इंटरसिटी गाड़ी में मिले लावारिस बच्चे: जीआरपी कर रही बच्चों को अभिभावकों तक पहुंचने का प्रयास

बहादुरगढ़ में इंटरसिटी गाड़ी में दो बच्चे लावारिस हालत में मिले। जीआरपी ने बच्चों को उनके अभिभावकों से मिलवाने के प्रयास शुरू किए। फिलहाल दोनों बालक बाल भवन में छोड़े गए।

Updated On 2024-05-28 22:04:00 IST
बहादुरगढ़ में गाड़ी में मिले बच्चे।

Bahadurgarh: दिल्ली-रोहतक रूट पर चलने वाली इंटरसिटी गाड़ी में दो बच्चे (लड़का-लड़की) लावारिस हालत में मिले। जीआरपी ने बच्चों को उनके अभिभावकों से मिलवाने के लिए प्रयास शुरू कर दिए हैं। फिलहाल दोनों बालक बाल भवन में छोड़े गए हैं। वहीं दूसरी तरफ पुलिस उनके अभिभावकों तक पहुंचने के लिए भागदौड़ कर रही है। दिल्ली, हरियाणा और यूपी में सूचना जारी कर दी गई है। जल्द ही बच्चों के अभिभावकों का पता लगा लिया जाएगा।

इंटरसिटी गाड़ी में दोपहर के समय दिखे थे बच्चे

जानकारी अनुसार, दिल्ली की ओर से आई इंटरसिटी गाड़ी में दोपहर के वक्त 2 बच्चे देखे गए। दोनों अकेले थे और उनके आसपास अभिभावक नहीं थे। कुछ लोगों ने इस संबंध में आसपास सवारियों से पूछताछ भी की, लेकिन उनके अभिभावकों का कुछ पता नहीं चला। इसके बाद किसी यात्री ने पुलिस को इस संबंध में सूचना दी और दोनों बच्चों को बहादुरगढ़ स्टेशन पर उतार दिया। यहां महिला आरपीएफ कर्मचारी ने बच्चों को संभाला और जीआरपी थाने लेकर पहुंची। दोनों बच्चे बहुत छोटे हैं। लड़की की उम्र करीब तीन साल तो लड़के की डेढ़ साल बताई जा रही है। लड़की ने अपना नाम साक्षी बंसल तो अपने भाई का नमन बंसल बताया है।

सफर के दौरान बिछड़ गए होंगे बच्चे

जीआरपी के अनुसार आशंका है कि सफर के दौरान बच्चे अपने अभिभावकों से बिछड़ गए। हालांकि असल पुष्टि जांच और अभिभावकों के मिल जाने के बाद ही हो सकेगी। फिलहाल पुलिस उनके अभिभावकों तक पहुंचने में भागदौड़ कर रही है। जीआरपी से जांच अधिकारी एएसआई राकेश कुमार का कहना है कि बच्चे बहुत छोटे हैं। ज्यादा कुछ बताने में सक्षम नहीं है। लड़की ने अपना और अपने भाई का नाम जरूर बताया है। उनके पिता की इंस्टाग्राम आईडी भी हमें मिली है। उस आधार पर भी अभिभावकों तक पहुंचने का प्रयास किया जाएगा। दिल्ली, हरियाणा और रोहतक के थाने-चौकियों में इस संबंध में सूचना जारी कर दी गई है। जब तक अभिभावक नहीं मिलते, बच्चे बाल भवन में रहेंगे। जल्द से जल्द उन्हें उनके अभिभावकों से मिलवाने का प्रयास है।

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