ऑपरेशन सिंदूर को सलाम: Jindal steel के कर्मचारियों ने सेना के सम्मान में किया बड़ा काम, रक्षामंत्री ने सराहा
हरियाणा के हिसार से शुरू होकर देश की सबसे बड़ी कंपनियों में शुमार हुई जिन्दल स्टील के कर्मचारियों ने सेना के सम्मान में बड़ा काम किया है। ग्रुप के चेयरमैन और सांसद नवीन जिन्दल ने रक्षामंत्री से मिलकर सैनिकों के लिए चेक सौंपा।
कुरुक्षेत्र के सांसद नवीन जिंदल ने जिन्दल स्टील की ओर से रक्षामंत्री राजनाथ सिंह को 2 करोड़ का चेक सौंपा।
Jindal steel का ऑपरेशन सिंदूर को सलाम : देश के सबसे बड़े औद्योगिक घरानों में शुमार जिन्दल स्टील के कर्मचारियों ने स्वतंत्रता दिवस से एक दिन पूर्व देशभक्ति की मिसाल पेश की है। जिन्दल स्टील के कर्मचारियों ने ऑपरेशन सिंदूर में प्रभावित सैनिकों के लिए अपने वेतन से 2 करोड़ रुपये इकट्ठा किए हैं।
कर्मचारियों ने दिया अपना एक दिन का वेतन
गौरतलब है कि पहलगाम में निर्दोष पर्यटकों की हत्या के बाद भारतीय सेना के जांबाजों ने मई महीने में ऑपरेशन सिंदूर चलाया था। इसके तहत पाकिस्तान में घुसकर अनेक आतंकी ठिकानों को नष्ट कर भारत का मान बढ़ाया था। राष्ट्र के प्रति भारतीय सेना के इस सर्वोच्च योगदान पर जिन्दल स्टील के कर्मचारियों ने स्वेच्छा से ड्यूटी के दौरान प्रभावित सैनिकों और उनके परिवारों के कल्याण के लिए अपने एक दिन के वेतन का योगदान किया है, जो कुल मिलाकर लगभग 2 करोड़ रुपये बनता है।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह को नवीन जिन्दल ने सौंपा चेक
कर्मचारियों के एकजुट योगदान का प्रतीक 2 करोड़ रुपये का चेक वीरवार को नई दिल्ली में कुरुक्षेत्र के सांसद और जिन्दल स्टील के चेयरमैन नवीन जिन्दल ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को सौंपा। जिन्दल ने कहा कि हमारे सैनिक हमारे राष्ट्र के सच्चे प्रहरी हैं। उनका साहस, त्याग और भारत की रक्षा के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता हम सभी को प्रेरित करती है। जिन्दल स्टील परिवार का यह योगदान उनके सेवा-भाव को सम्मानित करने और उनके साथ-साथ उनके परिजनों के साथ खड़े होने का एक विनम्र प्रयास है।
कोरोना काल में किया था 25 करोड़ का योगदान
यह कदम जिन्दल स्टील की उस परंपरा की एक कड़ी है, जिसमें कंपनी ने मुश्किल समय में देश और देश के रक्षकों का साथ दिया है। बता दें कि कोविड-19 महामारी के दौरान वर्ष 2020 में कंपनी ने नवीन जिन्दल के नेतृत्व में पीएम-केयर्स फंड में 25 करोड़ का योगदान दिया था। जिन्दल स्टील ने इसके अलावा दिल्ली, ओडिशा और छत्तीसगढ़ समेत देश के 13 राज्यों के अस्पतालों को लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन, अनेक राज्यों में जरूरतमंदों को मुफ्त भोजन, पीपीई किट, उन्नत चिकित्सा सुविधाएं और महिला स्वयंसहायता समूहों को एक लाख से अधिक सुरक्षात्मक मास्क बनाने में सहयोग दिया था। इससे पहले 2013 में उत्तराखंड में आई भयावह बाढ़ में जिन्दल स्टील ने त्वरित राहत और आवश्यक सामग्री पहुंचाई थी। देश में जब-जब कोई संकट आया, जिन्दल स्टील उन आपात स्थितियों से निपटने में सरकार और जनता का सहयोग करने के लिए सदैव तत्पर रही है।
20 हजार से ज्यादा कर्मचारी, अरबों का कारोबार
जिन्दल स्टील की स्थापना हरियाणा के पूर्व मंत्री व हिसार निवासी स्व. ओमप्रकाश जिन्दल ने की थी। 1952 में उन्होंने हिसार में बाल्टी बनाने का काम शुरू किया था, जो धीरे-धीरे भारत की स्टील निर्माण में सबसे बड़ी कंपनी बन गई। अब जिन्दल स्टील भारत में स्टील मैन्युफैक्चरिंग, माइनिंग, पावर, इंडस्ट्रियल गैस और पोर्ट सर्विसेज के सेक्टर में काम कर रही है। भारत के अलावा इनके अमेरिका, इंग्लैंड, मिडिल ईस्ट और इंडोनेशिया में यूनिट्स हैं। जिन्दल स्टील की 9.6 मिलियन टन प्रति वर्ष की स्टील बनाने की क्षमता है। कंपनी में करीब 20 हजार कर्मचारी काम करते हैं। करीब डेढ़ करोड़ लोगों की जिंदल ग्रुप की ओर से मदद की गई है।
जिन्दल ने दिलाया था तिरंगा फहराने का अधिकार
सांसद नवीन जिन्दल ने ही करीब एक दशक की लंबी कानूनी लड़ाई लड़कर आम आदमी को झंडा फहराने का अधिकार दिलाया था। उन्होंने 1995 में दिल्ली हाईकोर्ट में इसे लेकर याचिका दायर की थी। तब मामला सुप्रीम कोर्ट में चला गया था। 23 जनवरी 2004 को सुप्रीम कोर्ट ने हर नागरिक को पूर वर्ष सम्मान के साथ तिरंगा फहराने की अनुमति दी थी।