हिसार में निजी स्कूल संचालकों का प्रदर्शन: प्रिंसिपल की हत्या का विरोध, मुआवजे और सुरक्षा की मांग

सर्व हरियाणा प्राइवेट स्कूल ट्रस्ट के प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि छात्रों को अनुशासन सिखाने पर प्रिंसिपल की हत्या कर दी गई। उनकी प्रमुख मांगों में मृतक प्रिंसिपल के परिजनों को 1 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता, परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी की मांग शामिल है।

Updated On 2025-07-16 13:07:00 IST

हिसार में प्रिंसिपल की हत्या के विरोध में प्रदर्शन करते निजी स्कूल संचालक। 

हरियाणा के हिसार जिले के गांव बास बादशाहपुर के करतार मेमोरियल स्कूल के प्रिंसिपल जगबीर पन्नू की गत दिनों निर्मम हत्या कर दी गई थी। इसके विरोध में आज (16 जुलाई) जिले के सभी निजी स्कूल बंद रहे। विरोध में स्कूल संचालकों ने लघु सचिवालय में एकत्र होकर विरोध प्रदर्शन कर अपनी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन उपायुक्त (DC) के माध्यम से सौंपा।

प्रिंसिपल ने छात्रों को अनुशासन का महत्व समझाया था

इस मौके पर सर्व हरियाणा प्राइवेट स्कूल ट्रस्ट के प्रदेश अध्यक्ष नरेंद्र सेठी ने मीडिया को संबोधित करते हुए बताया कि प्रिंसिपल जगबीर पन्नू ने छात्रों को अनुशासन का महत्व समझाया था। इसी बात से नाराज होकर कुछ छात्रों ने प्रिंसिपल पर चाकू से हमला कर उनकी हत्या कर दी। यह घटना बेहद हृदयविदारक है और इसने पूरे प्रदेश के निजी स्कूल संचालकों और शिक्षकों में भय और असुरक्षा का माहौल पैदा कर दिया है। सेठी ने कहा कि एक शिक्षक, जो छात्रों को सही राह दिखाने का प्रयास कर रहा था, उसे ही अपनी जान गंवानी पड़ी। यह शिक्षा के क्षेत्र में बढ़ती हिंसा का एक गंभीर संकेत है।

निजी स्कूल संचालकों की प्रमुख मांगें

निजी स्कूल संचालकों ने सरकार के सामने अपनी प्रमुख मांगें रखीं, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके और शिक्षकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके :

1. आर्थिक सहायता : मृतक प्रिंसिपल जगबीर पन्नू के परिजनों को ₹1 करोड़ की आर्थिक सहायता प्रदान की जाए। यह राशि पीड़ित परिवार के लिए एक सहारा बन सकेगी, जिसने अपना मुखिया खो दिया है।

2. सरकारी नौकरी: परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए। इससे परिवार को आर्थिक स्थिरता मिल सकेगी और वे अपने भविष्य को सुरक्षित कर पाएंगे।

3. शिक्षकों की सुरक्षा हेतु कानून: स्कूलों में शिक्षकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कड़े कानून बनाकर तुरंत लागू किए जाएं। वर्तमान में शिक्षकों को कार्यस्थल पर असुरक्षा का सामना करना पड़ रहा है, जिससे उनका मनोबल गिर रहा है। नए कानून उन्हें सुरक्षित महसूस कराएंगे।

4. दोषियों को कठोरतम सज़ा: प्रिंसिपल की हत्या करने वाले छात्रों को कठोर से कठोर सज़ा मिले, चाहे वे नाबालिग ही क्यों न हों। संचालकों ने मांग की कि उन्हें किसी भी प्रकार की रियायत न दी जाए, ताकि ऐसे अपराधों को अंजाम देने वालों को सख्त संदेश मिले। उनका मानना है कि उम्र को देखकर नरमी नहीं बरतनी चाहिए, क्योंकि अपराध की गंभीरता को देखते हुए न्याय होना चाहिए।

सरकार से आवश्यक कदम उठाने की अपील

निजी स्कूल संचालकों ने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो वे आगे और कड़ा रुख अपना सकते हैं। उन्होंने सरकार से इस गंभीर मुद्दे पर तत्काल ध्यान देने और आवश्यक कदम उठाने की अपील की। यह प्रदर्शन दिखाता है कि शिक्षक समुदाय अपनी सुरक्षा को लेकर कितना चिंतित है और वे चाहते हैं कि सरकार इस मामले में ठोस कार्रवाई करे। 

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