मरीज को भर्ती नहीं करने के मामले में सीएम केजरीवाल का एक्शन, GTB-LNJP के 4 डॉक्टरों पर गिरी गाज

Delhi Government Action: एक घायल अपराधी ने अस्पताल में इलाज नहीं मिलने की वजह से दम तोड़ दिया था। इस मामले में सीएम अरविंद केजरीवाल ने सख्त कार्रवाई की है।

By :  Pushpendra
Updated On 2024-01-16 08:45:00 IST
सीएम अरविंद केजरीवाल।

Delhi Government Action: दिल्ली के सरकारी अस्पताल में इलाज के लिए लाए गए घायल मरीज को अस्पताल में भर्ती ना करने वाले जीटीबी और एलनजेपी के कुल 4 डॉक्टरों के खिलाफ दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने एक्शन लिया है। दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने जीटीबी के एक डॉक्टर और एलएनजेपी के एक डॉक्टर को बर्खास्त करने और दोनों अस्पतालों के एक-एक डॉक्टर को निलंबित करने का प्रस्ताव दिया था। इसे अरविंद केजरीवाल ने मंजूरी दे दी है और फाइल को उपराज्यपाल को भेज दी गई है।

3 जनवरी को क्या हुआ

21 वर्षीय महिला द्वारा नशे की हालत में उसके साथ छेड़छाड़ करने का आरोप लगाने के बाद गिरफ्तार किया गया आरोपी प्रमोद चलती पुलिस वैन से कूद गया और गंभीर रूप से घायल हो गया। पुलिस घायल व्यक्ति को पहले जग प्रवेश चंद्र अस्पताल ले गई, जहां से उसे गुरु तेग बहादुर अस्पताल रेफर कर दिया गया। 

हालांकि, जीटीबी अस्पताल में ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर ने उसे भर्ती करने से इनकार कर दिया। इसके बाद पुलिस मरीज को लोक नायक अस्पताल ले गई लेकिन दावा किया कि वहां भी डॉक्टर ने इलाज करने से इनकार कर दिया और मरीज को आरएमएल अस्पताल रेफर कर दिया। चिकित्सा देखभाल मिलने में देरी के कारण घायल व्यक्ति ने आरएमएल अस्पताल पहुंचने से पहले ही दम तोड़ दिया।

इस मामले पर दिल्ली सरकार रुख

दिल्ली सरकार ने तुरंत जीटीबी और एलएनजेपी अस्पतालों के मेडिकल डायरेक्टरों को कारण बताओ नोटिस जारी किया और मामले की जांच की। जांच में इसमें शामिल डॉक्टरों के आचरण के खिलाफ सबूत पाए गए। इसके बाद केजरीवाल ने जीटीबी और एलएनजेपी से एक-एक डॉक्टर को निलंबित करने के साथ-साथ अस्पताल से इन हॉस्पिटल से दो डॉक्टर को बर्खास्त करने को मंजूरी दे दी है।

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दिल्ली सरकार मेडिकल लापरवाही बर्दाश्त नहीं करेगी: अरविंद केजरीवाल

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार इस घटना को गंभीरता से लेती है और किसी भी तरह की चिकित्सकीय लापरवाही बर्दाश्त नहीं करेगी। उन्होंने नागरिकों के लिए स्वास्थ्य सुविधाएं देने के लिए प्रशासन की प्रतिबद्धता को बताया। अनुशासनात्मक कार्रवाई पर आखिरी फैसला लेने से पहले आरोपी डॉक्टरों को विभागीय कार्यवाही के दौरान अपना पक्ष रखने का मौका मिलेगा।

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