हरियाणा में भगवान शिव के चमत्कारिक मंदिर: 21 दिनों में मनोकामना पूरी करते हैं आदि बद्री केदार, खुद प्रकट हुआ था शिवलिंग

Haryana Shiv Temples: हरियाणा में भगवान शिव के कई ऐसे चमत्कारी मंदिर हैं, जो अपने आप में खास महत्व रखते हैं। कहीं शिवलिंग खुद प्रकट हुई, तो किसी मंदिर का इतिहास महाभारत से जुड़ा है।

By :  Desk
Updated On 2025-05-04 09:08:00 IST
हरियाणा में भगवान शिव के प्रसिद्ध मंदिर।

Haryana Shiv Temples: उत्तराखंड में केदारनाथ मंदिर के कपाट खुल चुके हैं। महादेव के भक्त पूरे साल मंदिर के कपाट खुलने का इंतजार करते हैं और भगवान भोलेनाथ के दर्शन करने के लिए जाते हैं। आपने अक्सर सुना होगा कि जब तक महादेव का बुलावा नहीं आता, तब तक भक्त द्वार तक नहीं पहुंच सकते। बहुत से भक्त प्लानिंग के बावजूद भी केदारनाथ धाम तक नहीं पहुंच पाते। अगर आप चाहें, तो हरियाणा के शिव मंदिरों के दर्शन भी कर सकते हैं।

आदि बद्री केदार मंदिर
आदि बद्री केदारनाथ मंदिर यमुनानगर जिले से लगभग 47 किलोमीटर दूर सोम नदी के किनारे स्थित है। इस मंदिर में महादेव की स्वयंभू शिवलिंग स्थापित है। मान्यता है कि इस मंदिर में 21 दिन लगातार पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। ये स्थल धार्मिक यात्रियों के साथ

ही प्रेमियों के लिए भी आकर्षण का केंद्र है। कहा जाता है कि पुराणों में भी इस मंदिर का जिक्र है।

आदि-बद्री केदार मंदिर।

श्री ग्यारह रुद्री शिव मंदिर
हरियाणा के कैथल में ग्यारह रुद्री शिव मंदिर है। इस मंदिर के कारण कैथल को छोटी काशी के नाम से भी जाना जाता है। कहा जाता है कि इस मंदिर का इतिहास महाभारत के युद्ध से जुड़ा हुआ है। मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण ने खुद महादेव के इस मंदिर की स्थापना की थी। युद्ध के खत्म होने के बाद मारे गए सभी लोगों की आत्मा की शांति के लिए यहां 11 रुद्रों की स्थापना की गई थी। लोगों का मानना है कि इस मंदिर में भगवान शिव से मांगी गई सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

श्री ग्यारह रुद्री शिव मंदिर, कैथल

कालेश्वर महादेव मंदिर
कुरुक्षेत्र में भगवान भोले नाथा का कालेश्वर महादेव मंदिर स्थित है। ये इकलौता ऐसा मंदिर है, जहां शिवलिंग के साथ नंदी विराजमान नहीं हैं। जानकारी के अनुसार, लंका का राजा रावण आकाश मार्ग से गुजर रहा था। इसी बीच उसका विमान यहां रुक गया। रावण ने यहां भगवान शिव की तपस्या की और भगवान से वरदान लिया। उसी समय पर भगवान शिव ने नंदी को खुद से दूर किया था। इसलिए इस शिवलिंग के साथ नंदी महाराज विराजमान नहीं हैं। 

कालेश्वर महादेव मंदिर।

Similar News