Hathni Kund: हरियाणा में हथिनीकुंड बैराज पर नदी का जलस्तर 3 लाख क्यूसेक पार, जानें यमुना किनारे बसे 5 शहरों का हाल ?

Hathni Kund Barrage: हथिनीकुंड बैराज पर नदी का जलस्तर 3 लाख क्यूसेक पार हो गया है। 5 शहरों में स्थिति काफी गंभीर है। बाढ़ का अलर्ट भी जारी किया गया है।

Updated On 2025-09-02 13:29:00 IST

हथिनीकुंड बैराज पर नदी का जलस्तर 3 लाख क्यूसेक पार।

Hathni Kund Barrage: हरियाणा में लगातार हो रही बारिश ने कोहराम मचाया हुआ है। प्रदेश में बारिश की वजह से होने वाली दुर्घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। इसके अलावा सड़कों पर जलभराव और जाम की समस्या से भी लोग जूझ रहे हैं। भारी बारिश की वजह से प्रदेश में बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं। किसानों की फसल जलमग्न हो रही है। इस बीच यमुनानगर में हथिनीकुंड बैराज पर नदी का जलस्तर 3 लाख क्यूसेक पार हो गया है। अब तक अधिकतम 3,39,313 क्यूसेक पानी दर्ज किया गया है।

ऐसा कहा जा रहा है कि आजादी के बाद 7 बार ही ऐसा हुआ है, जब यमुना का जलस्तर 5 लाख क्यूसेक से ज्यादा दर्ज किया गया। 6 बार यह स्थिति सितंबर महीने में सामने आई है। इस बार भी सितंबर में नदी उफान पर है। ऐसे में इस साल भी यमुना किनारे बसे यमुनानगर, करनाल, पानीपत, सोनीपत और फरीदाबाद में अलर्ट की स्थिति में हैं।

ताजेवाला हेड के बाद हथिनीकुंड बैराज बना
बता दें कि यमुनानगर के हथिनीकुंड बैराज से पानी सोमवार से निकलना शुरू हुआ है, आज मंगलवार को पानी दूसरे शहरों में पहुंच रहा है। ऐसे में मंगलवार शाम तक दिल्ली में भी हालत गंभीर हो सकती है, ये पानी दिल्ली के राजघाट तक पहुंच सकता है। जब 3 सितंबर 1978 को यमुना नदी में बाढ़ आ गई थी, तो अंग्रेजों के जमाने में बने ताजेवाला हेड को काफी नुकसान हुआ था।

उस वक्त नदी का जलस्तर 7,09,239 क्यूसेक दर्ज किया गया था। बाढ़ न झेल पाने के कारण ताजेवाला हेड से अपस्ट्रीम की तरफ हथिनीकुंड बैराज बनाने का काम शुरू किया था। साल 1999 में हथिनीकुंड बैराज बनकर तैयार हुआ, जिसकी क्षमता ताजेवाला हेड से ज्यादा है।

इन शहरों की फसलें हुई जलमग्न

  • यमुनानगर के कलेसर, बेलगढ़, मांडेवाला, नवाजपुर में कई जगह यमुना जलस्तर बढ़ जाने के कारण भूमि कटाव शुरू हो गया था। स्थिति इतनी गंभीर है कि रुकाली गांव में नदी का पानी श्मशान घाट के शेड को बहा ले गया। कई गांवों में बाढ़ को रोकने के लिए लगाए पत्थर से स्टड भी बह चुका है। 100 एकड़ से ज्यादा फसलें डूबने की सूचना है।
  • करनाल में यमुना के बढ़ रहे जलस्तर को देखते हुए 20 गांवों पर खतरा मंडरा रहा है। बताया जा रहा है कि जुलाई 2023 में इंद्री ब्लॉक में यमुना की पटरी टूटने से 20 गांवों में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए थे। वहीं 2018 में भी 14 गांव जलमग्न हो गए थे।
  • पानीपत के साथ गांव पर भी बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। तामशाबाद में नदी ओवरफ्लो होने से फसलें जलमग्न हो गई हैं। साल 2023 में तामशाबाद में तटबंध टूटने से बड़ा इलाका बाढ़ की चपेट में आ गया था। यमुनानगर से यहां तक यमुना का पानी आने में आमतौर पर 36 से 48 घंटे लग जाते हैं।
  • सोनीपत में यमुना नदी गन्नौर से दिल्ली बॉर्डर तक 30 गांव सटे हुए हैं। इन गांवों में 2023 में भी बाढ़ आई थी। फसलों में पानी भरा है। गन्नौर के पपनेरा, राई के भैंरा व दहिसरा, मुरथल के बख्ततावरपुर, गढ़ी, मेहंदीपुर और जैनपुर में बाढ़ का खतरा है।

फरीदाबाद में 14 गांव पर खतरा
बताया जा रहा है कि फरीदाबाद में भी यमुना करीब 30 किलोमीटर एरिया से गुजरती है। नदी किनारे के 17 गांव बसंतपुर, किढ़ावली, लालपुर, महावतपुर, राजपुर कलां, तिलौरी खादर, अमीपुर, चीरसी, मंझावली, चांदपुर, मोठूका, अरुआ, छांयसा, लतीफपुर, शाहजहांपुर, मोहना आते हैं। इनमें से 14 गांवों पर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। बीते दिन सोमवार से बसंतपुर गांव में पानी भरा हुआ है, जहां 200 मकानों को खाली करवाया गया है। मझावाली, मोहना, राजपुरा, चांदपुर में खेतों पानी भरा हुआ है।

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