यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा के पिता की PM को चिट्ठी: बेटी को बताया बेगुनाह, पुलिस की कार्रवाई पर उठाए गंभीर सवाल

पिता का आरोप है कि पुलिस ने ज्योति से कोरे कागजों पर साइन करवाकर मनमर्जी से बयान लिखे। उन्होंने यह भी कहा कि बेटी पर लगाया गया देशद्रोह का आरोप निराधार है, क्योंकि 9 दिन की पुलिस रिमांड में भी कोई सबूत नहीं मिला।

Updated On 2025-08-04 17:10:00 IST

जेल में बंद यू-ट्यूबर ज्योति मल्होत्रा।

पाकिस्तान के लिए भारत की जासूसी के आरोपों में गिरफ्तार हिसार की यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा के पिता ने प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को चिट्ठी लिखकर न्याय की गुहार लगाई है। उन्होंने अपनी बेटी को बेगुनाह बताते हुए पुलिस की कार्रवाई पर कई गंभीर सवाल उठाए हैं। इस चिट्ठी में उन्होंने आरोप लगाया है कि पुलिस ने ज्योति से कोरे कागजों पर दस्तखत कराकर खुद ही उसकी स्टेटमेंट लिखी, जो कि पूरी तरह से असंवैधानिक है। उन्होंने दर्ज FIR को तुरंत रद्द करने और बेटी को न्याय दिलाने की मांग की है।

पिता ने एफआईआर पर उठाए 3 अहम सवाल

1. कोरे कागजों पर साइन कराकर लिखी गई स्टेटमेंट : पिता का आरोप है कि पुलिस ने पूछताछ के दौरान ज्योति से कई कोरे कागजों पर हस्ताक्षर कराए और बाद में अपनी सुविधा के अनुसार खुद ही स्टेटमेंट लिख दी। उनका कहना है कि यह भारतीय संविधान के अनुच्छेद 20 का उल्लंघन है, जो किसी भी व्यक्ति को अपने खिलाफ गवाह बनने से बचाता है। पिता का दावा है कि इस मामले में ज्योति को ही उसके खिलाफ गवाह बनाया गया है, जो इस FIR को असंवैधानिक बनाता है।

2. देशद्रोह की धारा हटाने की मांग : पुलिस ने ज्योति के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 152 जोड़ी है, जो देशद्रोह से संबंधित है। पिता का कहना है कि 9 दिन के रिमांड के बावजूद पुलिस इस धारा से संबंधित एक भी सबूत नहीं जुटा पाई है। जब कोई सबूत ही नहीं है, तो इस धारा को तुरंत हटा दिया जाना चाहिए।

3. हिसार एसपी के बयान का हवाला : पिता ने हिसार के पुलिस अधीक्षक (SP) द्वारा मीडिया में जारी किए गए लिखित प्रेस नोट का हवाला दिया है। एसपी ने स्पष्ट किया था कि जांच के दौरान ज्योति की किसी भी संवेदनशील, सैन्य या रणनीतिक जानकारी तक पहुंच नहीं मिली है। पिता का तर्क है कि जब ऐसा कोई सबूत ही नहीं मिला, तो आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम की धाराएं भी उनकी बेटी के खिलाफ उचित नहीं हैं।

पत्र में ज्योति के पिता ने दो प्रमुख मांगें रखी हैं

1. वीडियो हटाने की गारंटी : उन्होंने कहा कि ज्योति ने बतौर ट्रैवल ब्लॉगर पाकिस्तान यात्रा के जो वीडियो बनाए हैं, वे सामान्य ब्लॉग की तरह ही हैं। फिर भी, यदि कोई भी जांच एजेंसी किसी वीडियो को हटाने के लिए कहती है, तो वह खुद गारंटी लेते हैं कि उनकी बेटी उसे तुरंत अपने ब्लॉग से हटा देगी।

2. FIR रद्द करने की अपील : पिता ने भावुक होते हुए कहा कि उनकी बेटी अब अपनी पूरी जिंदगी में कभी पाकिस्तान नहीं जाएगी और ना ही इसके बारे में सोचेगी। उन्होंने अपील की है कि उनकी बेटी के खिलाफ दर्ज की गई FIR को रद्द कर दिया जाए, ताकि उन्हें और उनकी बेटी को न्याय मिल सके। उनका कहना है कि इस झूठी FIR ने उनकी बेटी और उनके परिवार की जिंदगी बर्बाद कर दी है, जिससे उबरना बहुत मुश्किल है।

8 मई को जासूसी के शक में पकड़ा गया था

यह पूरा मामला तब सामने आया जब केंद्रीय एजेंसियों ने 'ऑपरेशन सिंदूर' एयर स्ट्राइक के बाद देश में संदिग्ध गतिविधियों पर नज़र रखना शुरू किया। 8 मई को पंजाब के मालेरकोटला से गजाला खातून को पाकिस्तान के लिए जासूसी के शक में पकड़ा गया। गजाला ने पूछताछ में बताया कि वह पाकिस्तानी दूतावास के अधिकारी दानिश से लगातार संपर्क में थी।

एजेंसियों ने दानिश को ट्रैक करना शुरू किया, तभी सामने आया कि हिसार की यूट्यूबर ज्योति भी दानिश के संपर्क में थी। इसके बाद केंद्रीय एजेंसियों की नजरें ज्योति पर गईं और 15 मई को उसे उसके घर से गिरफ्तार कर लिया गया।

डिलीट डेटा रिकवर

पुलिस ने दावा किया है कि ज्योति मल्होत्रा के मोबाइल और लैपटॉप से डिलीट किया गया डेटा रिकवर कर लिया गया है और इसे फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है। हालांकि, पुलिस ने इस डेटा में क्या मिला, इसका खुलासा नहीं किया है। सूत्रों के अनुसार पुलिस को पाक एजेंट अली हसन नामक व्यक्ति से ज्योति की चैटिंग मिली है, जिसका इस्तेमाल यह साबित करने के लिए किया जा सकता है कि ISI एजेंटों ने ज्योति के वीडियो का फायदा उठाया।

हालांकि, हिसार के एसपी शशांक कुमार सावन ने भी पहले यह कह चुके हैं कि ज्योति का आतंकवादियों से सीधा संपर्क नहीं मिला है। इतना जरूर है कि वह पाक ऑपरेटिव के संपर्क में थी, लेकिन उसकी गहराई की जांच की जा रही है। 

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