CM डॉ मोहन यादव बोले-: स्कूलों में ड्राप आउट रेट बढ़ा तो जिम्मेदार अफसरों पर होगी सख्त कार्रवाई

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने लाड़ली लक्ष्मी, आंगनवाड़ी सेवाओं, पोषण और शिक्षा को लेकर बड़ी समीक्षा की। बेटियों को छात्रवृत्ति, सेंट्रल किचन से गर्म भोजन, नए आंगनवाड़ी भवन और डिजिटल पारदर्शिता जैसे कई बड़े फैसले लिए।

Updated On 2025-12-03 14:29:00 IST

सीएम मोहन यादव।

मध्यप्रदेश में महिलाओं और बच्चों से जुड़ी योजनाओं को और मजबूत करने के लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बुधवार को मंत्रालय में महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक की। समीक्षा बैठक में लाड़ली लक्ष्मी योजना, आंगनवाड़ी सेवाओं की गुणवत्ता, पोषण प्रबंधन और डिजिटल पारदर्शिता जैसे कई अहम मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई। बैठक में सबसे बड़ा फोकस उन बालिकाओं पर रहा, जिन्हें किसी न किसी वजह से स्कूल छोड़ना पड़ता हैं। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि वे ऐसे मामलों की निगरानी करें और देखें कि बच्चियां किस वजह से स्कूल छोड़ रही हैं। स्कूलों में ड्राप आउट बढ़ने पर जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

अगले साल से शहरी आंगनवाड़ियों में मिलेगा गर्म ताजा भोजन

सरकार अब लाड़ली लक्ष्मी योजना का विस्तार कर रही है, जिसके तहत राज्य की 34 लाख बेटियों को नियमित छात्रवृत्ति और प्रोत्साहन राशि दी जाएगी ताकि वे बिना रुकावट पढ़ाई जारी रख सकें। विभाग द्वारा प्रस्तुत अगले तीन वर्षों के प्लान में बड़ा बदलाव यह है कि 2026 से शहरी आंगनवाड़ियों में सेंट्रल किचन के माध्यम से बच्चों को रोजाना गर्म, पौष्टिक और ताजा भोजन दिया जाएगा। साथ ही 2047 के विजन के तहत प्री-स्कूल शिक्षा को उन्नत करने पर विशेष ध्यान रखा जाएगा। बच्चों की सीखने की क्षमता बढ़ाने के लिए निपुण भारत आधारित विकास कार्ड लागू किए जाएंगे। प्रदेश में 9,000 नए आंगनवाड़ी भवन बनाने का भी मेगा प्लान तैयार किया गया है, जिससे सेवाओं में और सुधार आएगा।

टेक-होम राशन व्यवस्था में देश में पहले स्थान पर मप्र

समीक्षा बैठक में बताया गया कि मध्यप्रदेश टेक-होम राशन व्यवस्था में देश में पहले स्थान पर है और लाभ वितरण में पारदर्शिता को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया है। राज्य देश का पहला प्रदेश है जहां आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की भर्ती पूरी तरह ऑनलाइन कर दी गई है। स्पॉन्सरशिप योजना के तहत 20,243 बच्चों को लाभ पहुंचाया गया है, जिसके चलते एमपी देश में दूसरे स्थान पर है। झाबुआ की मोटी आई परियोजना को प्रधानमंत्री उत्कृष्टता पुरस्कार भी मिला है। भवन निर्माण की रियल-टाइम मॉनिटरिंग के लिए विकसित मॉड्यूल और जियो-फेंसिंग आधारित उपस्थिति प्रणाली को भारत सरकार ने डिजिटल पारदर्शिता का बेहतरीन मॉडल माना है।

लाड़ली लक्ष्मी योजना का विस्तार करेगी सरकार

महिला एवं बाल विकास विभाग की उपलब्धियों में प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत 9.70 लाख गर्भवती महिलाओं को 512 करोड़ रुपए से अधिक की सहायता देना शामिल है। वहीं, लाड़ली बहना योजना के माध्यम से जनवरी 2024 से नवंबर 2025 के बीच 36,778 करोड़ रुपए महिलाओं के खातों में भेजे गए हैं। महिला हेल्पलाइन और वन स्टॉप सेंटरों ने लाखों महिलाओं को सुरक्षा और सहायता उपलब्ध कराई है। राज्य में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत पौधारोपण, ड्राइविंग लाइसेंस वितरण और बालिकाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं के प्रशिक्षण जैसी पहलें भी सकारात्मक बदलाव लाने में महत्वपूर्ण साबित हो रही हैं।

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