High Court: पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने उम्रकैद की सजा पाए 3 दोषियों को किया बरी, जानें क्यों पलटा फैसला ?

Punjab-Haryana High Court: पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने ड्राइवर हत्या मामले में उम्रकैद की सजा पाए 3 दोषियों को बरी कर दिया है। यहां पढे़ं कोर्ट ने अपना फैसला क्यों बदला ?

Updated On 2025-07-31 16:49:00 IST

पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने 3 दोषियों को किया बरी। 

Punjab-Haryana High Court: पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने हत्या के मामले में शामिल उम्रकैद की सजा पाने वाले 3 दोषियों को बरी कर दिया है। हाईकोर्ट ने फैसला लेते हुए कहा है कि मृतक का शव नहीं मिला है और न ही मामले से जुड़े कोई सबूत मिले हैं। ऐसे में सबूतों की कमी के कारण आरोपियों के खिलाफ दोष सिद्ध नहीं हो पाया है।
जस्टिस मंजीरी नेहरू कौल और जसिटस HS ग्रेवाल की खंडपीठ के मुताबिक मृतक का शव न मिलना अभियोजन पक्ष की सबसे बड़ी कमजोरी है। मामला केवल एक अनुमान पर आधारित है, जिसमें हत्या की कोई प्रत्यक्ष पुष्टि नहीं की गई है।

बिहार से मिली ड्राइवर की गाड़ी
फरीदाबाद के रहने वाले अभियुक्त नियाज, इमरान और अन्य ने पंजाब से उत्तराखंड जाने का प्लान बनाया था। सभी ने ज्ञान चंद नाम के ड्राइवर को उत्तराखंड ले जाने के लिए कहा था। लेकिन ज्ञान चंद कार सहित गायब हो गया था, पुलिस ने काफी तलाशी के बाद गाड़ी बिहार से बरामद की थी, लेकिन ड्राइवर का कुछ पता नहीं लग पाया।

तीनों ने कबूल किया जुर्म
पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने कबूल कर लिया था कि उन्होंने ज्ञान चंद की हत्या करके उसका शव आगरा नहर में फेंक दिया था, लेकिन शव कभी नहीं मिला। कोर्ट के मुताबिक अभियोजन यह साबित करने में असफल रहा रहा कि हत्या के पीछे कोई ठोस वजह या दुश्मनी थी। पुलिस ने मृतक का पर्स और घड़ी महीनों बाद खुले स्थान से बरामद किए थे, जिसकी वजह से कानूनी वैधता पर कईं सवाल खड़े हो गए। कई गवाह ट्रायल के दौरान अपने पहले के दिए गए बयानों से पलट गए थे।

कोर्ट ने क्या कहा ?
कोर्ट ने कहा कि ऐसे मामलों में मकसद की अहम भूमिका मानी जाती है, जो इस केस में नहीं है। अभियोजन यह साबित नहीं कर पाया कि आरोपियों और अपराध के बीच कोई सीधा कनेक्शन था। कोर्ट का कहना है कि जब शव न मिले और परिस्थितिजन्य सबूत भी अपर्याप्त हो, तो ऐसे में यह मामला कानून की दृष्टि से पूरी तरह अस्थाई माना जाता है।

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