भगवंत मान की सरकार जल्द गिरेगी?: मोदी सरकार ने किसानों को बातचीत के लिए बुलाया, ये तो नहीं इसके पीछे की वजह

कांग्रेस का दावा है कि पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार जल्द गिरने वाली है। वहीं, बीजेपी ने आंदोलन कर रहे पंजाब के किसानों को दोबारा से बातचीत के लिए बुला लिया है। जानिये पंजाब की सियासत का ताजा घटनाक्रम...

By :  Amit Kumar
Updated On 2025-02-11 13:48:00 IST
सीएम भगवंत मान के खिलाफ सियासी संकट के बीच मोदी सरकार का अहम फैसला

दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की हार के बाद पंजाब की भगवंत मान सरकार की मुश्किलें बढ़ चुकी हैं। सियासी गलियारों में चर्चा चल रही है कि भगवंत मान को जल्द सीएम पद छोड़ना पड़ सकता है। इसके अलावा यह भी अटकलें चल रही हैं कि आप विधायक अपनी पार्टी छोड़कर विपक्षी दल का दामन थाम सकते हैं। कारण कोई भी हो, लेकिन अरविंद केजरीवाल ने पंजाब विधायकों की बैठक बुला ली है। इसके बाद ही स्पष्ट हो पाएगा कि इस बैठक के बुलाने के पीछे का उद्देश्य क्या है। बहरहाल, इस पंजाब में चल रहे इस सियासी दंगल के बीच केंद्र ने भी अहम दांव खेल दिया है। केंद्र ने पंजाब के किसानों को पांचवें दौर की बातचीत के लिए न्यौता भेज दिया है।

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो केंद्र सरकार ने लोकसभा चुनाव 2024 से पहले पंजाब के किसानों के साथ चार दौर की वार्ता की थी, लेकिन मांगों पर सहमति नहीं बन पाई। लोकसभा चुनाव में बीजेपी को थोड़े नुकसान का सामना करना पड़ा था, लेकिन हरियाणा विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने स्पष्ट बहुमत के साथ सरकार बना ली। इसके अलावा, दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में से 48 सीट हासिल कर 27 बाद अपने दम पर स्पष्ट बहुमत हासिल किया।

राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो केंद्र की मोदी सरकार ने साबित कर दिया कि किसानों की मांगों को लेकर बीजेपी पर चुनावी दबाव नहीं डाला जा सकता। यही वजह है कि पंजाब के किसानों को दोबारा से बातचीत के लिए बुलाया गया है ताकि उचित मांगों पर सहमति बन सके और आंदोलन खत्म हो सके।

14 फरवरी को होगी किसानों से केंद्र की बातचीत

मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से बताया गया है कि केंद्र सरकार ने पंजाब के किसानों को 14 फरवरी को चंडीगढ़ में बातचीत के लिए बुलाया गया है। बातचीत से पहले किसान संगठनों ने महापंचायत करने का निर्णय लिया है। किसानों का कहना है कि 12 फरवरी को दाता सिंह वाला- खनौरी बॉर्डर पर महापंचायत होगी, इसके बाद 13 फरवरी को शंभू बॉर्डर पर किसान महापंचायत होगी। किसान संगठनों का कहना है कि खनौरी बॉर्डर पर होने वाली महापंचायत को किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल भी संबोधित करेंगे। संगठनों का कहना है कि हमारा उद्देश्य किसानों की ताकत दिखाना है ताकि हमारी मांगों को हल्के में न लिया जाए।

जगजीत सिंह डल्लेवाल की हालत कैसी

जगजीत सिंह डल्लेवाल का आमरण अनशन अभी तक चल रहा है। पिछले एक सप्ताह से उनकी नसें ब्लॉक थी, जिस कारण स्थिति गंभीर होती जा रही थी। बहरहाल, डल्लेवाल को ड्रिप की सहायता से चिकित्सीय सहायता दी जा रही है। किसान संगठनों का कहना है कि डल्लेवाल को सुनने के लिए आसपास के जिलों से भी भारी संख्या में किसानों के पहुंचने की उम्मीद है।

किसानों को बातचीत के लिए बुलाने के पीछे की रणनीति
 

राजनीतिक जानकारों का कहना है कि बीजेपी ने स्पष्ट बहुमत हासिल कर साबित कर दिया है कि चुनावों पर पंजाब के किसानों की मांग का बिल्कुल भी प्रभाव नहीं पड़ा है, लेकिन पंजाब के लोकसभा और विधानसभा चुनावों में बीजेपी को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा। पंजाब के 2022 के विधानसभा चुनाव में कुल 117 सीटों पर आप ने 92 सीटें हासिल की, जबकि बीजेपी को सिर्फ दो सीट ही हासिल हुई। कांग्रेस के पास 16, शिरोमणि अकाली दल के पास 3 और अन्यों के खाते दो सीट हैं, जबकि एक सीट रिक्त है। 

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कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा ने दावा किया कि आम आदमी पार्टी के 30 विधायक कांग्रेस के संपर्क में हैं। कांग्रेस के अन्य नेता भी दावा कर रहे हैं कि पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार टूटने वाली है। ऐसे में बीजेपी भी इसमें चूक करने वाली नहीं है। चूंकि पंजाब के किसानों का आंदोलन भाजपा की हार का बड़ा कारण रहा है, लिहाजा चुनाव होने से पहले किसानों को संतुष्ट कर आगे की राह आसान कर सकती है। बहरहाल, किसान संगठनों और मोदी सरकार के बीच क्या समझौता होता है, यह तो आने वाले समय में ही स्पष्ट हो पाएगा। 

  

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