हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय: HAU की छात्रा अमेरिका की स्टेट यूनिवर्सिटी से करेगी PHD, इतने लाख की स्कॉलरशिप मिलेगी
सिमरन को पहले सेमेस्टर में 9 लाख का वजीफा मिलेगा और दूसरे सेमेस्टर से उन्हें सहायक प्रोफेसर के रूप में काम करने का अवसर मिलेगा, जिसमें उन्हें सालाना 22.55 लाख की सहायता राशि मिलेगी।
कुलपति प्रो. बीआर कम्बोज के साथ छात्रा सिमरन व अन्य।
हिसार के चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (HAU) की छात्रा सिमरन ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। उनका चयन अमेरिका की प्रतिष्ठित आयोवा स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी में पीएचडी की डिग्री के लिए हुआ है। यह न केवल सिमरन के लिए, बल्कि पूरे विश्वविद्यालय और हरियाणा राज्य के लिए गर्व का क्षण है। इस चयन के साथ, सिमरन को अपने पूरे पाठ्यक्रम के दौरान वित्तीय सहायता और अन्य महत्वपूर्ण लाभ मिलेंगे, जो उनके शोध और शिक्षा के मार्ग को सुगम बनाएंगे।
23 लाख से अधिक की छात्रवृत्ति और मुफ्त स्वास्थ्य बीमा
सिमरन को आयोवा स्टेट यूनिवर्सिटी में पीएचडी के दौरान प्रति वर्ष लगभग 23 लाख रुपये से अधिक की छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी। यह छात्रवृत्ति उनके उच्च शिक्षा के सपनों को साकार करने में बहुत ज्यादा भूमिका निभाएगी। उन्हें पूर्ण शिक्षण शुल्क में छूट और निशुल्क स्वास्थ्य बीमा भी मिलेगा जो अमेरिका में पढ़ाई के दौरान आने वाले बड़े खर्चों से उन्हें राहत देगा। यह फेलोशिप अत्यंत प्रतिस्पर्धी होती है और सिमरन का चयन उनकी अकादमिक उत्कृष्टता और शोध क्षमता को दर्शाता है।
HAU के उच्च शैक्षणिक मानकों का प्रमाण
हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बीआर कम्बोज ने छात्रा सिमरन को उनकी इस शानदार उपलब्धि के लिए हार्दिक बधाई दी है। उन्होंने सिमरन के उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए कहा कि यह चयन विश्वविद्यालय में अपनाए जा रहे उच्च शैक्षणिक व अनुसंधान मानकों का प्रतीक है। प्रो. कम्बोज ने आगे कहा कि विश्वविद्यालय लगातार विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास और उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए प्रयासरत है।
उन्होंने बताया कि एचएयू अब विश्व स्तर के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में शुमार है। यहां न केवल भारतीय विद्यार्थी विदेशों में उच्च शिक्षा के लिए जा रहे हैं, बल्कि विदेशी छात्र भी एचएयू में अध्ययन के लिए आते हैं। कुलपति ने यह भी बताया कि एचएयू ने अपने विद्यार्थियों और वैज्ञानिकों को नवीन तकनीकों में प्रशिक्षित करने के लिए विश्व प्रसिद्ध कई विश्वविद्यालयों और शोध संस्थानों के साथ अनुबंध किए हैं। यह पहल छात्रों को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने में मदद कर रही है।
सहायक प्रोफेसर के रूप में काम करने का भी अवसर मिलेगा
कृषि महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. एसके पाहुजा ने सिमरन की उपलब्धि पर विस्तार से बताते हुए कहा कि उन्हें अत्यधिक प्रतिस्पर्धी और होनहार होने के कारण पीएचडी में प्रवेश दिया गया है। फेलोशिप के अंतर्गत, सिमरन को प्रथम सेमेस्टर में पूर्ण छात्रवृत्ति, 9 लाख रुपये का वजीफा और स्वास्थ्य बीमा निशुल्क प्रदान किया जाएगा। यह सिर्फ शुरुआत है। डॉ. पाहुजा ने बताया कि दूसरे सेमेस्टर से सिमरन को विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर के रूप में काम करने का भी अवसर प्राप्त होगा। इस भूमिका में उन्हें सालाना 22.55 लाख की सहायता राशि मिलेगी। यह न केवल सिमरन को वित्तीय रूप से सशक्त बनाएगा, बल्कि उन्हें बहुमूल्य शोध और शिक्षण का अनुभव भी देगा,
सिमरन ने सफलता का श्रेय शिक्षकों और अभिभावकों को दिया
अपनी इस महत्वपूर्ण उपलब्धि पर छात्रा सिमरन ने इसका श्रेय विश्वविद्यालय के शिक्षकों और अपने अभिभावकों को दिया। उन्होंने बताया कि उनके शिक्षकों और माता-पिता ने उन्हें आगे बढ़ने को प्रेरित किया, जिस कारण वह अपने लक्ष्य को हासिल करने में सफल रहीं। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के अनुसंधान निदेशक डॉ. राजबीर गर्ग व बीज विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अध्यक्ष डॉ. वीरेन्द्र मोर भी उपस्थित रहे। उन्होंने सिमरन को उनकी इस उपलब्धि के लिए शुभकामनाएं दीं। सिमरन की यह सफलता निश्चित रूप से एचएयू के अन्य छात्रों को भी उच्च शिक्षा और शोध के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित करेगी।