तापमान गिरा, प्रदूषण बढ़ा: हरियाणा में 14°C की ठंडक, इन 3 शहरों की वायु सबसे खराब
रात का तापमान 14 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने से दिन में भी ठिठुरन महसूस हो रही है। मौसम में इस बदलाव के साथ ही राज्य में प्रदूषण का स्तर चिंताजनक रूप से बढ़ गया है। बहादुरगढ़ और धारूहेड़ा सबसे प्रदूषित शहर हैं।
हरियाणा के मौसम में बदलाव से तापमान में गिरावट जारी है।
हरियाणा में मौसम ने एक बार फिर करवट ली है, जिसके चलते दिनभर के तापमान में गिरावट दर्ज की जा रही है। एकाएक बढ़ी ठंड ने लोगों को दिन में भी ठिठुरन महसूस करा दी है। अक्टूबर के अंत में ही रात्रि का तापमान 14 डिग्री सेल्सियस के आसपास पहुंच गया है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ के आंशिक प्रभाव के कारण राज्य के मौसम में यह परिवर्तन देखा जा रहा है।
महेंद्रगढ़ जिले में न्यूनतम तापमान 14 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि हिसार का तापमान भी 14.8 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। इस अचानक बढ़ी ठंड का असर आम जनजीवन पर साफ दिखाई दे रहा है। आने वाले दिनों में बादलों की आवाजाही जारी रहने से दिन के तापमान में और हल्की गिरावट आ सकती है।
प्रदूषण में बहादुरगढ़ और धारूहेड़ा देश में टॉप पर
जहां एक ओर मौसम ठंडा हो रहा है, वहीं दूसरी ओर प्रदूषण का स्तर लगातार चिंताजनक बना हुआ है। दिवाली के बाद से ही हरियाणा के कई शहर प्रदूषण के 'रेड जोन' में प्रवेश कर चुके हैं। प्रदूषण के मामले में बहादुरगढ़ और धारूहेड़ा पूरे देश में सबसे ऊपर बने हुए हैं।
स्थानीय कारणों जैसे टूटी सड़कें, बड़े पैमाने पर चल रहे कंस्ट्रक्शन वर्क और फैक्ट्रियों व वाहनों से निकलने वाला अत्यधिक धुआं इस प्रदूषण वृद्धि के मुख्य कारण हैं। बहादुरगढ़ में तो वर्ष 2020 के बाद यह पहला मौका है, जब अक्टूबर माह में प्रदूषण का स्तर इतने लंबे समय तक 'रेड ज़ोन' (Red Zone) में बरकरार रहा है।
रेड जोन में हरियाणा के 6 शहर
हरियाणा के कुल 6 शहर वर्तमान में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) के आधार पर 'रेड जोन' में हैं। इन शहरों में बहादुरगढ़, धारूहेड़ा, मानेसर, फतेहाबाद और अंबाला प्रमुख रूप से शामिल हैं। इसके अलावा, जींद शहर भी रेड जोन की दहलीज पर है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 300 तक पहुंच गया है, जो 'बहुत खराब' श्रेणी को दर्शाता है।
हालांकि, सरकारी आंकड़ों के अनुसार हरियाणा में पिछले पांच वर्षों की तुलना में इस बार पराली जलाने के मामले कम दर्ज किए गए हैं। इसके विपरीत, पड़ोसी राज्य पंजाब में 12 गुना ज्यादा पराली जलाने के मामले सामने आए हैं। इसके बावजूद, पंजाब की तुलना में हरियाणा में प्रदूषण का स्तर ज़्यादा है। विशेषज्ञों का मानना है कि इसका कारण वातावरण में बढ़ी हुई नमी और ठंड है, जो प्रदूषक कणों को हवा में नीचे रोक कर रखती है।
बादल छाएंगे और हवाएं बदलेंगी
चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (HAU) हिसार के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. मदन खीचड़ ने मौसम को लेकर महत्वपूर्ण जानकारी दी है।
28 और 29 अक्टूबर को पश्चिमी विक्षोभ के आंशिक प्रभाव से मौसम परिवर्तनशील रहेगा। बीच-बीच में आंशिक बादल छाए रहेंगे और उत्तर पूर्वी हवाएं चलेंगी। इससे दिन के तापमान में हल्की कमी और रात के तापमान में हल्की बढ़ोतरी हो सकती है।
30 अक्टूबर से 2 नवंबर के मौसम का हाल
मौसम आमतौर पर खुश्क रहने की संभावना है। दिन के तापमान में हल्की बढ़ोतरी हो सकती है, जबकि रात के तापमान में हल्की गिरावट दर्ज की जाएगी। इस दौरान फिर से उत्तर और उत्तर-पश्चिमी हवाएं हल्की से मध्यम गति से चलने की संभावना है।
कुल मिलाकर, हरियाणा में मौसम का मिजाज बदला हुआ है। एक तरफ जहां हल्की ठंड ने दस्तक दे दी है, वहीं दूसरी तरफ जानलेवा प्रदूषण ने लोगों की चिंताएं बढ़ा दी हैं। स्थानीय कारणों पर तत्काल नियंत्रण और मौसम में बदलाव ही प्रदूषण के स्तर को नीचे लाने में सहायक हो सकता है।
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