Delhi AIIMS: मोबाइल ऐप की मदद से छूटेगी तंबाकू की लत! एम्स के शोध में खुलासा, जानिए कैसे करेगा काम?

AIIMS: दिल्ली AIIMS ने तंबाकू खाने की लत छुड़ाने के लिए 'वार्तालाप' मोबाइल ऐप का परीक्षण किया है। इसके जरिए मरीज कैंसर का कारण बनने वाले इस नशे से आसानी से पीछा छुड़वा सकेंगे।

By :  sapnalata
Updated On 2025-05-12 17:53:00 IST

Delhi AIIMS: तंबाकू खाने की लत अगर एक बार लग जाए, तो फिर लाख कोशिश के बाद भी नहीं छूटती। हालांकि तंबाकू का सेवन करने वाले क‌ई लोग इससे पीछा छुड़ाना चाहते हैं। ऐसे ही लोगों की मदद के लिए दिल्ली AIIMS ने 'वार्तालाप' मोबाइल ऐप का परीक्षण किया है।

विशेषज्ञों ने राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम (एनटीसीपी) के तहत यह मोबाइल एप विकसित किया है। ऐप के बेसिक मॉडल को विकसित करने के बाद अब इसे प्रचलन में लाने की तैयारी की जा रही है। इस ऐप का परीक्षण एम्स के विशेषज्ञों ने किया है। ऐप की प्राथमिक जांच के बाद इसका इस्तेमाल असरदार पाया गया। आने वाले दिनों में इस ऐप को मरीजों के लिए सार्वजनिक कर दिया जाएगा।

दूर-दूर से जुड़ सकेंगे मरीज

इस ऐप की मदद से मरीज दुनिया के किसी भी कोने से सीधे एम्स के विशेषज्ञों से जुड़ सकेंगे। विशेषज्ञों की मानें, तो यह ऐप मरीजों की व्यक्तिगत सहायता और तंबाकू छोड़ने के लिए सुझाव देने के साथ-साथ धूम्रपान छोड़ने में सहायक संभावित संसाधन युक्त सुविधा भी उपलब्ध करवाएगा।

एआई बेस तकनीक का इस्तेमाल

'वार्तालाप' मोबाइल ऐप आधुनिक सुविधाओं से लैस हैं। इस ऐप में एआई बेस्ड तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। साथ ही इसके माध्यम से पीड़ित लोगों को वीडियो संदेश भी दिया जाएगा। यह तंबाकू छोड़ने के दौरान होने वाली समस्याओं, उन समस्याओं से कैसे लड़ना है और इसके बाद शरीर में होने के वाले बदलावों को स्वीकार करने की क्षमता विकसित करने का काम भी करेगा।

विशेषज्ञों का कहना है कि मरीजों की तरफ से होने वाली क्रियाओं की जानकारी ऐप के माध्यम से एम्स के विशेषज्ञों के पास पहुंच जाएगी। डॉक्टर उस जानकारी का विश्लेषण कर वैज्ञानिक पद्धति के आधार पर मरीजों को इलाज की सुविधा उपलब्ध करवाएंगे।

शोध में कौन-कौन शामिल

एम्स, सीडीईआर के ओरल पैथोलॉजी और माइक्रोबायोलॉजी विभाग, नेशनल ड्रग डिपेंडेंस ट्रीटमेंट सेंटर, नई दिल्ली कम्प्यूटेशनल और डेटा विज्ञान विभाग, आईआईएससी, स्वास्थ्य डेटा पहल, एआई और रोबोटिक्स प्रौद्योगिकी पार्क, आईआईएससी से डॉ. दीपिका मिश्रा, डॉ. शालिनी सिंह के साथ डॉ. वरुण सूर्या सहित अन्य विशेषज्ञ शोध में शामिल हुए।

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