गुरु जम्भेश्वर विवि हिसार के छात्रों का कमाल: स्वास्थ्य, उद्योग और कृषि के लिए तैयार किया 'स्मार्ट वजन मॉनिटरिंग सिस्टम'

इस तकनीक का उपयोग अस्पतालों में मरीजों की निगरानी, उद्योगों में स्टॉक प्रबंधन और कृषि में पशुओं के वजन या फसल उत्पादन की निगरानी के लिए किया जा सकता है। विश्वविद्यालय अब इस मॉडल को व्यावसायिक रूप देने की योजना बना रहा है।

Updated On 2025-10-04 12:42:00 IST

हिसार में कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई को आईओटी आधारित वजन मॉनिटरिंग सिस्टम की जानकारी देते डा. विजय पाल सिंह। 

हरियाणा के गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (GJU S&T) के विद्यार्थियों ने एक ऐसा अभिनव इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) आधारित वजन मॉनिटरिंग सिस्टम तैयार किया है जो विभिन्न क्षेत्रों के लिए गेम चेंजर साबित हो सकता है। विश्वविद्यालय के इलेक्ट्रॉनिक्स एवं कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग विभाग के अंतिम वर्ष के तीन छात्रों द्वारा तैयार किया गया यह प्रोजेक्ट, स्वास्थ्य देखभाल से लेकर कृषि और उद्योग तक कई क्षेत्रों में निगरानी के तरीकों में क्रांति ला सकता है।

इस परियोजना का मार्गदर्शन इलेक्ट्रिकल एवं इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ. विजय पाल सिंह ने किया। 'आईओटी-आधारित वजन मॉनिटरिंग सिस्टम' नामक यह प्रोजेक्ट, साधारण लेकिन अत्यंत सटीक लोड सेल सेंसर को एक माइक्रोकंट्रोलर और इंटरनेट ऑफ थिंग्स तकनीक के साथ जोड़ता है।

ऐसे काम करता है यह अभिनव सिस्टम

यह स्मार्ट सिस्टम पूरी तरह से स्वचालित है। लोड सेल सेंसर वजन को मापता है और यह डेटा तुरंत क्लाउड प्लेटफॉर्म पर भेज दिया जाता है। इस डेटा को फिर किसी भी मोबाइल या वेब एप्लीकेशन पर वास्तविक समय (Real-Time) में देखा जा सकता है।

इस तकनीक की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह मानवीय हस्तक्षेप को पूरी तरह समाप्त कर देती है, जिससे वजन की निगरानी अधिक सटीक और निरंतर बनी रहती है। यह नवाचार विद्यार्थियों की तकनीकी दक्षता और व्यावहारिक समस्याओं को हल करने की उनकी रचनात्मक सोच का प्रमाण है।

कुलपति ने सराहा

विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस अभिनव प्रयास की भरपूर सराहना की है। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने कहा ऐसे नवाचार GJU S&T की उस मूल सोच को मज़बूत करते हैं, जहां शिक्षा केवल किताबों तक सीमित न रहकर समाज के लिए उपयोगी और व्यावहारिक समाधान प्रस्तुत करती है। यह प्रोजेक्ट हमारे विद्यार्थियों की क्षमता और उनकी रचनात्मक सोच का उत्कृष्ट प्रमाण है।

कुलसचिव डॉ. विजय कुमार ने कहा हमारा निरंतर प्रयास रहा है कि विद्यार्थियों को उनके विचारों को वास्तविक नवाचारों में बदलने के लिए सभी जरूरी मार्गदर्शन और संसाधन उपलब्ध हों। यह वजन मॉनिटरिंग सिस्टम इसी सोच का सफल परिणाम है।

स्वास्थ्य, उद्योग और कृषि में व्यापक उपयोग

परियोजना का मार्गदर्शन करने वाले डॉ. विजय पाल सिंह ने इस तकनीक की व्यापक उपयोगिता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि इसका उपयोग केवल साधारण मापन तक सीमित नहीं है।

• स्वास्थ्य क्षेत्र: अस्पतालों में मरीजों के वजन पर लगातार नज़र रखी जा सकती है। साथ ही, घर पर बुजुर्गों या अस्वस्थ व्यक्तियों के वजन में अचानक परिवर्तन होने पर यह सिस्टम तुरंत परिवार को सचेत कर सकता है।

• उद्योग: कच्चे माल का स्टॉक स्वचालित रूप से अपडेट होता रहेगा। इससे उत्पादन और आपूर्ति श्रृंखला (Supply Chain) को सुव्यवस्थित करने में मदद मिलेगी।

• कृषि: किसान फसल उत्पादन, खाद की मात्रा या पशुओं के वजन पर सटीक निगरानी रख सकते हैं। इससे संसाधनों की बचत होगी और उत्पादकता में वृद्धि होगी।

मॉडल को तकनीकी प्रदर्शनियों में प्रस्तुत करने की योजना

यह प्रोजेक्ट आईओटी और साधारण सेंसर के मेल से एक ऐसा अनुकूलनीय मॉडल तैयार करता है जिसे विभिन्न क्षेत्रों की जरूरतों के अनुसार आसानी से ढाला जा सकता है। विश्वविद्यालय अब इस मॉडल को तकनीकी प्रदर्शनियों में प्रस्तुत करने और उद्योग जगत के सहयोग से इसे व्यावसायिक रूप देने की योजना बना रहा है। यह उपलब्धि भारतीय युवाओं के डिजिटल और स्मार्ट दुनिया बनाने में अग्रणी भूमिका निभाने के इरादे को दर्शाती है।

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