करनाल का धान घोटाला: मिल मालिक और चार इंस्पेक्टरों पर एफआईआर, 3.54 करोड़ की चपत
अधिकारियों द्वारा की गई फिजिकल जांच के दौरान मिल में 12,659.62 क्विंटल धान पाई गई थी कम।मिल मालिक पर किरायेनामे का झूठा शपथ पत्र देने का भी आरोप।
करनाल धान घोटाले का प्रतिकात्मक फोटो।
हरियाणा के करनाल में धान मिलिंग प्रक्रिया की प्रशासनिक जांच में पाई गई बड़ी अनियमितता पर अब सरकार ने एक्शन लेना शुरू कर दिया है। खाद्य आपूर्ति निरीक्षण की शिकायत पर पुलिस ने मैसर्ज बटान फूड्स राइस मिल मालिक व विभाग के चार इंस्पेक्टरों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज कर लिया है। जांच में सलारू रोड स्थित मैसर्ज बटान फूड्स राइस मिल को आवंटित धान में 33,759 बैग (लगभग 12,659.62 क्विंटल) धान का अभाव पाया गया। इस धान का मूल्य लगभग 3 करोड़ 54 लाख 46 हजार 936 रुपये आंका गया है। जिला उपायुक्त उत्तम सिंह ने यह जानकारी दी।
30853 बैग कम मिले थे
जिला खाद्य आपूर्ति नियंत्रक अनिल कुमार की अपनी शिकायत में बताया कि खरीफ सीजन 2025-26 के दौरान राइस मिल को 67,013 बैग पीआर धान आवंटित की गई थी। 25 अक्तूबर 2025 को की गई भौतिक जांच में मिल परिसर में 33,254 बैग और भाटिया प्लेटी जुंडला में 30,853 बैग पाए गए। विभागीय रिकॉर्ड के अनुसार भाटिया प्लेटी में धान रखने की अनुमति नहीं थी। बाद में यह स्पष्ट हुआ कि प्लेटी पर रखा गया धान बटान फूड्स का नहीं था। पुलिस ने मिल संचालक सतीश कुमार तथा चार मंडी निरीक्षकों यशवीर सिंह (घरौंडा), संदीप शर्मा (जुंडला), समीर वशिष्ठ (करनाल) और लोकेश (निसिंग) के विरुद्ध थाना सदर करनाल में एफआईआर दर्ज की है।
किरायेनामे का दिया झूठा शपथ पत्र
मार्केट कमेटी जुंडला की रिपोर्ट क्रमांक 1028 दिनांक 27 अक्तूबर 2025 में कहा गया है कि भाटिया प्लेटी पर राधे राधे, शक्ति और भोलेनाथ राइस मिलों का स्टॉक मौजूद था, जबकि बटान फूड्स का कोई धान वहां नहीं था। एफआईआर में यह भी दर्ज है कि मिल संचालक सतीश कुमार ने 10 अक्तूबर 2025 को विभाग को एक शपथ पत्र दिया। जिसमें भाटिया प्लेटी को किराये पर लेने की बात कही गई। जांच के दौरान मिल संचालक का शपथ पत्र में किया गया दावा फर्जी पाया गया था। जांच रिपोर्ट क्रमांक 5297 दिनांक 29 अक्तूबर 2025 के अनुसार, गायब धान की कुल मात्रा 12,659.62 क्विंटल है। इसकी औसत कीमत 2,800 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से लगभग 3.54 करोड़ रुपए आंकी गई। उपायुक्त कार्यालय द्वारा संबंधित रिकार्ड, ट्रांसपोर्ट रसीदों और बैंक लेन-देन की दोबारा जांच के निर्देश दिए गए हैं।
अगर आपको यह खबर उपयोगी लगी हो, तो इसे सोशल मीडिया पर शेयर करना न भूलें और हर अपडेट के लिए जुड़े रहिए [haribhoomi.com] के साथ।