हरियाणा में कांग्रेस की रणनीति: कुमारी शैलजा को क्यों कर दिया किनारे? हुड्डा का दबदबा कायम, जानें वजह

Haryana Election 2024: पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का पार्टी में दबदबा बनाए रखने के लिए कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने शैलजा को साइडलाइन कर दी है।

Updated On 2024-09-17 11:29:00 IST
Haryana Election 2024

Haryana Election 2024: हरियाणा में 5 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव होने हैं जबकि 8 को नतीजे आएंगे। इसी बीच विधानसभा चुनाव से पहले ही कांग्रेस ने बहुत ही सोची-समझी रणनीति के तहत पार्टी की कद्दावर दलित चेहरा मानी जाने वाली कुमारी शैलजा को राजनीतिक तौर पर निपटाने की कोशिश की है। कुमारी शैलजा जमीन से जुड़ी नेता मानी जाती हैं, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का पार्टी में दबदबा बनाए रखने के लिए कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने शैलजा को साइडलाइन करके अपनी दलित-विरोधी मानसिकता उजागर कर दी है।

हरियाणा में हुड्डा कैंप के प्रभाव का दबदबा
हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले से शैलजा सक्रिय हो रही थीं। लेकिन, अचानक उन्हें जिस तरह से हाशिए पर लाने की कोशिश की गई है, उसे पार्टी कतई आंतरिक मामला बताकर इस पूरे घटनाक्रम से पल्ला नहीं झाड़ सकती। साफ नजर आ रहा है कि हरियाणा में पार्टी ने हुड्डा कैंप के प्रभाव में एक रणनीति के तहत दलित और महिला नेता के योगदान को नजरअंदाज करने की कोशिश की है, ताकि पार्टी की सत्ता का केंद्र कुछ चहेते और दबंग नेताओं के हाथों में ही कायम रहे।

'हुड्डा ही कांग्रेस है, कांग्रेस ही हुड्डा है'
किसी से यह बात नहीं छिपी है कि हरियाणा में कांग्रेस आज किस तरह से भूपेंद्र सिंह हुड्डा का संगठन बन चुकी है। उनका इसपर पूरा कंट्रोल है, इसलिए कुमारी शैलजा को सियासी तौर पर निपटाने का बहुत बड़ा षड़यंत्र रचा गया है। शैलजा ने अपना पूरा राजनीतिक जीवन पार्टी के लिए वफादारी के साथ समर्पित किया है, लेकिन हकीकत ये है कि आज हरियाणा कांग्रेस का मतलब है- 'हुड्डा ही कांग्रेस है, कांग्रेस ही हुड्डा है'।

कांग्रेस प्रत्याशियों में 72 हुड्डा के पसंदीदा
हरियाणा चुनाव के लिए कांग्रेस ने शैलजा के मात्र 9 करीबियों को मौका दिया है। इसका प्रमाण ये है कि हरियाणा की 90 सीटों में से जिन 89 सीटों पर कांग्रेस चुनाव लड़ रही है, उनमें 72 उम्मीदवारों को भूपेंद्र सिंह हुड्डा का करीबी बताया जा रहा है। वहीं सिरसा की सांसद कुमारी शैलजा के मात्र 9 प्रत्याशी ही कांग्रेस की लिस्ट में जगह बना सके हैं।

दलित-विरोधी चेहरा उजागर
हुड्डा कैंप की वजह से हरियाणा कांग्रेस में आज कुमारी शैलजा की क्या हैसियत रह गई है, वह हाल के कुछ घटनाओं में देखा जा सकता है। वो चाहती थीं कि नरवाना से पार्टी विद्या रानी दनोदा को और अंबाला सिटी से हिम्मत सिंह को टिकट दे। शैलजा सार्वजनिक रूप से इनके प्रति समर्थन का इजहार कर चुकी थीं। फिर भी उनका टिकट जिस तरह से काट दिया गया, उससे साफ है कि कैसे हुड्डा कैंप ने पार्टी को पूरी तरह से अपने नियंत्रण में ले रखा है, जहां कुमारी शैलजा जैसी एक दलित नेता को जानबूझकर अपमानित होने दिया गया है।

हरियाणा कांग्रेस पर हुड्डा का कब्जा
आज की तारीख में कांग्रेस नेता राहुल गांधी खुद को शोषितों- वंचितों का मसीहा साबित करने की कोशिशों में जुटे रहते हैं। वह 'मिस इंडिया' और 'न्यूज एंकरों' में भी दलितों की संख्या खोजने में लगे हुए हैं। उनकी राजनीति की गाड़ी ही जाति, जाति और जाति पर अटक गई है। लेकिन, खुद की पार्टी के भीतर एक कद्दावार दलित नेता की आवाज कुचल दी गई है, वह भी एक महिला नेता की, लेकिन हुड्डा के खिलाफ बोलने की हिम्मत कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व में भी नहीं दिख रहा है।

कुमारी शैलजा को खुद नहीं मिला टिकट
लोकसभा चुनावों के बाद से कुमारी शैलजा खुद को लगातार मुख्यमंत्री पद की दावेदार बता रही थीं। वह सांसद होते हुए भी विधानसभा चुनाव लड़ने की ख्वाहिश भी जता रही थीं। लेकिन, कहा जाता है कि नेतृत्व की ओर से सांसदों के चुनाव नहीं लड़ने का जो फरमान आया, उसका मकसद ही यही था कि शैलजा का पत्ता रेस शुरू होने से पहले ही काट दिया जाए।

कुमारी शैलजा को किया साइडलाइन
आज हकीकत ये है कि हरियाणा कांग्रेस ने जिस तरह से कुमारी शैलजा की उपेक्षा की है, वह उनका निजी अपमान नहीं है, बल्कि एक रणनीति के तहत एक दलित नेता को पार्टी की मुख्यधारा से दूर करने की सोच है, जो हुड्डा के माध्यम से जाहिर हो रही है। हरियाणा की घटना कांग्रेस के अंदर के चाल, चेहरा और चरित्र को उजागर कर रहा है।

लोकसभा चुनावों में भी हुड्डा कैंप की ही चली मनमानी
हरियाणा कांग्रेस में टिकट वितरण में हुड्डा कैंप का दबदबा लोकसभा चुनावों में भी उजागर हो चुका है। खुद शैलजा घूम-घूम कर कह चुकी हैं कि अगर सही तरीके से टिकट बांटा जाता तो कांग्रेस का प्रदर्शन और बेहतर हो सकता था। तब भी टिकट बंटवारे में हुड्डा की मर्जी चली थी। शैलजा ने बिना नाम लिए हुड्डा कैंप पर कम से कम दो बाहरियों को टिकट देने का आरोप भी लगाया था।

Similar News