Haryana Right to Service Commission की कार्रवाई: कानूनगो पर लगाया जुर्माना, समय पर काम न करने पर हुई कार्रवाई 

हरियाणा सेवा का अधिकार आयोग ने कहा कि समय पर निशानदेही (डिमार्केशन) न करने पर जींद के संबंधित कानूनगो पर लगाए गए जुर्माने को उनके वेतन से काटा जाए।

Updated On 2024-04-12 20:30:00 IST
प्रतीकात्मक तस्वीर। 

Haryana: हरियाणा सेवा का अधिकार आयोग ने जींद के उपायुक्त को निर्देश देते हुए कहा कि समय पर निशानदेही (डिमार्केशन) न करने पर संबंधित कानूनगो पर लगाए गए जुर्माने को उनके वेतन से काटा जाए। राज्य सरकार के ख़ज़ाने में जमा करवा कर आयोग को रसीद सहित सूचित किया जाए। हरियाणा राज्य सेवा का अधिकार आयोग के प्रवक्ता ने बताया कि आयोग नरवाना के एसडीओ सिविल अनिल दून द्वारा प्रस्तुत की गई रिपोर्ट और आवेदकों को समय पर निशानदेही (डिमार्केशन) न करने को लेकर नाखुश था। इस बारे में आयोग ने एसडीओ को निर्देश दिए कि शेष 18 निशानदेही के मामलों में संबधित कानूनगो का स्पष्टीकरण लें और उनके उत्तर सहित अपनी अनुशंसा आगामी 31 मई तक सौंपे।

समय पर कानूनगो ने नहीं की निशानदेही

आयोग के प्रवक्ता ने बताया कि अधिसूचित सेवा के तहत अपील कर्ता ने भूमि पर फसल नहीं खड़ी होने पर निशानदेही करवाने के लिए आवेदन किया था। लेकिन निर्धारित समय सीमा में जब अपीलकर्ता की निशानदेही नहीं हुई तो उन्होंने ईमेल के माध्यम से आयोग को अपील की। जब आयोग के संज्ञान में यह मामला आया तो इस मामले पर तत्काल जांच करवाई और दोषियों पर कार्यवाही की गई। इसी प्रकार, नोटिफाई सेवा के अंतर्गत विनोद कानूनगो पर 6000 रुपए का जुर्माना लगाया, जो उसके वेतन से काटकर राज्य सरकार के खजाने में जमा करवाया जाएगा। यह जुर्माना दो मामलों में देरी होने पर लगाया गया है, जिसके तहत प्रति मामले में 3000 रुपए की राशि ली जाएगी।

समय पर लोगों को उपलब्ध करवाई जाए नोटिफाई सेवा

प्रक्ता ने बताया कि अन्य मामलों में सभी तथ्यों की जानकारी और जवाब आने के पश्चात सुनील व अनूप कानूनगो के मामलों को फाइल कर दिया गया है, परंतु भविष्य में समय पर नोटिफाई सेवा को देने के लिए चेतावनी दी। इसके अलावा, एक अन्य मामले में सुनील कानूनगो दाखल पर 5000 रुपए का जुर्माना लगाया, जिसके तहत सुनील कानूनगो ने 101 दिन का समय सेवा को देने के लिए ले लिया था। कुछ अन्य मामलों में सुनील, कानूनगो दाखल द्वारा देरी करने पर 9000 रुपए का जुर्माना लगाया गया है। इसी प्रकार, नरवाना के तहसीलदार ने अधूरी जानकारी दी और उसे जानकारी को 19 अप्रैल 2024 तक उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए गए।

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