Ghazipur Landfill Fire: दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना का एक्शन, गाजीपुर लैंडफिल साइट पर आग लगने के मामले में मांगी रिपोर्ट

Ghazipur Landfill Fire: दिल्ली के उपराज्यापाल वीके सक्सेना ने गाजीपुर लैंडफिल साइट पर लगी आग मामले में संज्ञान लेते हुए इसकी रिपोर्ट मांगी है।

Updated On 2024-04-23 12:35:00 IST
दिल्ली के उपराज्यपाल ने गाजीपुर में कूड़े के पहाड़ में लगी आग की मांगी रिपोर्ट।

Ghazipur Landfill Fire: दिल्ली के गाजीपुर में स्थित कूड़े के पहाड़ में आग लगने के बाद ताबड़तोड़ एक्शन लिया जा रहा है। इस बात का अभी तक पता नहीं चल सका है कि आग कैसे लगी थी। वहीं, दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने गाजीपुर लैंडफिल साइट पर लगी आग का संज्ञान लिया है। उन्होंने नगर निगम आयुक्त से इस मामले में विस्तृत रिपोर्ट देने के लिए कहा है। रिपोर्ट में उन्होंने यह भी बताने के लिए कहा है कि आग क्यों लगी और दिल्ली में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं। साथ ही कूड़े के पहाड़ को खत्म करने का काम इतना धीमा क्यों है? 

दिल्ली के उपराज्यपाल ने इस घटना को लेकर रविवार को भी निगमायुक्त से बात की थी। आग पर नियंत्रण के लिए हर संभव प्रयास करने के लिए कहा था। फिलहाल, आग पर काबू पा लिया गया है। लेकिन एलजी ने भविष्य को ध्यान में रखते हुए मामले की रिपोर्ट देने के लिए कहा है। इस रिपोर्ट के आधार पर ही आगे के कदम उठाए जाएंगे। 

बीजेपी ने आप पर लगाए आरोप 

गाजीपुर में कूड़े के पहाड़ में लगी आग पर जमकर राजनीतिक सियासत हुई। दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष वीरेंद्र सचेवा का कहना है कि गाजीपुर लैंडफिल साइट पर आग लगने से मयूर विहार और कोंडली के आसपास के इलाकों में लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। आगे कहा कि सीएम केजरीवाल ने नगर निगम के चुनाव में घोषणा की थी कि वे दिसंबर 2023 तक इस लैंडफिल को हटा देंगे। केजरीवाल शासित दिल्ली नगर निगम की यह आपराधिक लापरवाही है। 

केजरीवाल दिल्ली को लूटना चाहते -वीरेंद्र सचदेवा

वीरेंद्र सचदेवा ने आगे कहा कि साल 2017 से 2022 तक लगातार सीएम केजरीवाल को गाजीपुर लैंडफिल साइट पर बोलते हुए सभी लोगों ने देखा, उन्होंने लैंडफिल साइट पर रेड कार्पेट बिछाकर निरीक्षण भी किया था और घोषणा की थी कि हमारे पास प्लान भी और पॉलिसी भी, हम कूड़े के पहाड़ को हटा देंगे। आगे कहा कि इस समय स्थिति इतनी ज्यादा बेकार है कि यहां 25 मशीनें तैनात की जानी चाहिए थी, लेकिन इसमें से आधी मशीनें काम नहीं कर रही हैं। केजरीवाल का सारा ध्यान दिल्ली को लूटने का है, न उनसे दिल्ली सरकार का दायित्व संभल रहा है और न ही नगर निगम का, उन्हें इस बात को स्वीकार करना होगा। 

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