Farmers Protest: आज शुभकरण की अस्थियां एकत्र करेंगे किसान, हरियाणा-पंजाब समेत इन राज्यों में कल से निकालेंगे अस्थि कलश यात्रा

संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) और किसान-मजदूर मोर्चा के किसान नेता आज शुक्रवार को बठिंडा के बल्लों पहुंचेंगे यहां युवा किसान शुभकरण के अस्थियां कलश एकत्रित करेंगे।

Updated On 2024-03-15 09:57:00 IST
किसान आंदोलन समाचार।

Farmers Protest News: किसान आंदोलन-2 को शुरु हुए एक महीने से ज्यादा हो गया है। लेकिन अभी भी किसान पंजाब-हरियाणा के शंभू-खनौरी बॉर्डर पर डटे हुए हैं। किसान अपनी मांगों को केंद्र सरकार तक पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं। किसान आंदोलन के शुरुआत 13 फरवरी को हुई थी। इस दौरान किसानों और सुरक्षाबलों के बीच कई बार झड़प हुई। इसमें कई लोगों की जान चली गई थी और कई किसान घायल भी हुए थे। झड़प के दौरान ही 21 फरवरी को खनौरी बॉर्डर पर गोली लगने से युवा किसान शुभकरण की मौत हो गई थी।

शुभकरण की अस्थियां एकत्रित करेंगे किसान

संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) और किसान-मजदूर मोर्चा के किसान नेता आज शुक्रवार को बठिंडा के गांव बल्लों पहुंचेंगे यहां युवा किसान शुभकरण सिंह की अस्थियां कलश एकत्रित करेंगे, इसके बाद हरियाणा-पंजाब समेत कई राज्यों में कलश यात्रा निकाली जाएगी। किसान नेताओं ने मंच से ये भी ऐलान किया है कि भाजपा और भाजपा गठबंधन के खिलाफ किसान आंदोलन-2 के शहीद किसानों के नाम पर तख्तियां और काले झंडे दिखाए जाएंगे।

सरवन सिंह पंधेर ने की यह अपील 

किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने शहीद ए आजम सरदार भगत सिंह की शहादत दिवस पर देशभर में युवाओं से शंभू बॉर्डर पर पहुंचने की अपील की है। जाहिर है कि संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) और किसान-मजदूर मोर्चा के आह्वान पर किसानों का यह विरोध प्रदर्शन चल रहा है। इन मोर्चा ने शुभकरण के गांव से अस्थियों का कलश लेकर कलश यात्रा निकालने का ऐलान किया है। यह कलश यात्रा हरियाणा-पंजाब समेत कई राज्यों में गांव-गांव में कलश यात्रा निकाली जाएगी। इसके साथ ही यह भी ऐलान किया है कि 22 मार्च को हिसार और 31 मार्च को अंबाला की मोहड़ा अनाज मंडी में शहीदी समागम का आयोजन किया जाएगा।

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14 मार्च को हुई थी महापंचायत

किसानों ने शुभकरण की मौत के बाद दिल्ली कूच का फैसला टाल दिया है, लेकिन पिछले एक महीने से ज्यादा समय से वो पंजाब-हरियाणा के शंभू और खनौरी बॉर्डर पर डटे हुए हैं। इसी क्रम में बीते दिन 14 मार्च को किसानों ने दिल्ली के रामलीला मैदान में किसान-मजदूर महापंचायत बुलाई। इसमें देशभर के लगभग 400 से ज्यादा किसान और मजदूर संगठन शामिल हुए। किसान किसी भी कीमत पर सरकार से अपनी मांगों को मंगवाने पर अड़े हुए हैं।  

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