करनाल जिला परिषद की बैठक में हंगामा: पार्षदों ने चेयरमैन पर लगाए गंभीर आरोप, कहा- अपने पंसदीदा पार्षदों को बांटते हैं ग्रांट

District Council meeting in Haryana: करनाल में आज जिला परिषद की बैठक के दौरान ग्रांट के लेकर बवाल हो गया है। पार्षदों ने कहा कि चेयरमैन विकास के कामों में भेदभाव करते हैं।

Updated On 2024-07-19 17:34:00 IST
करनाल में आज जिला परिषद की बैठक हुई।

District Council meeting in Haryana : करनाल में आज 19 जुलाई को जिला परिषद की बैठक के दौरान जमकर हंगामा हो गया। पार्षदों ने चेयरमैन पर आरोप लगाया है कि वह विकास कार्यों में भेदभाव करते हैं। इसके अलावा पार्षदों का कहना है कि वह केवल अपने पसंदीदा पार्षदों को ग्रांट बांटते हैं। बैठक के दौरान अब यह फैसला लिया गया है कि अब कमेटी बनाई जाएगी, जो ग्रांट बांटने का काम करेगी। दूसरी तरफ चेयरमैन प्रतिनिधि का कहना है कि उन पर जो आरोप लगाए गए हैं, वो झूठे हैं।

पार्षद अमित बराना बोले- ग्रांट बांटने का काम नई कमेटी करेगी

पार्षद अमित बराना ने आरोप लगाया है कि पिछले दो-तीन साल से जिला परिषद की ग्रांट दो-तीन लोगों को दे जाती है। इसके अलावा अनुसूचित जाति और पिछड़े वर्ग के समाज को दबाया जाता है। कुछ पार्षद ऐसे भी हैं, जिन्हें कभी भी 5 लाख रुपए की ग्रांट नहीं मिली है। बराना का यह भी कहना है कि जिला परिषद के चेयरमैन को 7 करोड़ रुपए की ग्रांट दी गई है। ऐसे में इसकी जांच होना जरूरी है। नई कमेटी अब ग्रांट बांटने का काम करेगी।

चेयरमैन पर लगे आरोपों को बेबुनियाद बताया 

वाइस चेयरमैन रीना ने भी ग्रांट को लेकर कहा कि ग्रांट सही तरीके से नहीं दी जा रही थी। पहले ही यह तय किया गया था कि सभी पार्षदों को समान रूप से ग्रांट मिलनी चाहिए। सभी को डेढ़ साल से यही लग रहा था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। खासतौर से एससी और बीसी समाज को ग्रांट समान रूप से नही मिल रही थी। चेयरमैन प्रवेश राणा के पति सोहन सिंह राणा का इस मामले में कहना है कि उनकी पत्नी पर लगाए जा रहे आरोप झूठे हैं। उनका कहना है कि सभी वार्डों में समान रूप से काम करवाए गए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जिन पार्षदों ने आरोप लगाया है उन्हें पिछली बार 50 लाख की ग्रांट दी गई थी।

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11 में से 10 एजेंडे पास

सोहन सिंह राणा का कहना है कि जिन लोगों ने आरोप लगाया है, उन पर मानहानि का मुकदमा दर्ज करवा दूंगा। राणा ने कहा कि अगर यह आरोप झूठे साबित नहीं हुए तो वह इस्तीफा दे देंगे। जिला परिषद के CEO विवेक चौधरी ने इस मामले में कहा कि बैठक में करीब  11 एजेंडे रखे गए थे। जिसमें 10 एजेंडे पास हो गए थे। पार्षदों ने ग्रांटों के एडमिनिस्ट्रेटिव सेंक्शड के मैकेनिज्म को बदलने का प्रस्ताव दिया है। इसमें चेयरमैन की पावर अब कमेटी को दे दी गई है।

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