Delhi Goverment लॉन्च करने जा रही ऐप, कैब एग्रीगेटर्स के लिए सख्त होने वाले हैं नियम, देनी होगी ये डिटेल्स

Delhi Goverment: इस योजना को बाइक टैक्सियों पर लागू किया जाएगा।

Updated On 2024-01-23 11:58:00 IST
दिल्ली सरकार लॉन्च करने जा रही ऐप।

Delhi Goverment: दिल्ली सरकार का परिवहन विभाग एक ऑनलाइन पोर्टल बना रहा है, जिस पर सभी कैब एग्रीगेटर्स और डिलीवरी सेवा देने वाली कंपनियों को अनिवार्य रूप से वाहन नंबर और ड्राइवर की जानकारी देनी होगी। इसकी सूचना सोमवार को अधिकारियों ने दी। अधिकारियों ने कहा कि दिल्ली मोटर वाहन एग्रीगेटर और डिलीवरी सेवा देने वाली कंपनियों को योजना के तहत पंजीकरण के लिए पोर्टल बनाया जा रहा है। इस योजना को पिछले साल अधिसूचित किया गया था।

कंपनियों को वाहन पंजीकरण की संख्या देनी होगी

इस योजना को बाइक टैक्सियों पर लागू किया जाएगा। इसके तहत परिवहन एग्रीगेटर्स के यात्री सेवाओं के लिए इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों को अनिवार्य रूप से शामिल करने पर जोर दिया गया है। वहीं अधिकारियों ने आगे कहा कि पोर्टल लगभग तैयार है। कैब एग्रीगेटर्स और डिलीवरी सेवा देने वाली कंपनियों को वाहनों की पंजीकरण संख्या और प्रत्येक ड्राइवर की डिटेल्स अपलोड करनी होगी। हाल ही में एक बैठक कर कंपनियों को पोर्टल के बारे में जानकारी दी गई है। 

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इन वाहनों के लिए लागू होगी योजना 

सरकार का इस योजना को लाने का मकसद यात्रियों और ग्राहकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एग्रीगेटर प्लेटफॉर्मों को सरकार के दायरे में लाना है। यह वायु प्रदूषण को कम करने और हरित गतिशीलता को बढ़ाने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों को शामिल करने पर जोर देता है। इस योजना के तहत सभी एग्रीगेटर्स, डिलीवरी सेवा वाली कंपनियां और ई-कॉमर्स संस्थाओं को सभी वाहनों को 1 अप्रैल, 2030 तक इलेक्ट्रिक फ्लीट में बदलना होगा। सरकार की इस पॉलिस में बसों को शामिल नहीं किया गया है। इसमें सिर्फ दो पहिया, तीन पहिया और 4 पहिया गाड़ियां शामिल हैं।

प्रदूषण नियंत्रण टेस्ट के लिए सख्त नियम 

इससे पहले भी दिल्ली सरकार ने प्रदूषण नियंत्रण टेस्ट (pollution control test) का वीडियो रिकॉर्ड करना अनिवार्य कर दिया था। जिससे कार्बन उत्सर्जन को कम किया जा सके। नियमों के मुताबिक, अब पीयूसी जारी होने से पहले रिकॉर्ड वीडियो को वाहन पोर्टल पर अपलोड करना होता है। वहीं सरकार ने धोखाधड़ी के मामलों पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने नया रेगुलेशन अनिवार्य किया है। इस फैसले को सरकार को मिली कई शिकायतों के बाद लिया गया था। 

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