Haryana flood: नदियां उफान पर, कुरुक्षेत्र व अंबाला में हाईवे डूबे, 5 लाख एकड़ फसल चौपट
हरियाणा में लगातार बाढ़ व बारिश का कहर जारी है। अंबाला और कुरुक्षेत्र में नेशनल हाईवे तक पानी पहुंच गया। इससे यातायात प्रभावित हो गया है। वहीं, कई नदियां उफान पर हैं।
हरियाणा में यमुना नदी में बढ़ा जलस्तर खतरे की दे रहा चेतावनी।
Haryana flood : हरियाणा में लगातार हो रही बारिश और पहाड़ों से छोड़े गए पानी ने हालात गंभीर कर दिए हैं। हथिनीकुंड बैराज से लगातार चौथे दिन भारी मात्रा में पानी छोड़ा जा रहा है, जिससे यमुना और उसकी सहायक नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ा है। प्रदेश के कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात हैं और प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है।
हथिनीकुंड बैराज से पानी छोड़ा, यमुना में उफान
हथिनीकुंड बैराज से 1 सितंबर की सुबह से फ्लड गेट खोले गए थे, जिसके बाद से अब तक लाखों क्यूसेक पानी छोड़ा जा चुका है। दोपहर 3 बजे तक यहां से करीब 1,32,295 क्यूसेक पानी दर्ज किया गया, जो खतरे के निशान से कहीं ज्यादा है। इतना पानी छोड़े जाने के कारण यमुना का जलस्तर दिल्ली, फरीदाबाद और हरियाणा के यमुना से लगे जिलों में लगातार बढ़ रहा है। यमुनानगर, करनाल, पानीपत और सोनीपत जिलों के निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। दिल्ली के ओखला बैराज से छोड़ा गया 2,35,550 क्यूसेक पानी अब फरीदाबाद पहुंच चुका है, जिससे यहां यमुना नदी खतरे के निशान पर है। ग्रामीण क्षेत्रों में प्रशासन ने हाई अलर्ट जारी कर दिया है।
दो नेशनल हाईवे पर पानी
इधर, अंबाला में टांगरी, मारकंडा और बेगना नदियां उफान पर हैं। स्थिति इतनी बिगड़ी कि अंबाला-रुड़की नेशनल हाईवे-344 पर बाढ़ का पानी चढ़ गया। प्रशासन को हाईवे का एक हिस्सा बंद करना पड़ा, जिससे ट्रैफिक जाम की स्थिति बन गई। यह हाईवे हरियाणा को उत्तराखंड, हिमाचल, यूपी और पंजाब से जोड़ता है, ऐसे में पांच राज्यों का वाहन यातायात प्रभावित हुआ है। वहीं, कुरुक्षेत्र में मारकंडा नदी का पानी ठसका मीरांजी गांव को पार करके हिसार-चंडीगढ़ नेशनल हाईवे 152 पर आ गया। अब पानी इस्माइलाबाद की तरफ जा सकता है।
कुरुक्षेत्र में तटबंध टूटा, फसलें डूबीं
कुरुक्षेत्र जिले में मारकंडा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। दोपहर तक इसका लेवल 34,550 क्यूसेक दर्ज किया गया। नदी के तेज बहाव ने नैसी गांव के पास तटबंध तोड़ दिया, जिससे खेतों में पानी भर गया। शाहाबाद और इस्माइलाबाद में प्रशासन ने हाई अलर्ट जारी कर SDRF की टीमें तैनात कर दी हैं। ज्योतिसर के पास SYL नहर के चैनल खोलकर पानी बीबीपुर झील में भेजा गया। इससे वहां खड़ी 5000 एकड़ फसल खराब होने के हालात बन गए हैं।
कैथल में घग्गर नदी ने बढ़ाई चिंता
कैथल जिले के गुहला क्षेत्र में घग्गर नदी का जलस्तर 23 फीट तक पहुंच गया है, जो खतरे के निशान के बराबर है। हालात को देखते हुए जिला प्रशासन ने स्कूल, कॉलेज और शिक्षण संस्थानों में छुट्टियां घोषित कर दी हैं। सरकारी स्कूलों में सिर्फ स्टाफ को बुलाया जा रहा है। साथ ही ग्रामीणों को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं।
अंबाला की टांगरी नदी में उतार-चढ़ाव
अंबाला में टांगरी नदी का जलस्तर सुबह 4 बजे तक 41,000 क्यूसेक दर्ज किया गया था, जिससे कई गांवों में 5-5 फीट तक पानी भर गया। हालांकि सुबह 9 बजे के बाद जलस्तर घटकर 25,000 क्यूसेक पर आ गया, जिससे कुछ राहत मिली है। अंबाला में शहरी इलाकों में भी जलभराव की स्थिति बनी हुई है। डीसी कार्यालय तक पानी पहुंच गया है।
झज्जर, दादरी और सोनीपत में भी बरसात
प्रदेश के झज्जर, चरखी दादरी, सोनीपत और पानीपत जिलों में शुक्रवार को भी रुक-रुक कर तेज बारिश हुई। लगातार हो रही बारिश से ग्रामीण इलाकों में जलभराव बढ़ रहा है और किसान फसल खराब होने की चिंता में हैं। प्रदेश में करीब पांच लाख एकड़ में फसल खराब हुई है। किसानों ने मुआवजे के लिए ई क्षतिपूर्ति पोर्टल पर आवेदन किया है। अब यह देखना है कि सरकार कितनी जल्दी मदद मुहैया करवाती है।
प्रशासन ने बढ़ाई सतर्कता, टीमें तैनात
प्रदेश के सभी संवेदनशील जिलों में प्रशासन ने अलर्ट घोषित कर दिया है। राहत-बचाव कार्यों के लिए NDRF और SDRF की टीमों को तैनात किया गया है। ग्रामीणों से अपील की गई है कि नदियों के किनारे और निचले इलाकों में न जाएं। वहीं, किसानों को सलाह दी गई है कि फसल और पशुओं को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाएं।