हाईकोर्ट: पंजाब-हरियाणा जल विवाद पर केंद्र, राज्य सरकार और BBMB को भेजा नोटिस, 20 तक देना होगा जवाब

नोटिस के बाद भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड की अहम बैठक स्थगित, अब कल होगी। बैठक में मई और जून महीने में छोड़े जाने वाले पानी की मात्रा पर रणनीति तैयार की जाएगी

Updated On 2025-05-14 16:01:00 IST

हरियाणा और पंजाब के बीच जारी जल विवाद में आज पंजाब सरकार की ओर से दायर पुनर्विचार याचिका पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार, हरियाणा सरकार और भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (BBMB) को नोटिस जारी कर 20 मई तक जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है।

BBMB की अहम बैठक स्थगित

भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (BBMB) की एक महत्वपूर्ण बैठक आज होने वाली थी, जिसमें पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के इंजीनियरों को शामिल होना था। हालांकि, यह बैठक अब स्थगित कर दी गई है और कल आयोजित की जाएगी। इस बैठक में मई और जून महीने में छोड़े जाने वाले पानी की मात्रा पर रणनीति तैयार की जाएगी।

BBMB चेयरमैन का हलफनामा

दरअसल, पंजाब और हरियाणा के बीच पिछले कई दिनों से जल विवाद चल रहा है। इसी बीच 8 मई को BBMB के चेयरमैन पानी छोड़ने के मुद्दे पर भाखड़ा पहुंचे थे, जहां स्थानीय लोगों और आम आदमी पार्टी (आप) के कार्यकर्ताओं ने उन्हें पानी छोड़ने से रोक दिया था और कथित तौर पर बंधक बना लिया था। इसके बाद मुख्यमंत्री भगवंत मान खुद भाखड़ा पहुंचे थे और कहा था कि जब तक 2 मई को केंद्रीय गृह सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक के आदेश उन्हें नहीं दिए जाते, तब तक वे पानी नहीं छोड़ेंगे।

इस घटना के बाद BBMB ने हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी। BBMB के चेयरमैन मनोज त्रिपाठी ने अपने हलफनामे में आरोप लगाया था कि पंजाब पुलिस ने उन्हें और उनके अधिकारियों को बांध के संचालन में बाधा डाली। कोर्ट ने पंजाब सरकार से उन पुलिसकर्मियों की पहचान करने को कहा था जिन्होंने कार्य में अड़चन डाली थी, जिसके बाद पंजाब सरकार ने इस मामले में कार्रवाई की थी।

पंजाब सरकार का अदालत में तर्क

राज्य सरकार के प्रवक्ता ने अदालत को बताया कि 8 मई, 2025 को लाइव अदालती कार्यवाही के दौरान BBMB चेयरमैन मनोज त्रिपाठी ने स्वीकार किया था कि वे केवल स्थानीय नागरिकों से घिरे हुए थे और पंजाब पुलिस ने उन्हें सुरक्षित बाहर निकलने में मदद की थी। हालांकि, 9 मई, 2025 को दिए गए एक हलफनामे में त्रिपाठी ने इसके विपरीत आरोप लगाया कि उन्हें गैर-कानूनी हिरासत में रखा गया था, जो उनके पहले के अदालती बयान के बिल्कुल विपरीत है।

हाईकोर्ट से धारा-215 के तहत जांच शुरू करने का अनुरोध

इसके परिणामस्वरूप, पंजाब सरकार ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस), 2023 की धारा-379 का इस्तेमाल करते हुए हाईकोर्ट से बीएनएसएस की धारा-215 के तहत अपराध की जांच शुरू करने का अनुरोध किया है, जो जानबूझकर झूठा हलफनामा दाखिल करने से संबंधित है। इसके अतिरिक्त, राज्य सरकार ने 6 मई, 2025 के हाईकोर्ट के आदेश की जानबूझकर अवहेलना करने के लिए त्रिपाठी और संजीव कुमार, निदेशक (जल विनियमन) दोनों के खिलाफ अदालत की अवमानना की कार्यवाही शुरू करने की मांग की है। अब इस पूरे मामले पर अगली सुनवाई 20 मई को होगी, जिस पर सभी पक्षों की निगाहें टिकी हुई हैं। 

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