल्ला विश्वविद्यालय करेंगे शोध
एम्स भोपाल और बरकतउल्ला विश्वविद्यालय अब मिलकर शोध कार्य को बढ़ावा देंगे। इसके लिए शनिवार को एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रोफेसर डॉ. अजय सिंह और बरकतउल्ला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सुरेश कुमार जैन ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
प्रोफेसर डॉ. अजय सिंह ने कहा कि वैसे तो एम्स भोपाल पिछले 5 वर्षों से बरकतउल्ला विश्वविद्यालय के साथ मिलकर विभिन्न शोध कार्य कर रहा है, लेकिन अब इसे एक नया आयाम देने की जरूरत है। इसके लिए जरूरी है कि हम मिलकर शैक्षणिक कार्यक्रम शुरू करें। खासकर ड्यूल प्रोग्राम की डिग्री पर काम करें। इसके अलावा हमें स्टूडेंट एक्सचेंज प्रोग्राम और फैकल्टी एक्सचेंज के जरिए नई संभावनाएं तलाशनी चाहिए।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, सोशल मेडिसिन और सोशल रिफॉर्म व मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में खास तौर पर काम करने की जरूरत है। वहीं, बरकतउल्ला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सुरेश कुमार जैन ने कहा कि हम बायोइंफॉर्मेटिक्स और सामाजिक व सांस्कृतिक क्षेत्र में मिलकर कुछ ऐसा काम कर सकते हैं, जो समाज के लिए खास तौर पर उपयोगी होगा।
प्रोफेसर जैन ने कहा कि एम्स भोपाल में चल रही विभिन्न परियोजनाओं के साथ जुड़कर कुछ नया करना होगा। इस तरह के संयुक्त प्रयासों में फंडिंग को लेकर कोई समस्या नहीं आएगी।