Delhi Cyber Fraud: एक कॉल और...दिल्लीवासियों ने साल 2025 में साइबर फ्रॉड में गंवा दिए 1200 करोड़
Delhi Cyber Fraud: दिल्ली के लोगों को साल 2025 में साइबर फ्रॉड से 1200 करोड़ रुपए से ज्यादा का चूना लगा है। IFSO के आंकड़ों से इसका खुलासा हुआ है।
दिल्ली के लोगों ने साल 2025 में साइबर फ्रॉड 1200 करोड़ रुपए से ज्यादा गवाएं।
Delhi Cyber Fraud: दिल्ली में इस साल साइबर फ्रॉड में लोगों ने 1200 करोड़ रुपए से ज्यादा गंवा दिए हैं। IFSO के आंकड़ों से इसका खुलासा हुआ है। साइबर अपराधी डर, लालच और भरोसे देकर लोगों को ठगी का शिकार बनाते हैं। राजधानी में अपराधियों ने एक साल में सबसे बड़ी 'डिजिटल लूट' को अंजाम दिया है। ऐसे में दिल्ली पुलिस की मुश्किलें भी बढ़ गई हैं, आखिर तमाम तरह के साइबर सुरक्षा कैंपेन और अवेयरनेस प्रोग्राम चलाने के बावजूद भी साइबर अपराधियों ने 2025 में करोड़ों की ठगी को कैसे अंजाम दे दिया ?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिल्ली पुलिस की इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस (IFSO)यूनिट के डीसीपी विनीत कुमार द्वारा ठगी से जुड़ी इस रकम के बारे में बताया है। उन्होंने यह भी कहा कि IFSO इस साल फ्रॉड की राशि करीब 2424 फीसदी होल्ड करवा चुकी है, जो पिछले साल की तुलना में होल्ड की गई रकम के आंकड़े से 14 फीसदी ज्यादा है। DCP का कहना है कि 12 अरब रुपए यह आंकड़ा पूरी दिल्ली का है, जिसमें IFSO के पास दर्ज केस के साथ दिल्ली के सभी जिलों में बने साइबर पुलिस स्टेशन में हुई FIR भी शामिल हुई है।
टॉप पर शेयर स्टॉक इन्वेस्टमेंट
IFSO के मुताबिक, साल 2025 में टॉप पर शेयर स्टॉक इन्वेस्टमेंट फ्रॉड, दूसरे नंबर पर डिजिटल अरेस्ट रहा है। इसके अलावा कई दूसरे तरीको से भी धोखाधड़ी हुई है। साल भर में डिजिटल अरेस्ट, निवेश और ट्रेडिंग ऐप घोटाले, मनी ट्रेल, फिशिंग, क्रिप्टो लॉन्ड्रिंग और कॉल सेंटर लोन स्कैम जैसी वारदातों ने लोगों को ठगी का शिकार बनाया है। साइबर क्राइम में म्यूल बैंक खाते और म्यूल मोबाइल सिम कार्ड का इस्तेमाल किया गया है। दिल्ली पुलिस ने 'CyHawk'अभियान में भारी संख्या में स्कैमर्स को गिरफ्तार किया है। इस अभियान में 1000 से ज्यादा स्कैमर गिरफ्तार हो चुके हैं।
फ्रॉड होने पर इन बातों का रखें ध्यान
- साइबर स्कैम का शिकार होने पर 1930 पर कॉल या cybercrime.gov.in पोर्टल पर कंप्लेट करें। लेकिन शिकायत से पहले 4 बातों का ध्यान रखना जरूरी है।
- सबसे पहले विक्टिम अपने बैंक अकाउंट नंबर को तुरंत एक कागज पर लिख लें।
- दूसरा UTR (यूनिक ट्रांजेक्शन रेफरेंस) को कॉल करने से पहले साथ रखें। बता दें कि 16 डिजिट नंबर है, जो NEFT के लिए होता है। इसी तरह 22 डिजिट का नंबर RTGS और 12 UPL के लिए होता है।
- तीसरे स्टेप में फ्रॉड हुई रकम का पूरा रिकॉर्ड जैसे ट्रांजैक्शन आईडी को नोट करना जरूरी है।
- आखिरी चरण में फ्रॉड की डेट और टाइम भी नोट कर लें।
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