Famous Temple of Chandni Chowk: चांदनी चौक की कटरा नील गली में कई प्रसिद्ध मंदिर, जानें इतिहास और लोकेशन

Famous temple of Chandni Chowk: इस कटरा नील गली में लाडली महाराज का 325 साल पुराना मंदिर है। बताया जाता है कि राधा-रानी इस मंदिर के प्रांगण से स्वयं प्रकट हुई थी।

Updated On 2024-02-15 14:17:00 IST
चांदनी चौक कटरा नील गली के प्रसिद्ध मंदिर।

Famous temple of Chandni Chowk: राजधानी दिल्ली के कई मंदिर अपनी प्राचीन कहानियों और मान्यताओं के लिए काफी प्रसिद्ध हैं। भारत में आदिकाल से ही पूजा-पाठ और धार्मिक आस्थाएं चलन में रही हैं। यहां के कई मंदिर ऐतिहासिक और पौराणिक स्थल के रूप में पहचाने जाते हैं। ऐसा ही एक मंदिर दिल्ली के चांदनी चौक में है। इस मंदिर के बारे में जानकर आप हैरान हो जाएंगे कि चांदनी चौक की एक गली में 21 मंदिर हैं। इसमें से कुछ मंदिरों के बारे में बताया जाता है कि वे 500 साल पुराने हैं। ये सभी मंदिर कटरा नील बाजार में एक-दूसरे से कुछ ही कदम दूरी पर है। 

बता दें कि कटरा नील इलाके में पहले  27 से ज्यादा मंदिर थे, जिनमें से अब 21 रह गए हैं। यहां हर मंदिर कम से कम 100 से 200 साल पुराना है। इन मंदिरों में ग्रंथों और पुराणों का भी उल्लेख मिलता है। 

कटरा नील के 18 मंदिरों में शिव विराजमान 

कटरा नील गली के 21 मंदिरों में से 18 में भगवान शिव किसी न किसी रूप में विराजमान हैं। वहीं 2 मंदिरों में भगवान विष्णु उपस्थिति है। इनमें से एक मंदिर में मां काली का है। यहां पर कुछ ऐसे मंदिर भी हैं, जो काफी प्राचीन माना जाता है। इन मंदिरों में काली देवी मंदिर, गंडेश्वर मंदिर और रामद्वारा मंदिर प्रमुख हैं। 

katra neel gali

मंदिर की चमत्कारी कहानियां 

इस गली में लाडली महाराज का 325 साल पुराना मंदिर है। मंदिर के बारे में बताया जाता है कि राधा-रानी इस मंदिर के प्रांगण से स्वयं प्रकट हुई थी। वहीं, यहां पर पांडव कालीन मंदिर है। जिसकी मनोकामना इस मंदिर में पूरी होती है, वह यहां आकर घंटी बांधता है। अगर आप अभी तक इन मंदिरों में नहीं गए हैं, तो एक बार चांदनी चौक जाकर इन मंदिरों के दर्शन करें। 

ऐसे पहुंचे इन मंदिरों में

चांदनी चौक नजदीकी मेट्रो स्टेशन

इन मंदिरों में पहुंचने के लिए आपको येलो मेट्रो लाइन से चांदनी चौक मेट्रो स्टेशन उतरना होगा। मेट्रो का गेट नंबर-3 से बाहर निकलते ही कटरा नील की तरफ बाजार के शुरू होते ही आपको ये मंदिर दिखने शुरू हो जाएंगे। सुबह 6 बजे से लेकर रात 9 बजे तक मंदिर के पट खुले रहते हैं। 

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