Delhi Elections 2025: महिला वोटरों की संख्या में बढ़ोतरी, पुरुषों से इतनी फीसदी ज्यादा मतदान, क्या बदलेगा चुनावी समीकरण?

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में इस बार कुल मतदान 60.54% रहा, जिसमें महिलाओं ने पुरुषों से 0.72% अधिक मतदान किया। कुल पुरुष मतदान 60.20% और महिला मतदान 60.92% रहा। महिलाओं की यह बढ़ती भागीदारी क्या सियासी समीकरण बदल सकती है? राजनीतिक विश्लेषक इस पर नजर बनाए हुए हैं।

Updated On 2025-02-07 17:19:00 IST
दिल्ली चुनाव 2025 में महिला मतदाताओं की संख्या में बढ़ोतरी।

Delhi Elections 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में मतदान के आंकड़े सामने आ चुके हैं, और इस बार महिला मतदाताओं की बढ़ती भागीदारी ने राजनीतिक विश्लेषकों का ध्यान आकर्षित किया है। इस चुनाव में महिलाओं ने पुरुषों की तुलना में 0.72% अधिक मतदान किया, जिससे यह स्पष्ट होता है कि दिल्ली की राजनीति में अब महिलाओं की भूमिका और प्रभाव तेजी से बढ़ रहा है।  

60.92% महिला मतदाताओं ने डाला वोट, पुरुषों से आगे निकलीं  

दिल्ली विधानसभा चुनाव में कुल मतदान प्रतिशत 60.54% रहा, जिसमें से महिलाओं का मतदान प्रतिशत 60.92% और पुरुषों का मतदान प्रतिशत 60.20% दर्ज किया गया। चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, कुल 1,56,14,000 मतदाताओं में से 94,51,997 ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया।  

  1. कुल पुरुष मतदाता: 83,76,173 
  2. मतदान करने वाले पुरुष: 50,42,966 (60.20%)  
  3. कुल महिला मतदाता: 72,36,560  
  4. मतदान करने वाली महिलाएं: 44,08,629 (60.92%)  

इस आंकड़े से स्पष्ट है कि महिला मतदाताओं ने पुरुषों की तुलना में अधिक जागरूकता दिखाई और बड़ी संख्या में मतदान केंद्रों पर पहुंचीं।  

दिल्ली की किन सीटों पर महिलाओं ने दिखाया अधिक उत्साह?  

दिल्ली के कई विधानसभा क्षेत्रों में महिलाओं का मतदान पुरुषों की तुलना में अधिक रहा, जिससे उनकी बढ़ती राजनीतिक जागरूकता और सक्रियता साफ झलकती है। खास तौर पर सीलमपुर, मुस्तफाबाद, गोकलपुर, बाबरपुर, रोहतास नगर और त्रिलोकपुरी जैसे क्षेत्रों में महिला मतदाताओं की भारी भागीदारी देखी गई। इन इलाकों में महिलाओं ने न सिर्फ अधिक संख्या में मतदान किया, बल्कि लोकतंत्र में अपनी भागीदारी को और मजबूत किया। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि महिलाओं के बढ़ते मतदान प्रतिशत से इन सीटों पर सियासी समीकरण भी प्रभावित हो सकते हैं।

महिलाओं के बढ़ते मतदान का कारण क्या है?

राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि महिलाओं की बढ़ती भागीदारी के पीछे कई सामाजिक और आर्थिक कारक हैं:  

  1. महिलाओं की बढ़ती राजनीतिक जागरूकता- महिलाएं अब पारंपरिक राजनीति से आगे बढ़कर अपने अधिकारों और जरूरतों को समझ रही हैं।  
  2. महिला सुरक्षा और शिक्षा- कई योजनाओं और अभियानों ने महिलाओं को वोट देने के लिए प्रेरित किया है।  
  3. आर्थिक सशक्तिकरण- सरकारी योजनाओं और स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से महिलाओं की वित्तीय स्थिति बेहतर हुई है, जिससे वे चुनावी प्रक्रिया में सक्रिय हो रही हैं।  
  4. पारिवारिक और सामाजिक सहयोग- पहले की तुलना में अब महिलाओं को परिवार और समाज का अधिक समर्थन मिल रहा है।  

इन इलाकों में रहा महिलाओं का मतदान कम

दिल्ली के कुछ विधानसभा क्षेत्रों में महिला मतदाताओं की भागीदारी उम्मीदों से कम रही, जिससे यह साफ होता है कि अभी भी कई सामाजिक और आर्थिक बाधाएं महिलाओं के मतदान में रुकावट बन रही हैं। आर.के. पुरम, महरौली, मॉडल टाउन, ग्रेटर कैलाश, तुगलकाबाद और चांदनी चौक जैसे क्षेत्रों में महिलाओं का मतदान प्रतिशत कम दर्ज किया गया।

महिला वोटरों का बढ़ता प्रभाव: राजनीतिक दलों के लिए संदेश

इस चुनाव में महिलाओं के बढ़ते मतदान प्रतिशत ने राजनीतिक दलों के लिए भी एक अहम संदेश छोड़ा है। अब पार्टियों को महिलाओं की प्राथमिकताओं को अपने एजेंडे में प्रमुखता से शामिल करना होगा।  

  • महिला सुरक्षा
  • शिक्षा और रोजगार के अवसर
  • स्वास्थ्य सेवाएं
  • महिला सशक्तिकरण योजनाएं  

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महिलाओं की बढ़ती भागीदारी: लोकतंत्र को मजबूत करने की दिशा में कदम

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी भारतीय लोकतंत्र के लिए एक सशक्त संकेत है। यह न केवल महिलाओं की स्थिति को मजबूत करेगा, बल्कि पूरे सामाजिक और आर्थिक विकास में भी योगदान देगा। यह स्पष्ट हो चुका है कि महिलाएं अब सिर्फ घरेलू जिम्मेदारियों तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि वे देश की राजनीति में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं।

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