हरियाणा विधानसभा सत्र का लेखा-जोखा: स्पीकर बोले- BJP से ज्यादा समय कांग्रेस विधायकों को मिला, अविश्वास प्रस्ताव पर हुई मैराथन चर्चा
तीन दिवसीय इस सत्र में कुल 4 बैठकें हुईं, जो 24 घंटे 45 मिनट तक चलीं। इस दौरान 16 विधेयक पारित किए गए और सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर 4 घंटे 40 मिनट तक चर्चा हुई।
चंडीगढ़ में पत्रकार वार्ता करते स्पीकर हरविंद्र कल्याण।
हरियाणा विधानसभा के शीतकालीन सत्र की समाप्ति के बाद विधानसभा अध्यक्ष हरविंद्र कल्याण ने सदन की कार्यवाही का पूरा ब्यौरा सार्वजनिक किया है। विपक्ष की ओर से बोलने का मौका न दिए जाने के आरोपों पर पलटवार करते हुए स्पीकर ने स्पष्ट किया कि आंकड़ों के लिहाज से कांग्रेस विधायकों को सत्ता पक्ष (बीजेपी) की तुलना में अधिक समय आवंटित किया गया।
हर दल को इतना समय मिला
शुक्रवार को चंडीगढ़ में पत्रकारों से रूबरू होते हुए हरविंद्र कल्याण ने बताया कि शून्यकाल (Zero Hour) के दौरान कांग्रेस विधायकों को अपनी बात रखने के लिए कुल 94 मिनट का समय दिया गया। इसके विपरीत सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के विधायकों को केवल 91 मिनट ही बोलने का अवसर मिला। वहीं, सदन में मौजूद इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) के दो सदस्यों को अपनी बात कहने के लिए 3 मिनट का समय मिला। स्पीकर ने आंकड़ों के जरिए यह सिद्ध करने का प्रयास किया कि सदन की कार्यवाही पूरी तरह लोकतांत्रिक और संतुलित रही।
तीन दिन में 24 घंटे से अधिक की कार्यवाही
विधानसभा अध्यक्ष ने सत्र की उपलब्धियां गिनाते हुए बताया कि तीन दिवसीय इस शीतकालीन सत्र में कुल 4 बैठकें हुईं। सदन की कुल कार्यवाही 24 घंटे 45 मिनट तक चली। इस अल्प अवधि के सत्र में 3 प्रश्नकाल और 3 शून्यकाल आयोजित किए गए। सत्र के दौरान कुल 80 प्रश्न स्वीकृत किए गए, जिनमें :
• कांग्रेस: 22 प्रश्न
• बीजेपी: 14 प्रश्न
• INLD: 2 प्रश्न
• निर्दलीय: 2 प्रश्न
शून्यकाल के 3 घंटे 18 मिनट के समय में सदन के 70 सदस्यों ने अपने क्षेत्रों और जनहित के मुद्दों को जोर-शोर से उठाया।
अविश्वास प्रस्ताव पर विस्तार से चर्चा
सत्र के दौरान कांग्रेस द्वारा सरकार के विरुद्ध लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर भी विस्तार से चर्चा हुई। स्पीकर ने बताया कि इस प्रस्ताव पर 4 घंटे 40 मिनट तक मैराथन बहस चली, जिसमें 17 विधायकों ने हिस्सा लिया। चर्चा में कांग्रेस के 8, बीजेपी के 6 और इनेलो के 2 सदस्य शामिल हुए। इसके अतिरिक्त, सदन ने महत्वपूर्ण विधायी कार्यों को निपटाते हुए 16 विधेयक पारित किए। सत्र का समापन राष्ट्रगीत और राज्य गीत की गौरवमयी प्रस्तुति के साथ हुआ।
सदन की गरिमा बनाने को स्पीकर का सख्त रुख
सदन की गरिमा बनाए रखने के लिए स्पीकर ने सख्त रुख भी अपनाया। उन्होंने बताया कि बार-बार चेतावनी के बावजूद अनुशासनहीनता करने पर 9 सदस्यों को 'नेम' (सदन से बाहर जाने का आदेश) किया गया। हालांकि, बाद में मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष के हस्तक्षेप और आग्रह पर उन्हें सदन में वापस आने की अनुमति दी गई।
मार्शल के प्रति किए गए व्यवहार की निंदा
कांग्रेस विधायक गीता भुक्कल द्वारा मार्शल के प्रति किए गए व्यवहार की स्पीकर ने कड़े शब्दों में निंदा की। उन्होंने कहा कि सदन की अपनी एक मर्यादा होती है और प्रत्येक सदस्य को उसका पालन करना चाहिए। इलेक्टोरल बॉन्ड जैसे मुद्दों पर विपक्ष के साथ हुई तनातनी पर उन्होंने कहा कि यदि कोई विषय जनता को भ्रमित करने वाला हो, तो उस पर सदन में चर्चा की जा सकती है। उन्होंने कांग्रेस के उन आरोपों को भी निराधार बताया कि विधायकों को प्रश्न पूछने का मौका नहीं मिला। स्पीकर के अनुसार कट-ऑफ तारीख निकल जाने के बाद भी सदस्यों को बोलने का पर्याप्त अवसर दिया गया।
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