अंत्योदय परिवार सुरक्षा योजना: कुत्ते के काटने पर दांत गिनकर व घाव मापकर देंगे मुआवजा, जानें कितना होगा

हरियाणा में दीन दयाल उपाध्याय अंत्योदय परिवार सुरक्षा योजना यानी दयालु-2 बड़ी राहत लेकर आई है। अवारा पशुओं से मौत या दिव्यांगता होने व कुत्ते के काटने पर मुआवजे का प्रावधान है। जानें क्या हैं नियम।

Updated On 2025-09-12 08:10:00 IST

अवारा पशुओं से मौत, दिव्यांगता या चोट पर मुआवजे का किया प्रावधान। 

अवारा जानवरों से मौत पर मिलेगा मुआवजा : हरियाणा सरकार ने राज्य के निवासियों को अवारा जानवरों के हमले से होने वाले नुकसान में मदद करने के लिए योजना की शुरुआत की है। कुत्ते के काटने या आवारा पशुओं जैसे गाय, बैल, गधे, नीलगाय व भैंस आदि के हमले से हुई आकस्मिक मृत्यु, दिव्यांगता अथवा चोट लगने की स्थिति में आर्थिक सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से दीन दयाल उपाध्याय अंत्योदय परिवार सुरक्षा योजना यानी दयालु-2 लागू की है। यह योजना उन सभी परिवारों को कवर करती है, जो परिवार पहचान पत्र PPP के तहत पंजीकृत हैं। शर्त है कि उनकी वार्षिक पारिवारिक आय फैमिली इंफॉर्मेशन डाटा रिपॉजिटरी FIDR में सत्यापित अनुसार 1.8 लाख से कम हो।

योजना की अधिसूचना जारी

मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने इस सम्बन्ध में अधिसूचना जारी कर दी है। यह योजना अधिसूचना की तिथि से लागू हो जाएगी। यह अधिसूचना जारी होने से पूर्व 25 मई 2023 और 9 नवम्बर 2023 को जारी की गई अधिसूचनाएं इस अधिसूचना की तिथि से 90 दिन बाद स्वतः निरस्त हो जाएंगी।

मौत पर यह दी जाएगी वित्तीय सहायता

दयालु-2 योजना के अंतर्गत आकस्मिक मृत्यु अथवा 70 प्रतिशत या उससे अधिक स्थायी दिव्यांगता की स्थिति में आयु के अनुसार वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। ऐसे मामलों में 12 वर्ष तक की आयु के बच्चों के लिए एक लाख रुपये, 12 से 18 वर्ष तक दो लाख रुपये, 18 से 25 वर्ष तक तीन लाख रुपये, 25 से 45 वर्ष तक पांच लाख रुपये तथा 45 वर्ष से अधिक आयु वालों के लिए तीन लाख रुपये की सहायता दी जाएगी।

कम चोट व कुत्ते के काटने पर मुआवजा

70 प्रतिशत से कम दिव्यांगता के मामलों में सहायता राशि दिव्यांगता की प्रतिशतता के अनुसार, कर्मचारी मुआवजा अधिनियम, 1923 के प्रावधानों के अनुसार दी जाएगी। यह राशि न्यूनतम दस हजार रुपये से कम नहीं होगी। सामान्य चोट के लिए दस हजार रुपये की निश्चित राशि दी जाएगी। कुत्ते के काटने के मामले में प्रत्येक दांत के निशान पर न्यूनतम दस हजार रुपये तथा जहां त्वचा से मांस उखड़ा हो, वहां प्रत्येक 0.2 सेंटीमीटर घाव पर न्यूनतम बीस हजार रुपये की राशि दी जाएगी।

हर जिले में बनेगी कमेटी, यह होंगे मेंबर

योजना का सही ढंग से कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के मकसद से, हर जिले में उपायुक्त की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समिति गठित की गई है। पुलिस अधीक्षक, उपमंडल अधिकारी नागरिक, जिला परिवहन अधिकारी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी का प्रतिनिधि तथा योजना अधिकारी या जिला सांख्यिकी अधिकारी को इस समिति के सदस्य बनाया गया है। आवश्यकता अनुसार पंचायत, वन, नगर निकाय, लोक निर्माण विभाग, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण अथवा अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी भी समिति में शामिल किए जा सकते हैं। यह समिति दावों की जांच कर उनकी वास्तविकता सुनिश्चित करेगी और दुर्घटना की प्रकृति, कारण व लापरवाही को देखते हुए 120 दिनों के भीतर मुआवजे या सहायता राशि का निर्धारण करेगी। यदि दुर्घटना पालतू जानवर से हुई है तो समिति पालतू पशु के मालिक को भी सुनवाई का अवसर देगी।

90 दिन में करना होगा आवेदन

योजना के अंतर्गत दावा घटना की तिथि से 90 दिनों के भीतर ऑनलाइन पोर्टल पर प्रस्तुत करना आवश्यक है। निर्धारित अवधि के बाद प्रस्तुत दावे स्वीकार नहीं किए जाएंगे। दावे के साथ मृत्यु प्रमाण पत्र, एफआईआर अथवा डीडीआर की प्रति, अस्पताल रिकॉर्ड, दिव्यांगता प्रमाण पत्र तथा चोट के प्रमाण स्वरूप फोटो तथा अन्य आवश्यक दस्तावेज संलग्न करने होंगे।

इन्हें दी जाएगी सहायता राशि

सहायता राशि परिवार पहचान पत्र में दर्ज आधार से जुड़े बैंक खाते में सीधे स्थानांतरित की जाएगी। मृत्यु की स्थिति में राशि परिवार के मुखिया को दी जाएगी। यदि परिवार के मुखिया का निधन हो चुका है तो सहायता राशि परिवार के सबसे बड़े सदस्य जो 60 वर्ष से कम हो, उसे दी जाएगी। यदि ऐसा कोई सदस्य नहीं है तो 60 वर्ष से अधिक आयु के निकटतम बड़े सदस्य को राशि दी जाएगी। यदि सभी सदस्य अठारह वर्ष से कम आयु के होंगे तो राशि केवल व्यस्क होने पर ही दी जाएगी।

यह होगी नोडल एजेंसी

हरियाणा परिवार सुरक्षा न्यास इस योजना की नोडल एजेंसी होगा और इसके मुख्य कार्यकारी अधिकारी योजना के क्रियान्वयन के लिए जिम्मेदार होंगे। जिला स्तरीय समिति द्वारा पारित सहायता राशि एचपीएसएन द्वारा छह सप्ताह के भीतर जारी कर दी जाएगी। इसके बाद जिस विभाग, एजेंसी अथवा निजी व्यक्ति की जिम्मेदारी तय होगी वहां से राशि की वसूली की जाएगी। झूठी जानकारी या गलत दावे पर ली गई राशि 12 प्रतिशत वार्षिक ब्याज के साथ वसूल की जाएगी।

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