अहमदाबाद विमान हादसे का असर: हिसार एयरपोर्ट पर नया नियम, CM के स्वागत के लिए भी लेनी होगी परमिशन

एयरपोर्ट डायरेक्टर ने बताया कि ये बदलाव DGCA के निर्देशों के तहत किए गए हैं। मुख्यमंत्री के स्वागत या विदाई के लिए अब ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी (BCAS) की परमिशन जरूरी होगी। एयरपोर्ट के पूरी तरह से संचालित होने के कारण सुरक्षा मानकों में वृद्धि की गई है। आने वाले सालों में हिसार एयरपोर्ट की सुरक्षा की जिम्मेदारी केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) को भी सौंपी जा सकती है।

Updated On 2025-06-22 12:01:00 IST

9 जून को मुख्यमंत्री के स्वागत के लिए हिसार एयरपोर्ट पर किसी भी पदाधिकारी को रनवे पर नहीं जाने दिया था।

गुजरात के अहमदाबाद में हुए हालिया विमान हादसे के बाद नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) देश भर के एयरपोर्ट्स पर सुरक्षा व्यवस्था को लेकर बेहद सख्त हो गया है। इसी कड़ी में हरियाणा के इकलौते महाराजा अग्रसेन हवाई अड्डे, हिसार पर भी सुरक्षा मानकों को कड़ा कर दिया गया है। अब मुख्यमंत्री का स्वागत करने आने वाले नेताओं और कार्यकर्ताओं को एयरपोर्ट परिसर में प्रवेश के लिए लिखित अनुमति लेनी अनिवार्य होगी। पहले ऐसा नहीं था, जब पार्टी के जिलाध्यक्ष के कहने पर ही कार्यकर्ता अंदर चले जाते थे।

इसलिए बदले गए नियम? DGCA की सख्ती का असर

DGCA ने अहमदाबाद विमान दुर्घटना के बाद सभी एयरपोर्ट्स की सुरक्षा व्यवस्था की दोबारा जांच के लिए एक एडवाइजरी जारी की थी। इसी एडवाइजरी के तहत हिसार एयरपोर्ट पर भी नए सुरक्षा उपाय लागू किए गए हैं। इसका मुख्य उद्देश्य हवाई अड्डे की सुरक्षा को मजबूत करना और अनाधिकृत व्यक्तियों के प्रवेश को रोकना है।

एयरपोर्ट डायरेक्टर ने बताईं 3 अहम बातें

हिसार एयरपोर्ट के डायरेक्टर प्रशांत फुलमरे ने इन बदलावों के बारे में विस्तार से जानकारी दी-:

बिना परमिशन नो एंट्री : डायरेक्टर फुलमरे ने बताया कि DGCA समय-समय पर एयरपोर्ट सुरक्षा को लेकर निर्देश जारी करता रहता है। नए बदलावों के तहत, अब मुख्यमंत्री के स्वागत या सी-ऑफ के लिए आने वाले पार्टी कार्यकर्ताओं को बिना पूर्व अनुमति के एयरपोर्ट परिसर में प्रवेश नहीं दिया जाएगा।

BCAS की मंजूरी जरूरी : उन्होंने स्पष्ट किया कि मुख्यमंत्री के स्वागत या विदाई के लिए ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी (BCAS) से परमिशन लेनी पड़ेगी। इसके लिए संबंधित पार्टी को एयरपोर्ट डायरेक्टर को एक लिखित पत्र भेजना होगा। इसके बाद एयरपोर्ट डायरेक्टर BCAS से संपर्क कर आवश्यक अनुमति दिलवाएंगे।

अब 'ऑपरेटिंग एयरपोर्ट' है हिसार : डायरेक्टर ने यह भी बताया कि चूंकि हिसार एयरपोर्ट पर फिलहाल मालिकाना हक हरियाणा सरकार का है, इसलिए अभी एयरपोर्ट डायरेक्टर खुद भी इसके लिए परमिशन दे सकते हैं। उन्होंने जोर दिया कि पहले परमिशन की ज़रूरत नहीं पड़ती थी क्योंकि एयरपोर्ट पूरी तरह से ऑपरेट नहीं हो रहा था, लेकिन अब यहां से नियमित उड़ानें आ-जा रही हैं, इसलिए नियमों का पालन करना अनिवार्य है।

5 साल बाद CISF के हाथ में होगी सुरक्षा

वर्तमान में हरियाणा सरकार और एयरपोर्ट अथॉरिटी के बीच हुए एमओयू के कारण हिसार एयरपोर्ट की सुरक्षा की जिम्मेदारी हरियाणा सरकार के पास ही है। हरियाणा पुलिस की थर्ड बटालियन फिलहाल एयरपोर्ट की सुरक्षा संभाल रही है। हालांकि, आने वाले समय में हरियाणा सरकार एयरपोर्ट के रखरखाव के लिए किसी निजी एजेंसी को नियुक्त कर सकती है। इसके साथ ही, DGCA हिसार एयरपोर्ट की सुरक्षा की बागडोर बाकी घरेलू एयरपोर्ट्स की तरह केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) को सौंप सकता है। CISF हवाई अड्डे के मुख्य क्षेत्रों जैसे प्रवेश द्वार, यात्री सुरक्षा जांच और हवाई अड्डे की परिधि की सुरक्षा का जिम्मा उठाता है, साथ ही कर्मचारियों और यात्रियों की सुरक्षा भी सुनिश्चित करता है।

कम विजिबिलिटी और नाइट लैंडिंग की चुनौती

महाराजा अग्रसेन हिसार एयरपोर्ट पर अभी भी कुछ तकनीकी चुनौतियां हैं। धूल और प्रदूषण के कारण अक्सर कम विजिबिलिटी की समस्या रहती है, जिससे विमानों के टेक ऑफ और लैंडिंग में दिक्कतें आती हैं। एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के मानकों के अनुसार, मौजूदा समय में विजिबिलिटी 5 किलोमीटर होनी चाहिए। इस समस्या को हल करने के लिए जल्द ही हिसार एयरपोर्ट के रनवे पर ILS (Instrument Landing System) स्थापित किया जाएगा। यह सिस्टम कम दृश्यता में भी विमान को रनवे तक सुरक्षित रूप से पहुंचाने में मदद करेगा।

एयरपोर्ट डायरेक्टर ने बताया कि ये बदलाव DGCA के निर्देशों के तहत किए गए हैं। मुख्यमंत्री के स्वागत या विदाई के लिए अब ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी (BCAS) की परमिशन जरूरी होगी। एयरपोर्ट के पूरी तरह से संचालित होने के कारण सुरक्षा मानकों में वृद्धि की गई है। आने वाले सालों में हिसार एयरपोर्ट की सुरक्षा की जिम्मेदारी केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) को भी सौंपी जा सकती है।इसके अलावा, एयरपोर्ट पर नाइट लैंडिंग की सुविधा अभी उपलब्ध नहीं है। यही कारण है कि शाम 6:30 बजे के बाद हिसार से कोई फ्लाइट संचालित नहीं होती। 14 अप्रैल 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिसार से अयोध्या और हिसार से दिल्ली विमानों को हरी झंडी दिखाई थी। हाल ही में चंडीगढ़ के लिए भी दिन की फ्लाइट शुरू की गई है। आने वाले समय में जम्मू, जयपुर और अहमदाबाद के लिए भी उड़ानें शुरू होने की उम्मीद है। यह देखना होगा कि इन नए नियमों और सुरक्षा उपायों से हिसार एयरपोर्ट की कार्यप्रणाली कितनी सुधरती है और यात्रियों को कितना फायदा होता है। 

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