भाजपा, आप और कांग्रेस पर केस!: कैश वाली योजनाओं के वादे पहुंचे हाईकोर्ट, जनहित याचिका में बताया गया असंवैधानिक

Delhi High Court: दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा, आप और कांग्रेस ने कई नकद पैसे देने वाली योजनाएं घोषित की हैं। रिटायर्ड जज ने इन योजनाओं के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। 

Updated On 2025-02-02 16:11:00 IST
दिल्ली हाईकोर्ट में नकद योजनाओं को लेकर याचिका दाखिल।

Delhi High Court: दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए सभी पार्टियों ने जनता से कैश देने वाली योजनाओं का वादा किया है। हालांकि अब ये मामला अदालत पहुंच गया है। रिटायर्ड जस्टिस एसएन ढींगरा ने इन योजनाओं के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। इस याचिका में दावा किया गया है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक दलों ने जो नकद वाली योजनाएं घोषित की हैं, वो असंवैधानिक हैं। ऐसा करने से स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों की भावना कमजोर होती है और चुनावों में हेराफेरी करती हैं।

जनहित याचिका में की गई मांगें

इस जनहित याचिका में कांग्रेस, भाजपा और आप द्वारा झूठे बहाने से वोटर्स की पर्सनल और चुनावी डेटा इकट्ठा करने को तुरंत रोकने की मांग की गई है। साथ ही इन दलों द्वारा एकत्रित डेटा किसी तीसरे पक्ष के साथ साझा करने या इस्तेमाल करने से रोकने का आदेश देने के लिए कहा गया है। इसके अलावा चुनाव आयोग को निर्देश देने की मांग की गई है कि वे मतदाताओं को नकद देने की योजनाओं के संबंध में राजनीतिक दलों के लिए नियम बनाएं। साथ ही दिल्ली हाईकोर्ट से चुनाव आयोग को ये निर्देश देने की भी मांग की गई है कि चुनाव आयोग चुनाव कानूनों के उल्लंघन को रोकने और दिल्ली में स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से चुनाव कराए। 

क्या हैं राजनीतिक दल

याचिका में ये भी कहा गया है कि राजनीतिक दल सामाजिक ताकतों और विचारधाराओं को सरकारी संस्था से जोड़ने का माध्यम हैं और सरकार और जनमत के बीच जोड़ने वाली कड़ी के रूप में काम करते हैं। भारत में राजनीतिक दलों को उनके कामों के कारण सरकार की एजेंसी माना जा सकता है। वे भारत के संविधान के अनुच्छेद 12 के तहत परिभाषित 'राज्य' के दायरे में आते हैं।

ये भी पढ़ें: अरविंद केजरीवाल की मुख्य चुनाव आयुक्त को चिट्ठी, बोले- नई दिल्ली सीट पर इंडिपेंड ऑब्जर्वर करें नियुक्त

Similar News