हरियाणा में स्वास्थ्य संकट: हिसार और बरवाला में NHM कर्मचारियों का प्रदर्शन, 5 महीने से रुका वेतन बना मुद्दा

कर्मचारियों ने बताया कि उन्होंने रक्षाबंधन पर काली राखी बांधकर भी अपना विरोध जताया था। अब उन्होंने 11 से 15 अगस्त तक काम का बहिष्कार करने की चेतावनी दी है और कहा है कि अगर 16 अगस्त तक वेतन जारी नहीं हुआ तो वे बड़ा आंदोलन शुरू करेंगे।

Updated On 2025-08-11 14:49:00 IST

हिसार के सिविल अस्पताल में प्रदर्शन करते एनएचएम कर्मचारी।

हरियाणा के हिसार में नेशनल हेल्थ मिशन (NHM) के तहत काम करने वाले कर्मचारियों ने 4 से 5 महीनों का वेतन नहीं मिलने पर हिसार और बरवाला के नागरिक अस्पतालों में जोरदार प्रदर्शन किया। आर्थिक तंगी और मानसिक तनाव से जूझ रहे ये कर्मचारी अब सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर उनकी सैलरी जल्द जारी नहीं की गई तो वे बड़े आंदोलन के लिए मजबूर होंगे, जिससे स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हो सकती हैं।

बिना वेतन काम करने का दबाव

हिसार में नागरिक अस्पताल के बाहर जुटे एनएचएम कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें पिछले 4-5 महीने से वेतन नहीं मिला है, उनके सामने घर का खर्च चलाना, बच्चों की स्कूल फीस भरना और अन्य जरूरी खर्चे पूरे करना मुश्किल हो गया है। इस गंभीर समस्या को लेकर वे लगातार अधिकारियों से गुहार लगा रहे हैं, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है।

वहीं दूसरी ओर कर्मचारी नेता जगत बिसला ने बताया कि समस्या नई नहीं है। पिछले साल 20 अगस्त को अतिरिक्त सचिव स्वास्थ्य विभाग और अतिरिक्त सचिव अमित अग्रवाल के साथ बैठक हुई थी। उसमें फैसला लिया गया कि कर्मचारियों को वेतन देने के लिए 3 महीने के एडवांस बजट का प्रावधान होगा, लेकिन अफसोस की बात है कि इस फैसले का पालन नहीं हो रहा और कर्मचारियों को महीनों तक वेतन के लिए इंतजार करना पड़ रहा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि कर्मचारियों का वेतन रोकना सीधे तौर पर श्रम कानूनों की अवहेलना है।

काली राखी बांधकर विरोध जताया

वेतन न मिलने के विरोध में एनएचएम कर्मचारियों ने रक्षाबंधन जैसे पवित्र त्योहार पर भी अपना गुस्सा जाहिर किया। उन्होंने सरकार तक अपनी बात पहुंचाने के लिए काली राखी बांधकर विरोध जताया। यह एक प्रतीकात्मक विरोध था, जो दर्शाता है कि कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर कितने गंभीर और निराश हैं।

कर्मचारी मनोज और बुधराम ने बताया कि अब उन्होंने एक और कड़ा कदम उठाने का फैसला किया है। वे 11 अगस्त से 15 अगस्त तक रोजाना सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक अपने-अपने कार्यस्थलों पर काम का बहिष्कार करेंगे। उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर 16 अगस्त तक उनके 4 महीने का लंबित वेतन जारी नहीं किया गया और भविष्य में हर महीने समय पर वेतन भुगतान का प्रावधान नहीं किया गया, तो वे अपने आंदोलन को और भी तेज करेंगे।

बरवाला में भी गूंजी विरोध की आवाज

हिसार जिले के बरवाला स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) में भी एनएचएम कर्मचारियों का प्रदर्शन देखने को मिला। यहां कार्यरत करीब 20 कर्मचारी भी चार महीनों से वेतन न मिलने से बेहद नाराज हैं। उन्होंने प्रदेश और केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए एक साफ संदेश दिया सैलरी नहीं तो काम नहीं। इन कर्मचारियों ने बताया कि वे कई बार अधिकारियों से इस बारे में बात कर चुके हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस समाधान नहीं निकला है।

कर्मचारियों ने अपनी आर्थिक स्थिति की जानकारी देते हुए बताया कि चार महीनों से वेतन न मिलने के कारण वे आर्थिक तंगी से बुरी तरह जूझ रहे हैं। कई कर्मचारियों को अपने बच्चों की स्कूल फीस भरने और घर का खर्च चलाने में भारी दिक्कत आ रही है। उनका आरोप है कि नियमित कर्मचारियों को तो समय पर वेतन मिल रहा है, लेकिन एनएचएम कर्मियों की सैलरी जानबूझकर रोकी जा रही है, जो उनके साथ भेदभाव है।

स्वास्थ्य सेवाओं पर गहराता संकट 

एनएचएम कर्मचारी पूरी ईमानदारी और लगन के साथ अपनी ड्यूटी निभाते हैं, फिर भी उनके साथ हो रहे इस अन्याय को लेकर उनमें भारी रोष है। इन कर्मचारियों ने स्पष्ट रूप से कहा है कि यदि जल्द ही उनका बकाया वेतन जारी नहीं किया गया, तो वे 11 अगस्त से 15 अगस्त तक प्रतिदिन हड़ताल करेंगे और सभी स्वास्थ्य सेवाओं का बहिष्कार करेंगे। हिसार के सिविल अस्पताल और बरवाला के सीएचसी में पहले ही काम का बहिष्कार शुरू हो चुका है, जिससे स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित होने लगी हैं। 

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