'आप' के दावों की खुली पोल: आशीष सूद ने पटपड़गंज के चार स्कूलों का किया औचक निरीक्षण, जर्जर हालत देख लगाई फटकार

दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने चार स्कूलों का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान स्कूल की खराब हालत देख अधिकारियों को फटकार लगाई है। जानिये क्या खामियां मिलीं... 

Updated On 2025-04-09 11:37:00 IST
आशीष सूद ने सरकारी स्कूलों का किया निरीक्षण।

Ashish Sood: दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने पटपड़गंज विधानसभा के चार सरकारी स्कूलों की सरप्राइज विजिट की। इस दौरान स्कूलों की जर्जर इमारतें, साफ शौचालय की कमी, पीने के पानी की कमी, लैब की खराब स्थिति और शिक्षकों की कमी सामने आई। इसको लेकर उन्होंने मौके पर मौजूद अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई और चेतावनी दी कि काम में किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। 

खतरनाक स्थिति में दिल्ली के स्कूल

निरीक्षण के बाद उन्होंने बताया कि बहुत से सरकारी स्कूल 1960 में बनी इमारतों में चल रहे हैं, जो बेहद खतरनाक स्थिति में हैं। सर्वोदय कन्या विद्यालय, मंडावली नंबर-3 में स्विमिंग पूल की हालत बेहद खराब पाई गई। स्विमिंग पूल के विजिलेंस जांच के आदेश दिए गए। वहीं निरीक्षण के दौरान कई स्कूलों में मिड-डे मील की गुणवत्ता जांची गई। साथ ही, स्कूलों में पीने के पानी की व्यवस्था जांची गई, तो कई जगहों पर नल टूटे मिले और शौचालयों की सफाई व्यवस्था भी खराब पाई गई। कई स्कूलों में छात्रों की संख्या के मुकाबले शिक्षक गैरहाजिर रहे। इससे छात्रों की पढ़ाई पर असर पड़ रहा है। 

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बारिश के दौरान स्कूलों में भर जाता है पानी

कई कक्षाओं में क्षमता से ज्यादा विद्यार्थी पाए गए। सर्वोदय कन्या विद्यालय, मंडावली नंबर-1 बिल्डिंग खतरनाक स्थिति में है, जिसे पहले ही खतरनाक घोषित किया जा चुका है। इस बिल्डिंग में बारिश के दौरान छत से पानी टपकता है और पुट्टी टूटकर गिरती है। साथ ही, मल्टीपरपज हॉल में पानी भर जाता है, जिसके कारण वहां करंट फैलने का खतरा बना रहता है। शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने पीडब्ल्यूडी और शिक्षा निदेशक को निर्दश दिए हैं कि वे एक सप्ताह में पुनर्निर्माण की कार्य योजना तैयार करें। 

आम आदमी पार्टी पर साधा निशाना

वहीं आशीष सूद ने आम आदमी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि दिल्ली की पूर्व सरकार ने कुछ चुनिंदा स्कूलों को मॉडल बताकर दिल्ली के स्कूलों और शिक्षा व्यवस्था का प्रचार किया। हालांकि सच्चाई उन मॉडल से काफी दूर है। हम सभी सरकारी स्कूलों की दशा सुधारने के लिए प्राथमिकता से काम करेंगे और दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाएंगे। सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 के तहत  शिक्षा बजट के लिए 19291 करोड़ रुपए का बजट दिया है। 

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