किसान आंदोलन: शंभू बॉर्डर से दिल्ली कूच की चौथी कोशिश नाकाम, 15 किसान जख्मी, 16 को ट्रैक्टर मार्च का ऐलान 

Farmers marching towards Delhi from Shambhu Border, spraying water on them.
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शंभू बॉर्डर से दिल्ली कूच करते किसानों का पानी की बौछारें करते हुए।
अंबाला में किसानों की शंभू बॉर्डर से दिल्ली कूच की चौथी कोशिश नाकाम हो गई। 2 घंटे चले संघर्ष में 15 किसान जख्मी हुए। किसानों ने 16 दिसंबर को ट्रैक्टर मार्च का ऐलान किया।

अंबाला: किसानों की शंभू बॉर्डर (Shambhu Border) से दिल्ली कूच की चौथी कोशिश भी नाकाम हो गई। शनिवार को कूच के लिए 101 किसानों के जत्थों व शंभू बॉर्डर पर तैनात पुलिस व अर्धसैनिक बल के जवानों के बीच जमकर संघर्ष हुआ। 2 घंटे तक किसान बॉर्डर पर लगे बैरिकेड हटाने की कसरत करते रहे। इसी वजह से पुलिस को पानी की बौछारों के साथ आंसू गैस के गोले भी किसानों पर चलाने पड़े। इसमें 15 किसान जख्मी हो गए। बुरी तरह जख्मी 12 किसानों को राजपुरा के सरकारी अस्पताल में दाखिल करवाया गया, जिसमें से तीन की हालत बेहद खराब है।

12 बजे दिल्ली के लिए निकला था जत्था

शंभू बॉर्डर पर 300 दिनों से डटे किसानों का जत्था दोपहर 12 बजे दिल्ली कूच के लिए निकला था। इस जत्थे में 101 किसान थे। सभी किसानों में संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनैतिक) के संयोजक सरवण सिंह पंधेर ने जोश भरते हुए कहा कि किसानी हितों के लिए सभी किसानों को डटकर सुरक्षाबलों का मुकाबला करना होगा। इसके साथ ही जत्था शंभू बॉर्डर के लिए रवाना हुआ और शंभू बॉर्डर पर सुरक्षाबलों से दिल्ली (Delhi) कूच की इजाजत मांगी। दिल्ली जाने की अनुमति न होने के कारण जवानों ने किसानों को आगे जाने से साफ इंकार कर दिया। किसानों ने कहा कि वे हर हाल में अपनी मांगों को लेकर दिल्ली जाएंगे।

रस्से से जाली को हटाने की कोशिश

आधे घंटे तक किसान व अधिकारियों में दिल्ली कूच के लिए बातचीत होती रही। इसके बाद किसानों ने बॉर्डर पर लगी मजबूत जाली को हटाने की कोशिश की। किसानों ने रस्से में लोहे के कुंडे डालकर उसे खींचना शुरू कर दिया। तब सुरक्षाबलों की ओर से किसानों पर पानी की तेज बौछार शुरू की। साथ ही किसानों को पीछे खदेड़ने के लिए आंसू गैस (Tear Gas) के गोले छोड़े गए। एक के बाद एक पुलिस की ओर से कई धमाके किए गए। धमाकों की वजह से 15 किसान जख्मी हो गए। आंसू गैस के गोलों को डिफ्यूज करने के लिए किसानों की ओर से पहले ही गीली बोरियों की व्यवस्था की गई थी।

18 तक दिल्ली कूच रद्द

करीब दो घंटे तक सुरक्षाबलों से संघर्ष करने के बाद किसान नेता सरवण सिंह पंधेर सिंह ने जत्थे को वापिस आने के निर्देश दिए। मंच से पंधेर ने कहा कि जत्थे के कई किसान बुरी तरह जख्मी हो गए हैं। सभी को अस्पताल (Hospital) में दाखिल करवाया गया है। वे नहीं चाहते कि उनके साथी और घायल हों। इसके बाद 18 दिसंबर तक दिल्ली कूच का फैसला रद्द कर दिया। हरियाणा सरकार की बर्बरता के खिलाफ पंजाब को छोड़कर देशभर में 16 दिसंबर को किसान ट्रेक्टर मार्च निकालेंगे। इसके बाद 18 दिसंबर को पंजाब में 12 से 3 बजे तक रेलवे ट्रैक जाम किए जाएंगे।

सरकार की बर्बरता देश देख रहा

किसान नेता सरवण सिंह पंधेर ने कहा कि किसानों पर हरियाणा सरकार द्वारा की जा रही बर्बरता को पूरा देश देख रहा है। दुख की बात है कि संसद में उनकी आवाज को नहीं उठाया जा रहा। निहत्थे किसानों पर गोले बरसाए जा रहे हैं। ठंड में गंदे पानी की बौछारें की जा रही हैं। 19 दिन से आमरण अनशन पर बैठे किसान (Farmer) नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की सेहत को लेकर पूरी दुनिया चिंतित है लेकिन पीएम नरेंद्र मोदी को यह सब नहीं दिख रहा। किसानी हितों को लेकर वे हर कुर्बानी देने के लिए तैयार हैं।

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