काम की खबर: डॉग बाइट और आवारा पशुओं के हमले पर मिलेगा मुआवजा, जानें पूरी योजना
अगर कुत्ते के काटने से केवल दांत के निशान आए हैं, तो ₹10,000 प्रति निशान और अगर मांस फट गया है, तो 20,000 रुपये प्रति 0.2 सेमी घाव के हिसाब से मुआवजा मिलेगा। इसके अलावा मौत या विकलांगता की स्थिति में 5 लाख तक की सहायता राशि दी जाएगी।
हरियाणा में अब डॉग बाइट और आवारा पशुओं के हमले पर मिलेगा मुआवजा।
हरियाणा में लगातार बढ़ रहे कुत्तों के काटने और आवारा पशुओं के हमले के मामलों को देखते हुए नायब सिंह सैनी सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। अब ऐसे मामलों में पीड़ित को सरकार की ओर से भारी-भरकम मुआवजा दिया जाएगा। सरकार ने इस संबंध में आधिकारिक अधिसूचना भी जारी कर दी है। इस प्रावधान को दीन दयाल उपाध्याय अंत्योदय परिवार सुरक्षा योजना (दयालु-II) में जोड़ा गया है, जिसका उद्देश्य आकस्मिक घटनाओं में प्रभावित होने वाले परिवारों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है।
ऐसे होगा मुआवजा राशि का निर्धारण
सरकार की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार मुआवजे की राशि को चोट की गंभीरता के आधार पर तय किया गया है।
• सामान्य घाव : अगर कुत्ते के काटने से केवल दांतों के निशान आए हैं, तो न्यूनतम 10,000 रुपये प्रति दांत के निशान के हिसाब से मुआवजा दिया जाएगा।
• गंभीर घाव : अगर काटने से त्वचा से मांस अलग हो गया है, तो न्यूनतम 20,000 रुपये प्रति 0.2 सेमी घाव के हिसाब से मुआवजा मिलेगा।
इसके अलावा अगर किसी व्यक्ति की मौत या विकलांगता होती है, तो मुआवजा राशि उम्र के अनुसार तय की गई है।
उम्र और मुआवजे की राशि
0-12 साल, 1 लाख रुपये
12-18 साल, 2 लाख रुपये
18-25 साल, 3 लाख रुपये
25-45 साल, 5 लाख रुपये
45 से ज्यादा, 3 लाख रुपये
यह योजना केवल डॉग बाइट के लिए नहीं, बल्कि आवारा पशुओं जैसे गाय, बैल, गधे, नीलगाय, भैंस और अन्य लावारिस जानवरों के हमले के कारण हुई दुर्घटनाओं के लिए भी लागू है।
मुआवजा पाने के लिए जरूरी शर्तें
मुआवजा पाने के लिए कुछ शर्तों को पूरा करना अनिवार्य होगा।
• हमला किसी आवारा या पालतू कुत्ते द्वारा सार्वजनिक स्थान पर हुआ हो।
• यह साबित हो कि जानवर को हमला करने के लिए उकसाया नहीं गया था।
• हमले के कारण शारीरिक चोटें आई हों।
• परिवार की सालाना आय 1 लाख 80 हजार रुपये से कम होनी चाहिए।
• आवेदक हरियाणा का निवासी हो और उसके पास परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) संख्या हो।
• योजना आधिकारिक राजपत्र में अधिसूचना की तिथि से लागू होगी। इस अधिसूचना के जारी होने से पहले हुई किसी भी घटना के लिए कोई दावा स्वीकार नहीं किया जाएगा।
जिला स्तरीय समिति का गठन
इस योजना के तहत किए गए दावों का निपटारा करने के लिए हर जिले में एक विशेष समिति का गठन किया जाएगा। इस समिति में ये लोग शामिल होंगे।
• संबंधित जिले के उपायुक्त
• पुलिस अधीक्षक
• संबंधित क्षेत्र के एसडीएम
• जिला परिवहन अधिकारी
• मुख्य चिकित्सा अधिकारी का प्रतिनिधि
• योजना अधिकारी/जिला सांख्यिकी अधिकारी
यह समिति दावे की जांच करेगी और सभी आवश्यक दस्तावेजों के साथ 120 दिनों के भीतर मुआवजे की अनुशंसा करेगी। यदि दावा निराधार पाया जाता है, तो उसे रद्द भी किया जा सकता है।
ऐसे करें आवेदन
मुआवजे के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया को ऑनलाइन बनाया गया है। लाभार्थी को हादसे के 90 दिनों के भीतर योजना के ऑनलाइन पोर्टल https://dapsy.finhry.gov.in के माध्यम से आवेदन करना होगा। आवेदन पत्र के साथ सभी आवश्यक दस्तावेज और विवरण पेश करने होंगे।
बढ़ रहे डॉग बाइट के मामले
हरियाणा में डॉग बाइट के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक रोजाना औसतन 100 लोग इसका शिकार होते हैं। चंडीगढ़ में ही इस साल जनवरी से जुलाई के बीच 23,198 डॉग बाइट के मामले दर्ज किए गए हैं। इस समस्या से निपटने के लिए सरकार ने आवारा कुत्तों के लिए शेल्टर हाउस बनाने का भी फैसला किया है। सभी नगर पालिकाओं और नगर परिषदों को डॉग शेल्टर बनाने के लिए जगह चिन्हित करने के निर्देश दिए गए हैं।
यह योजना न केवल पीड़ितों को वित्तीय राहत प्रदान करेगी, बल्कि आवारा पशुओं की समस्या से निपटने के लिए सरकार के प्रयासों को भी दर्शाती है। यह एक महत्वपूर्ण कदम है जो नागरिकों की सुरक्षा और कल्याण के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को मजबूत करता है।
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