दिल्ली में शीला दीक्षित की योजनाओं की अनदेखी: AAP सरकार पर कांग्रेस का हमला,माकन ने कहा- सिर्फ वादों तक सीमित है सरकार

अजय माकन ने आम आदमी पार्टी पर शीला दीक्षित सरकार के समय की कई महत्वपूर्ण योजनाओं को लागू न करने और नई योजनाओं की अनदेखी करने का आरोप लगाया। कांग्रेस नेता अजय माकन ने कहा कि 2007 में शीला दीक्षित सरकार ने दिल्ली के वृद्ध नागरिकों के लिए 'ओल्ड एज होम एक्ट' लाया था।

Updated On 2025-01-28 17:30:00 IST
कांग्रेस नेता अजय माकन।

Congress on AAP delhi Sheila Dikshit Initiatives: दिल्ली में विधानसभा चुनावों की गर्माहट के बीच कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। कांग्रेस कोषाध्यक्ष अजय माकन ने शीला दीक्षित सरकार के समय की कई महत्वपूर्ण योजनाओं को लागू न करने और नई योजनाओं की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए कहा कि आम आदमी पार्टी सिर्फ वादों तक सीमित है और जनता के हित के कामों पर ध्यान नहीं दे रही।  

शीला दीक्षित सरकार ने बनाया था ओल्ड एज होम एक्ट

कांग्रेस नेता अजय माकन ने कहा कि 2007 में शीला दीक्षित सरकार ने दिल्ली के वृद्ध नागरिकों के लिए 'ओल्ड एज होम एक्ट' लाया था। इसके तहत दिल्ली सरकार को हर जिले में कम से कम 150 बुजुर्गों की सुविधा के लिए ओल्ड एज होम बनाने की जिम्मेदारी दी गई थी। शीला दीक्षित सरकार ने केंद्र से जमीन मांगी, जिसके बाद सरिता विहार, छतरपुर, और गीता कॉलोनी में जमीन दी गई। लेकिन आज तक उन जगहों पर एक ईंट भी नहीं रखी गई। उन्होंने कहा कि यह तब हुआ था जब दिल्ली और केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी। लेकिन 2015 से अब तक AAP सरकार ने इस योजना पर कोई काम नहीं किया। यह बुजुर्गों के अधिकारों की अनदेखी है।

हॉस्पिटल और डिस्पेंसरी की जमीनें भी खाली

अजय माकन ने बताया कि 2007 से 2015 के बीच दिल्ली सरकार को हॉस्पिटल और डिस्पेंसरी के लिए 15 जगहों पर जमीन आवंटित की गई थी। लेकिन आज तक उन पर कोई निर्माण कार्य नहीं हुआ। AAP सरकार ने इन स्थानों का उपयोग नहीं किया, जो दिल्ली की जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ है।  

लाडली योजना: बेटियों के अधिकार पर डाका

कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी पर लाडली योजना को ठीक से लागू न करने का भी आरोप लगाया। शीला दीक्षित सरकार द्वारा 2008 में शुरू की गई 'लाडली योजना' का उद्देश्य दिल्ली में बेटियों को आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा देना था। इस योजना के तहत बच्चियों को उनके जन्म से लेकर 18 साल की आयु तक अलग-अलग चरणों में आर्थिक सहायता दी जाती थी। माकन ने कहा, '2008 में योजना के तहत 20,242 बच्चियों का रजिस्ट्रेशन हुआ था। लेकिन 2020 तक यह संख्या घटकर 3,000 पर आ गई है। 3 लाख 20 हजार बच्चियों को पैसे मिलना चाहिए थे, लेकिन 618 करोड़ रुपये खजाने में पड़े हैं। यह बेटियों के अधिकारों का हनन है।'  

2100 रुपये देने का वादा, लेकिन पुरानी योजना अधूरी

AAP सरकार ने हाल ही में महिलाओं को 2,100 रुपये देने का वादा किया है। लेकिन कांग्रेस ने सवाल उठाया कि जब पुरानी योजनाओं को ही सही तरीके से लागू नहीं किया गया, तो नए वादों पर भरोसा कैसे किया जा सकता है? माकन ने कहा कि 18 साल में बच्चियों को पैसा मिल जाना चाहिए था, लेकिन 26 साल की बच्चियों को भी आज तक उनका हक नहीं मिला। यह सरकार बेटियों के हक को खा रही है। जो बेटियों का हक खाए, वह श्राप का भागी होता है। 

महिला-पुरुष अनुपात में सुधार की चुनौती

अजय माकन ने कहा कि महिला-पुरुष अनुपात में सुधार के लिए शीला दीक्षित सरकार ने ठोस कदम उठाए थे। लेकिन AAP सरकार इस दिशा में न तो कोई नई पहल कर पाई है और न ही पुरानी योजनाओं को आगे बढ़ा रही है। कांग्रेस ने AAP सरकार पर आरोप लगाया कि यह सिर्फ वादे करने वाली सरकार है। योजनाओं के क्रियान्वयन में इसकी रुचि नहीं है। अजय माकन ने जनता से अपील करते हुए कहा कि दिल्ली की जनता को ऐसी सरकार से बचकर रहना चाहिए।  

कांग्रेस का वादा

कांग्रेस ने कहा कि अगर वह सत्ता में आती है तो शीला दीक्षित के समय की सभी योजनाओं को न सिर्फ पुनर्जीवित करेगी, बल्कि उन्हें तेजी से लागू भी करेगी। माकन ने कहा कि हम अपनी बेटियों और बुजुर्गों के अधिकार की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं। दिल्ली में पुरानी योजनाओं की अनदेखी और नए वादों की बाढ़ के बीच कांग्रेस ने AAP सरकार को घेरने का प्रयास किया है। चुनाव के नतीजे बताएंगे कि जनता इन आरोपों पर क्या प्रतिक्रिया देती है।  

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