सजा नहीं सुधार: हरियाणा की जेलें बनेंगी हुनरमंदों का ठिकाना, सरकार ने राज्य में शुरू किया 4 नई जेलों का निर्माण
चरखी दादरी, फतेहाबाद और पंचकूला में भी नई जेलें बनाने की योजना है। रेवाड़ी में 1,000 कैदियों की क्षमता वाली एक नई जेल का निर्माण जारी है, जिसका उद्घाटन 15 जून 2025 को किया जा चुका है।
हरियाणा की जेलों में कैदियों को हुनरमंद बनाया जाएगा।
हरियाणा की जेलें वर्तमान में अपनी क्षमता से कहीं ज्यादा कैदियों को संभाल रही हैं। राज्य की 20 जेलों में कुल 22,837 कैदियों को रखने की क्षमता है जबकि 1 जुलाई 2025 तक यहां 27,230 कैदी बंद थे। यानी क्षमता से 4,393 अधिक कैदी। यह स्थिति जेल प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती पेश करती है, हालांकि डीजी जेल का कार्यभार संभालने वाले आईपीएस आलोक राय ने बताया कि इस बढ़ी हुई संख्या के बावजूद कैदियों के लिए पर्याप्त जगह मौजूद है। इस समस्या को स्थायी रूप से हल करने के लिए सरकार ने राज्य में नई जेलों का निर्माण शुरू कर दिया है। यह कदम न केवल भीड़भाड़ को कम करेगा, बल्कि कैदियों के सुधार और पुनर्वास की दिशा में भी महत्वपूर्ण साबित होगा।
रोहतक में तेजी से चल रहा है हाई-सिक्योरिटी जेल का निर्माण
जेल प्रशासन इस समस्या से निपटने के लिए तेजी से काम कर रहा है। रोहतक में एक हाई-सिक्योरिटी जेल का निर्माण अंतिम चरण में है, जिसके दिसंबर 2025 तक पूरा होने की उम्मीद है। इस जेल में 312 कुख्यात अपराधियों को रखने की क्षमता होगी। यह जेल ऐसे अपराधियों के लिए विशेष रूप से बनाई जा रही है, जिससे सुरक्षा व्यवस्था को और भी मजबूत किया जा सकेगा।
इसके साथ ही करनाल में अधिकारियों और कर्मचारियों के प्रशिक्षण के लिए एक जेल अकादमी का भी निर्माण किया गया है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने इसका उद्घाटन किया। यह अकादमी जेल कर्मचारियों को आधुनिक प्रशिक्षण देकर जेल प्रशासन को और अधिक कुशल बनाएगी।
तीन और जिलों में जेलों के लिए भूमि खरीदी जा चुकी
क्षमता की कमी को दूर करने के लिए चरखी दादरी, फतेहाबाद और पंचकूला में भी नई जेलों के निर्माण की योजना है। इन तीनों जिलों में जेलों के लिए भूमि खरीदी जा चुकी है।
• चरखी दादरी में 1200 कैदियों की क्षमता वाली जेल के लिए 97.93 करोड़ रुपये का प्रस्ताव राज्य सरकार के पास विचाराधीन है।
• फतेहाबाद में भी 1200 कैदियों की क्षमता वाली जेल के निर्माण के लिए 99.97 करोड़ रुपये की प्रशासनिक स्वीकृति मिल चुकी है। इसके लिए टेंडर प्रक्रिया हरियाणा पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन के स्तर पर विचाराधीन है। इसके अलावा फतेहाबाद जेल के आवासीय मकानों के लिए 50 करोड़ रुपये का प्रस्ताव भी सरकार के पास विचाराधीन है।
रेवाड़ी में भी आधुनिक सुविधाओं से लैस जेल बनाने का कार्य जारी
रेवाड़ी में एक आधुनिक जिला जेल का निर्माण भी जारी है जिसकी क्षमता 1000 कैदियों की होगी। इसका उद्घाटन 15 जून 2025 को मुख्यमंत्री द्वारा किया जा चुका है।
इसके अलावा कैदियों के सुधार और उनके समाज में पुनः समायोजन के लिए फरीदाबाद और करनाल में ओपन जेल स्थापित की गई हैं। इन जेलों में ऐसे कैदियों को रखा जाता है जिनका व्यवहार अच्छा है। फरीदाबाद में 36 और करनाल में 30 कैदियों को रखने की व्यवस्था है और कई कैदियों को इन जेलों में स्थानांतरित भी किया जा चुका है।
कैदियों को हुनरमंद बनाने की पहल
जेलों में बंद कैदियों के पुनर्वास के लिए सरकार कौशल विकास कार्यक्रमों पर जोर दे रही है। करेक्शनल कंपाउंड्स के पहले चरण को शुरू करने की मंजूरी मिल गई है, जिसका निर्माण कार्य जारी है। कौशल विकास कार्यक्रमों के तहत निम्न तैयारियां और सुविधाएं दी जा रही हैं।
• कौशल विकास एवं औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग के सहयोग से 686 कैदियों को कौशल विकास के कोर्स करवाए जा रहे हैं।
• पांच और जेलों अंबाला, पानीपत, करनाल, फरीदाबाद और गुरुग्राम में भी जल्द ही ऐसे कोर्स शुरू करने की तैयारी है।
• इन कैदियों के लिए पॉलिटेक्निक के माध्यम से लंबी अवधि के डिप्लोमा और कोर्स शुरू करने का भी प्रस्ताव भेजा गया है।
• इन पहलों से कैदियों को जेल से बाहर निकलने के बाद रोजगार के अवसर मिलेंगे और वे समाज की मुख्यधारा से जुड़ सकेंगे।
जेलों में पेट्रोल पंप और अन्य उद्योग स्थापित
कैदियों को रोजगार के अवसर प्रदान करने और जेलों की आय बढ़ाने के लिए कई अनूठी पहलें की गई हैं। इसके तहत कुरुक्षेत्र की जिला जेल में इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड के सहयोग से एक पेट्रोल पंप और सीएनजी फिलिंग स्टेशन स्थापित किया गया है। पिछले कैलेंडर वर्ष में इसकी कुल बिक्री लगभग 54 करोड़ रुपये रही। इसी सफलता को देखते हुए अंबाला, हिसार-2, यमुनानगर, करनाल और सोनीपत में भी ऐसे ही पेट्रोल पंप स्थापित किए गए हैं। जेलों में रेडियो स्टेशन, सरसों का तेल निकालने के लिए कोल्हू और आटा चक्की जैसी मशीनें भी लगाई गई हैं। उद्योगशालाओं में कैदियों द्वारा घरेलू इस्तेमाल की वस्तुएं भी तैयार की जा रही हैं, जो उन्हें आत्मनिर्भर बनने में मदद कर रही हैं।
जेलों में आधुनिक तकनीक का उपयोग
जेलों की सुरक्षा को बढ़ाने और प्रशासन को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए नवीनतम तकनीक का उपयोग किया जा रहा है। जिसमें प्रदेश की जेलों में बैगेज स्कैनर, डोर फ्रेम मेटल डिटेक्टर और हैंड हेल्ड मेटल डिटेक्टर जैसे उपकरण लगाए गए हैं। वहीं अंबाला की केंद्रीय जेल में टॉवर्स हारमोनियस कॉल ब्लॉकिंग सिस्टम स्थापित करने का काम चल रहा है, जबकि गुरुग्राम जेल में भी इसे स्थापित करने की प्रक्रिया जारी है। सुरक्षा की निगरानी के लिए 1350 सीसीटीवी कैमरे और कंट्रोल रूम स्थापित किए गए हैं। कैदियों की कोर्ट में पेशी के लिए 436 वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग (वीसी) सिस्टम लगाए गए हैं। वर्तमान में लगभग 84% कैदियों को वीसी के माध्यम से ही कोर्ट में पेश किया जा रहा है, जिससे सुरक्षा जोखिम और खर्च दोनों कम हुए हैं।
बेहतर चिकित्सा और अन्य सुविधाएं
कैदियों के स्वास्थ्य का ध्यान रखने के लिए जेलों में स्थित अस्पतालों को नवीन मशीनों से सुसज्जित किया गया है, जिससे उन्हें बेहतर चिकित्सा सुविधाएं मिल सकें। इन सभी पहलों से स्पष्ट होता है कि हरियाणा सरकार केवल जेलों की संख्या बढ़ाने पर ही नहीं, बल्कि कैदियों के सुधार, उनके कौशल विकास और जेलों की सुरक्षा व्यवस्था को आधुनिक बनाने पर भी ध्यान केंद्रित कर रही है। यह एक दूरदर्शी कदम है जो अपराध के बाद के जीवन को बेहतर बनाने और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने में सहायक होगा।