दिल्ली के अस्पतालों की खुली पोल, पुलिस आरोपी को लेकर भटकती रही, इलाज न मिलने से मौत

Delhi Crime News: नॉर्थ ईस्ट डीसीपी जॉय टिर्की के अनुसार, 4 अस्पतालों की लापरवाही से आरोपी की मौत हुई है।

Updated On 2024-01-03 13:39:00 IST
दिल्ली के सरकारी अस्पतालों की खुली पोल।

Delhi Crime News: दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में कभी बेड नहीं, तो किसी में सीटी स्कैन मशीन नहीं होती है।  इस बात की सच्चाई तब पता चला जब दिल्ली पुलिस 8 घंटे तक एक आरोपी को लेकर एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल भटकती रह गई। आरोपी का समय पर इलाज न होने की वजह उसकी मौत हो गई। ये घटना पूर्वी दिल्ली के उस्मानपुर इलाके की है। 

पुलिस की चलती गाड़ी से कूदा आरोपी

दरअसल, ये पूरी घटना 2 जनवरी 2024 की रात की है। न्यू उस्मानपुर थाने में पुलिस को झगड़े की एक कॉल मिली थी। पीड़ित महिला ने पुलिस को रात 9 बजे कॉल करके बताया था कि न्यू उस्मानपुर इलाके में एक व्यक्ति शराब के नशे में धुत होकर उसके साथ झगड़ा कर रहा है। पुलिस ने मौके पर पहुंची और उसे एक आदमी मिला, जिसकी पहचान प्रमोद था।

महिला का आरोप था कि प्रमोद ने छेड़छाड़ कर उसके साथ दुर्व्यवहार किया। एमपीवी स्टाफ गाड़ी में प्रमोद को थाने लेकर ले जा रही थी। इस बीच नशे में धुत प्रमोद उल्टी करते हुए गाड़ी का शीशा खोलकर गाड़ी से कूदकर भाग गया। भागने की कोशिश में प्रमोद घायल हो गया।  

अस्पताल में इलाज न मिलने से आरोपी की मौत

नॉर्थ ईस्ट डीसीपी जॉय टिर्की के अनुसार, 4 अस्पतालों की लापरवाही से आरोपी की मौत हुई है। घायल आरोपी को पुलिस की टीम जग प्रवेश चंद्र अस्पताल लेकर गई। वहां से एंबुलेंस से उसे जीटीबी अस्पताल ले जाया गया। लेकिन वहीं पर घायल का सिटी स्कैन न होने के कारण उसे एलएनजेपी अस्पताल में रेफर कर दिया। लेकिन एलएनजेपी अस्पताल में आईसीयू वेंटीलेटर में बेड खाली न होने के कारण उसे आरएमएल हॉस्पिटल में रेफर कर दिया गया। 

पुलिस की ओर से कहा गया है कि उसे वहां पर भी एडमिट नहीं किया गया। हालांकि उसे 3 जनवरी 2024 की सुबह पुलिस जेपीसी अस्पताल लेकर पहुंची, जहां पर उसे मृत घोषित कर दिया गया। पुलिस मृतकों को 8 घंटे तक इधर-उधर अस्पतालों में घूमती रही और अंत में जाकर मरीज की मौत हो गई। इससे साफ पता चलता है कि दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में मरीज का इलाज कराने की कोई भी सुविधा नहीं है। 

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