Anti Rabies Vaccine : 15 दिन बाद बच्ची की अमेरिका में मौत,  PGI रोहतक में दी गई थी खुराक 

PGI रोहतक में एंटी रेबीज वैक्सीन लगवाने के 15 दिन बाद 8 साल की बच्ची की अमेरिका में मौत, जांच में वैक्सीन के दिमाग में अंश मिलने से हड़कंप मच गया।

Updated On 2025-04-27 15:58:00 IST
दिशा का फाइल फोटो।

Anti Rabies vaccination : हरियाणा के रोहतक जिले में एक दुखद घटना सामने आई है, जिसमें एंटी रेबीज वैक्सीन के 15 दिन बाद एक आठ वर्षीय बच्ची की मौत हो गई। यह वैक्सीन रोहतक स्थित पीजीआई (PGI) में लगाई गई थी। इस मामले ने न केवल हरियाणा, बल्कि देशभर में स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। बच्ची की मौत के बाद अमेरिका के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) ने भारत सरकार से जांच की मांग की, जिसके बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मामले की जांच के लिए एक टीम भेजी है।

10 मार्च को गली में खेलते वक्त कुत्ते के काटने से घायल हो गई थी बच्ची 

श्रीनगर कॉलोनी, रोहतक के निवासी यशदीप ने बताया कि उनकी बेटी दिशा 10 मार्च को गली में खेलते वक्त कुत्ते के काटने से घायल हो गई थी। उसे तुरंत पीजीआई ले जाया गया, जहां आपातकालीन विभाग में उसे एंटी रेबीज वैक्सीन दी गई। दिशा को 15 मार्च और 17 मार्च को वैक्सीनेशन का दूसरा और तीसरा डोज दिया गया। इसके बाद 21 मार्च को बच्ची और उसका परिवार अमेरिका घूमने के लिए रवाना हो गया। अमेरिका पहुंचने के दो दिन बाद दिशा को बुखार आया और उसकी तबियत खराब हो गई। अस्पताल में भर्ती कराने के कुछ घंटों बाद उसकी सांस फूलने लगी, जिससे उसे आईसीयू में शिफ्ट करना पड़ा। हालांकि, स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ और पांच दिन बाद बच्ची की मौत हो गई।

पोस्टमार्टम में चौंकाने वाली रिपोर्ट 

बच्ची के शव का पोस्टमार्टम कराया गया, जिसमें यह खुलासा हुआ कि उसके दिमाग में एंटी रेबीज वैक्सीन के अंश पाए गए। यह पता चलते ही अमेरिका के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) ने भारत सरकार से इस मामले की जांच करने की अपील की। इसके बाद 20 अप्रैल को केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग की एक टीम रोहतक के पीजीआई पहुंची, जहां उन्होंने वैक्सीन की एक्सपायरी डेट और संबंधित रिकॉर्ड की जांच की। टीम ने वैक्सीनेशन के बॉक्स को सील कर दिया और सभी रिकॉर्ड की गहन जांच शुरू कर दी। 

दिमाग में एंटी रेबीज वैक्सीन के अंश पाए गए 

यह पहला मामला है, जब किसी मरीज के दिमाग में एंटी रेबीज वैक्सीन के अंश पाए गए हैं। पीजीआई के चिकित्सकों ने बताया कि इस तरह का मामला पहले कभी सामने नहीं आया। एंटी रेबीज वैक्सीनेशन के लिए प्रोटोकॉल के अनुसार पहली डोज के बाद दूसरा डोज तीसरे दिन और तीसरा डोज सातवें दिन दिया जाता है। हालांकि, इस मामले में वैक्सीनेशन का तरीका जल्दबाजी में लिया गया प्रतीत होता है। 

इसके परिणामस्वरूप, पीजीआई ने अब व्यवस्था में बदलाव करते हुए भविष्य में वजन के हिसाब से वैक्सीन का डोज देने का निर्णय लिया है। साथ ही, नई गाइडलाइन भी जारी की जाएगी ताकि किसी भी मरीज को भविष्य में ऐसी समस्या का सामना न करना पड़े।

मौत के कारणों की जांच जारी

सीडीसी के साथ मिलकर भारत सरकार ने इस मामले की पूरी जांच का आदेश दिया है। स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि जांच में सहयोग दिया जा रहा है और पूरी प्रक्रिया पारदर्शिता से की जा रही है। डॉ. प्रियंका चोपड़ा, डीएमएस, आपातकालीन विभाग, पीजीआई, ने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग की टीम ने पूरी जानकारी मांगी है, और वे मामले की गंभीरता से जांच कर रहे हैं।

पीजीआई में आक्रोश और सवाल उठाए जा रहे 

यह घटना न केवल पीजीआई रोहतक, बल्कि स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए भी एक बड़ा झटका है। पीजीआई में इस घटना के बाद खलबली मच गई है, क्योंकि किसी भी मेडिकल प्रक्रिया में ऐसी दुर्लभ स्थिति का सामने आना चिंता का विषय बन जाता है। पीजीआई में काम कर रहे डॉक्टरों ने कहा कि वैक्सीनेशन के दौरान कोई गलती नहीं हुई थी, लेकिन अब इस मामले की गहन जांच की जा रही है।

बच्ची के परिवार का दर्द और सवाल

बच्ची की मृत्यु के बाद उसके परिवार का दुख अवर्णनीय है। यशदीप ने कहा कि उनकी बेटी के साथ ऐसा क्यों हुआ, यह एक बड़ा सवाल है। उन्होंने प्रशासन से यह सुनिश्चित करने की अपील की है कि इस तरह की त्रासदी किसी और के साथ न हो। बच्ची के परिवार का मानना है कि यदि कोई चूक हुई है तो जिम्मेदारों को जवाबदेह ठहराया जाए। 

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