अब डेंटल सर्जन बढ़ाएंगे सरकार की मुश्किलें: 31 जुलाई तक का दिया अल्टीमेटम, कहा- 16 साल से लंबित मांगें जल्द पूरी हों वरना हड़ताल तय

Dental Surgeon Strike: रोहतक में डेंटल सर्जन का कहना है कि पिछले 16 सालों से उनकी मांगे लंबित हैं। उन्होंने सरकार को 31 जुलाई तक का अल्टीमेट दिया है। अगर उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाएगा तो वह हड़ताल कर देंगे।

Updated On 2024-07-28 12:10:00 IST
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Dental Surgeon Strike: हरियाणा में पिछले कुछ दिनों से सरकारी डॉक्टर अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर रहे थे, जिसकी वजह से हरियाणा में दो दिन तक मरीजों को सरकारी अस्पतालों में इलाज के लिए इधर-उधर भटकना पड़ा। लेकिन, सरकार ने मांगों काे पूरा करने का आश्वासन देकर हड़ताल खत्म करा दी थी, लेकिन एनएचएम कर्मचारी हड़ताल पर चले गए। यही नहीं, अब डेंटल सर्जनों ने भी चेतावनी दे दी है कि अगर 31 जुलाई तक मांगों को पूरा नहीं किया जाता है तो हम भी हड़ताल पर चले जाएंगे। 

16 साल से लंबित हैं मांगें

रोहतक में शनिवार को हेल्थ केयर डिलिवरी सिस्टम (HCDS) की बैठक का आयोजन किया गया। इसमें रोहतक, झज्जर, भिवानी, सोनीपत और जींद जिलों के दंत चिकित्सकों, वरिष्ठ दंत चिकित्सकों, उप चिकित्सा अधीक्षकों और उप सिविल सर्जनों ने हिस्सा लिया। बैठक को संबोधित करते हुए एचसीडीएस के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. रमेश पांचाल ने कहा कि डेंटल सर्जन के साथ वेतन को लेकर भेदभाव किया जाता है। उनकी मांगों को पिछले 16 साल से पूरा नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि मेडिकल ऑफिसर और डेंटल सर्जन एक जैसा काम होता है, फिर दोनों को वेतन अलग होता है।

पद के प्रमोशन, वेतन की मांग

डॉ. रमेश पांचाल ने यह भी कहा कि डेंटल सर्जनों को 5 साल में 100 % वेतन, 11 साल में 25% वेतन तथा 17 साल बाद तीसरी एसीपी में सिर्फ 20 % वेतन मिलता है। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में पद के प्रमोशन को लेकर भी आवाज उठाई थी। उनका कहना है कि डेंटल सर्जन के बाद प्रमोशन में सीनियर डेंटल सर्जन और डिप्टी सिविल सर्जन का ही पद है, उसके बाद डायरेक्टर का है। जबकि लंबे समय से मांग है कि डेंटल सर्जन के लिए भी डिप्टी डायरेक्टर का पद भी बनाया जाए।

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हड़ताल करने की चेतावनी दी

डॉ. पंचाल ने कहा कि सरकार को डेंटल सर्जन ने 31 जुलाई तक का समय दिया है। सरकार को उनकी मांगे पूरी करनी चाहिए। अगर ऐसा नहीं होता है तो वह काले बिल्ले लगाकर काम करेंगे। इसके बाद वह हड़ताल करेंगे, फिर भूख हड़ताल करेंगे। इसके बाद भी अगर उनकी मांगे पूरी नहीं हुई तो काम को ठप कर देंगे। 

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