सौरभ भारद्वाज का आरोप: बीजेपी ले रही इलेक्ट्रॉनिक मोहल्ला बसों का क्रेडिट; CBI जांच होनी चाहिए
आम आदमी पार्टी के दिल्ली प्रदेश संयोजक सौरभ भारद्वाज का आरोप है कि जिन बसों को शर्तों के उल्लंघन के चलते मंजूरी नहीं मिली, बीजेपी की सरकार बनते ही अचानक मंजूरी मिल गई। उन्होंने कहा कि यह हजारों करोड़ों का मामला है, इसलिए इसकी सीबीआई से जांच कराई जानी चाहिए।
आम आदमी पार्टी दिल्ली के प्रदेश संयोजक सौरभ भारद्वाज ने सीएम रेखा गुप्ता की सरकार पर मोहल्ला बसों का क्रेडिट चुराने का आरोप लगाया है। साथ ही, मेक इन इंडिया कंपोनेंट की 50 फीसद कंप्लायंस जरूरी थी, लेकिन पूरी नहीं हुई। ऐसे में इन्हें सर्टिफिकेट नहीं मिला। उन्होंने कहा कि अप्रैल में अचानक इसको सर्टिफिकेट मिल गया है, जो कि धांधली की ओर इशारा करता है। आप नेता ने इस मामले की CBI से जांच कराने की मांग की।
भारद्वाज बोले- यह हजारों करोड़ों का मामला
प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए सौरभ भारद्वाज ने कहा कि इलेक्ट्रिक मोहल्ला बसों का ट्रायल और उद्घाटन अक्टूबर 2024 में हुआ था। इस योजना की शुरुआत केजरीवाल सरकार ने की थी। इन बसों का ठेका भी केंद्र सरकार की CESL कंपनी को दिया था ताकि बीजेपी किसी प्रकार के भ्रष्टाचार का आरोप न लगा सके। इसके बाद जब ये बसें तैयार हुईं तो पता चला कि टेंडर की शर्तों में उल्लंघन हुआ है। उन्होंने आरोप लगाया कि तय शर्तों के तहत इनमें मेक इन इंडिय कंपोनेंट की 50 फीसद कंप्लायंस जरूरी थी, लेकिन इन्हें पूरा नहीं किया गया। इस कारण हमने उन्हें सर्टिफिकेट नहीं दिया।
उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी की सरकार बनने के बाद अप्रैल में अचानक इन बसों को कंप्लायंस मिल गई। उन्होंने कहा कि यह हजारों करोड़ों के घोटाले का मामला है। उन्होंने सवाल पूछा कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो बीजेपी को बताना चाहिए कि क्या टेंडर शर्तों को नजरअंदाज करके इन बसों को जबरन सड़कों पर उतार दिया गया है?
अगर जो बसें October में Make in India के Components की Compliance नहीं कर पा रही थी, उन्होंने April में कैसे कर दिया?
— AAP (@AamAadmiParty) May 3, 2025
इसकी CBI जांच होनी चाहिए क्योंकि ये हज़ारों करोड़ का मामला है। हमें पता चलना चाहिए कि ये भ्रष्टाचार अधिकारियों के स्तर पर हुआ है या फिर सरकार के स्तर पर हुआ है?… pic.twitter.com/UdGEHUO9s1
सीबीआई जांच होनी चाहिए
आप नेता सौरभ भारद्वाज ने आरोप लगाया कि यह गंभीर मामला है, इसलिए सीबीआई से मामले की जांच कराई जानी चाहिए। हमें भी पता चलना चाहिए कि ये भ्रष्टाचार अधिकारियों के स्तर पर हुआ या फिर सरकार के स्तर पर हुआ है।