World Environment Day: CM सैनी ने चरखी दादरी से दी 375 इलेक्ट्रिक बसों की सौगात, रोडवेज बेड़ा होगा ईको-फ्रेंडली
मुख्यमंत्री स्वयं इलेक्ट्रिक कार से पहुंचे और 5 इलेक्ट्रिक बसों को हरी झंडी दिखाई। सीएम ने घोषणा की कि 2026 तक रोडवेज बेड़े में 30% इलेक्ट्रिक बसें शामिल करने का लक्ष्य है। उन्होंने एक पेड़ मां के नाम अभियान का भी शुभारंभ किया और पराली प्रबंधन में हरियाणा की सराहना की।
दादरी में सीएम नायब सैनी का जनता कॉलेज सभागार में पगड़ी बांध कर स्वागत किया गया।
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने आज विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर चरखी दादरी में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम में पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपनी सरकार की प्रतिबद्धता का प्रदर्शन किया। मुख्यमंत्री स्वयं इलेक्ट्रिक कार से कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे, जो उनके संदेश को और प्रभावी बना रहा था। उन्होंने एक पेड़ मां के नाम अभियान के तहत पौधरोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया और इसके बाद 5 इलेक्ट्रिक बसों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह बसें दादरी के बजाय दूसरे जिलों में भेजी जाएंगी। सीएम ने घोषणा की कि प्रदेश के 11 नगर निगमों को कुल 375 इलेक्ट्रिक बसें दी जाएंगी, जिसकी शुरुआत कर दी गई है और 9 नगर निगमों को 45 बसें पहले ही दी जा चुकी हैं।
2026 तक 450 और ई-बसें, 30% बेड़ा होगा इलेक्ट्रिक
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने अपने संबोधन में बताया कि उनका लक्ष्य है कि हरियाणा राज्य परिवहन के बेड़े में 30 प्रतिशत इलेक्ट्रिक बसें शामिल हों। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए, सरकार ई-बस योजना के तहत 2026 तक 450 और इलेक्ट्रिक बसें खरीदेगी, जो मुख्य रूप से शहरों के अंदर चलेंगी। उन्होंने इन बसों के फायदे गिनाते हुए कहा कि ये बसें वायु प्रदूषण के साथ-साथ ध्वनि प्रदूषण को भी कम करती हैं, जो शहरों में बढ़ते प्रदूषण स्तर को नियंत्रित करने में अत्यंत कारगर साबित होंगी। यह कदम हरियाणा को देश के उन अग्रणी राज्यों में स्थापित करेगा जो सार्वजनिक परिवहन को पर्यावरण-अनुकूल बनाने की दिशा में सक्रिय हैं।
विश्व पर्यावरण दिवस पर CM की विशेष उपस्थिति
विश्व पर्यावरण दिवस (5 जून) के अवसर पर मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का चरखी दादरी पहुँचना इस कार्यक्रम के महत्व को बढ़ाता है। जनता कॉलेज स्टेडियम में आयोजित इस कार्यक्रम की अध्यक्षता वन एवं पर्यावरण मंत्री राव नरबीर सिंह ने की। मुख्यमंत्री ने हल्की बूंदाबांदी के बीच पौधारोपण किया और उपस्थित लोगों को पर्यावरण एवं प्रकृति संरक्षण का संकल्प दिलाया। उनका यह दौरा पर्यावरण के प्रति सरकार की गंभीरता को दर्शाता है।
प्लास्टिक मुक्त धरती का संकल्प और जूट के थैले
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने इस वर्ष विश्व पर्यावरण दिवस की थीम प्लास्टिक मुक्त धरती पर जोर दिया। उन्होंने लोगों को प्लास्टिक के बढ़ते उपयोग से होने वाले गंभीर पर्यावरणीय दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक किया और उनसे प्लास्टिक का प्रयोग न करने की अपील की। इस अवसर पर लोगों को जूट से बने थैले भी वितरित किए गए, ताकि वे प्लास्टिक बैग के स्थान पर इनका उपयोग कर सकें। यह पहल प्लास्टिक प्रदूषण को कम करने और एक स्वच्छ पर्यावरण बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
4 राज्यों के 29 जिलों को लाभ
मुख्यमंत्री ने वृक्षारोपण, संरक्षण और समुदाय आधारित प्रयासों के माध्यम से अरावली क्षेत्र में हरित आवरण को फिर से स्थापित करने के उद्देश्य से हरित अरावली कार्ययोजना का भी शुभारंभ किया। उन्होंने बताया कि यह योजना 4 राज्यों (हरियाणा, राजस्थान, गुजरात, दिल्ली) के 29 जिलों में चल रही है, जिसमें हरियाणा के 5 जिले शामिल हैं। इस योजना का उद्देश्य अरावली की जैव विविधता को संरक्षित करना और उसके हरित आवरण को बढ़ाना है, जो इस क्षेत्र के पारिस्थितिक संतुलन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसके अतिरिक्त, सीएम ने इस अवसर पर पर्यावरण संरक्षण आधारित दो पुस्तकों का भी विमोचन किया।
सुप्रीम कोर्ट भी हरियाणा की पराली प्रबंधन की सराहना कर चुका
मुख्यमंत्री ने प्रदूषण को रोकने के लिए सरकार द्वारा उठाए जा रहे विभिन्न कदमों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने पराली प्रबंधन को लेकर ग्राम पंचायतों को प्रोत्साहित करने की बात कही। उन्होंने बताया कि जिन गांवों में पराली नहीं जलाई जा रही है, उन गांवों को पहले 1 लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जा रही थी, जिसे अब बढ़ाकर डेढ़ लाख रुपये कर दिया गया है। सीएम ने गर्व से बताया कि दिल्ली में बढ़े प्रदूषण को लेकर जब हरियाणा में पराली जलाने से प्रदूषण बढ़ने के आरोप लगे थे, तब सुप्रीम कोर्ट भी हरियाणा सरकार की पराली प्रबंधन की सराहना कर चुका है, और पंजाब सरकार को हरियाणा से सीखने की नसीहत दी गई थी। यह दर्शाता है कि हरियाणा सरकार ने पराली जलाने की समस्या को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण प्रगति की है।
1 करोड़ 86 लाख पेड़ लगाने का लक्ष्य
मुख्यमंत्री ने इस वर्ष प्रदेश में 1 करोड़ 86 लाख पेड़ लगाने का लक्ष्य रखा है, जो बीते वर्ष से अधिक है। उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि उन्हें जहां भी अवसर मिले, पेड़ लगाना चाहिए और उनका संरक्षण करना चाहिए। उन्होंने पेड़ों के महत्व को बताते हुए कहा कि पेड़ लगाने वाले को ही नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों तक को ऑक्सीजन, फल, छाया और लकड़ी उपलब्ध करवाते हैं। सीएम ने विशेष रूप से एक पेड़ मां के नाम अभियान के पीछे के विचार को समझाया। उन्होंने कहा कि यह अभियान इसलिए रखा गया है क्योंकि मां सबसे प्यारी होती है और वह जीवनभर आशीर्वाद, दुआएं देती रहती है। उसी प्रकार, एक पेड़ भी जीवन भर हमें लाभांवित करता है। उन्होंने लोगों से अपील की कि हमें पेड़ की भी मां की तरह देखभाल करनी चाहिए। यह अभियान पर्यावरण संरक्षण को भावनात्मक जुड़ाव से जोड़ता है।
कार्यक्रम में उपस्थित प्रमुख हस्तियां
राज्यस्तरीय कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के अलावा, पर्यावरण मंत्री राव नरबीर सिंह, भिवानी-महेंद्रगढ़ सांसद चौधरी धर्मबीर सिंह, दादरी विधायक सुनील सांगवान, बाढड़ा विधायक उमेद सिंह पातुवास, भाजपा जिलाध्यक्ष सुनील इंजीनियर, पर्यावरण, वन एवं वन्य प्राणी विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आनंद मोहन शरण, दादरी डीसी मुनीश शर्मा, एसपी अर्श वर्मा आदि प्रमुख हस्तियां मौजूद थीं। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का चरखी दादरी दौरा और उनके द्वारा की गई घोषणाएं हरियाणा को एक greener और cleaner राज्य बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होंगी। इलेक्ट्रिक बसों का बढ़ता बेड़ा और व्यापक पौधारोपण अभियान राज्य के भविष्य के लिए एक सकारात्मक संदेश देता है।