सीएम केजरीवाल की जान को जेल में खतरा: अंतरिम जमानत की मांग को लेकर HC में PIL दायर, 22 अप्रैल को होगी सुनवाई

Delhi Liquor Scam Case: केजरीवाल के लिए अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं, विशेषज्ञ डॉक्टर और चिकित्सा उपकरण हर समय उपलब्ध हों।हालांकि, जेल में सुरक्षा कारणों की वजह से ऐसा संभव नहीं है।

Updated On 2024-04-19 11:58:00 IST
सीएम केजरीवाल की याचिका पर आज राउज एवेन्यू कोर्ट में होगी सुनवाई।

Delhi Liquor Scam Case: दिल्ली की आबकारी नीति में कथित घोटाले से जुड़े मनी लांड्रिंग के मामले में ED ने 21 मार्च को गिरफ्तार किया था। इसके बाद उनकी न्यायिक हिरासत को 29 अप्रैल तक के लिए बढ़ा दिया गया है। इसी बीच दिल्ली हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल कर जेल में सीएम की जान को खतरा बताते हुए उनके बचे हुए मुख्यमंत्री कार्यकाल के लिए विशेष अंतरिम जमानत देने की मांग की गई है। हाई कोर्ट में दायर जनहित याचिका में सीएम केजरीवाल को उनके कार्यकाल पूरा होने तक ईडी और सरकार द्वारा दर्ज सभी आपराधिक मामलों में असाधारण अंतरिम जमानत पर रिहा करने की मांग की गई है। 

22 अप्रैल को होगी सुनवाई 

दिल्ली हाई कोर्ट में दाखिल जनहित याचिका पर सोमवार यानी 22 अप्रैल को होगी। याचिकाकर्ता ने जनहित याचिका में जेल में बंद अपराधियों अतीक अहमद और टिल्लू ताजपुरिया की हत्याओं का उदाहरण देते हुए कहा कि जेल में केजरीवाल की सुरक्षा खतरे में है।

सही समय पर इलाज न मिलने से हो रही कैदियों की मौत 

दिल्ली सरकार के किसी भी कार्यालय या स्थान का निरीक्षण करने के साथ आधिकारिक कर्तव्यों को निभाने के जरूरी कदम उठाने की अनुमति देने के लिए एक और निर्देश देने की मांग की गई। याचिका में कहा गया है कि राजधानी के जेलों में इतने सारे कैदियों की मौत सिर्फ इसलिए हुई है क्योंकि उन्हें समय पर चिकित्सा सुविधाएं और सेवाएं प्रदान की गई है। 

सीएम होने के नाते स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हों

दायर याचिका में कहा गया है कि सीएम होने के नाते यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि केजरीवाल के लिए अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं, विशेषज्ञ डॉक्टर और चिकित्सा उपकरण हर समय उपलब्ध हों। हालांकि, जेल में सुरक्षा कारणों की वजह से ऐसा संभव नहीं है। याचिकाकर्ता ने तर्क दिया है कि लूट, हत्या, दुष्कर्म और डकैती के आरोपियों के बीच सीएम की सुरक्षा बहुत खतरे में है। यह भी तर्क दिया कि सीएम केजरीवाल और उनके परिवार के सदस्यों या सहयोगियों पर ऐसा आरोप नहीं है कि उन्होंने किसी गवाह को धमकी दी हो। 

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