Weather Alert: किसानों की परीक्षा ले रहा मौसम, गर्मी के तेवर भी होने लगे तल्ख

हरियाणा में मौसम बार बार बदल रहा है, जिसके कारण किसानों के दिल की धड़कन भी बढ़ रही है। होली के दिन हुई बूंदाबांदी के बाद किसान काफी चिंतित नजर आ रहे है।

Updated On 2024-03-26 21:23:00 IST
मंगलवार सुबह बादलों से बाहर निकलता सूरज। 

Haryana: आसमान में बार-बार छाने वाले बादल किसानों के दिल की धड़कन बढ़ाने का काम कर रहे हैं। होली के दिन हुई बूंदाबांदी के बाद किसान मौसम को लेकर काफी चिंतित नजर आ रहे हैं। आसमान में बार-बार बादल छाने का क्रम निरंतर चल रहा है। इससे किसानों को बरसात या ओलावृष्टि की चिंता सता रही है। माह के अंतिम दो दिन मौसम में बदलाव आने से हल्की या तेज बरसात की संभावना जताई जा रही है। कहीं-कहीं ओलावृष्टि भी हो सकती है। तापमान में वृद्धि होना शुरू हो गया है।

मंगलवार को पहली बार तापमान 36 डिग्री पहुंचा

मंगलवार को सीजन में पहली बार अधिकतम तापमान 36 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया। दो दिन पूर्व बूंदाबांदी के बाद तापमान 30 डिग्री पर आ गया था। न्यूनतम तापमान भी मामूली वृद्धि के साथ 15.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। गर्मी के मौसम की शुरूआत हो चुकी है। बीच-बीच में मौसम बदलने से गर्मी का असर कम हो जाता है। मौसम गर्म होने के साथ ही दिन और रात के समय पंखे चलने शुरू हो गए हैं। एसी का लोड भी बढ़ना शुरू हो गया है। लोगों ने अपने कूलर भी तैयार करने शुरू कर दिए हैं। मौसम विभाग के अनुसार एक पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता एक बार फिर मौसम में बदलाव ला सकती है। मार्च के अंतिम दो दिन मौसम बिगड़ सकता है। आसमान में बादल छाने के साथ ही बूंदाबांदी या बरसात हो सकती है। बरसात के साथ ओलावृष्टि की आशंका भी बनी रहेगी। माह के अंत में मौसम का बदलाव किसानों के लिए परेशानी का सबब साबित हो रहा है।

सरसों की कटाई का कार्य हुआ पूरा

मौसम को देखते हुए किसान सरसों की कटाई का कार्य लगभग पूरा कर चुके हैं। कुछ खेतों में ही पछेती सरसों की कटाई शेष है। बावल क्षेत्र में गेहूं की कटाई का कार्य भी शुरू हो गया है। अभी तक मौसम किसानों पर मेहरबान बना हुआ है। अगर कुछ दिन मौसम साफ रहता है तो किसान गेहूं की कटाई का कार्य भी जल्द पूरा कर लेंगे। गेहूं की कटाई का कार्य अप्रैल के दूसरे पखवाड़े तक चल सकता है। इस समय मौसम में बार-बार बदलाव किसानों को काफी परेशान कर रहा है। अगर तेज बरसात या ओलावृष्टि होती है, तो गेहूं की फसल चपेट में आ सकती है।

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