Artificial Rain In Delhi: क्लाउड सीडिंग कराने की तैयारी में दिल्ली सरकार, 5 जगहों पर होगा ट्रायल
Artificial Rain: दिल्ली में 5 जगहों पर क्लाउड सीडिंग का ट्रायल करने की तैयारी की गई है। यह ट्रायल IIT कानपुर के द्वारा लीड किया जाएगा। इसके लिए एयरक्राफ्ट डेढ़ घंटे के लिए उड़ानें भरेंगी और बादलों में केमिकल का छिड़काव किया जाएगा।
दिल्ली में 5 जगहों पर होगा क्लाउड सीडिंग का ट्रायल
Cloud Seeding Trial: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में प्रदूषण को कम करने के लिए सरकार की ओर से कई बड़े कदम उठाए जा रहे हैं। इसी कड़ी में दिल्ली के अंदर क्लाउड सीडिंग करवाने की तैयारियां तेज हो गई हैं। क्लाउड सीडिंग के 5 ट्रायल अलग-अलग दिनों पर किए जाएंगे। इसके लिए आसमान में एयरक्राफ्ट भेजे जाएंगे, जो करीब डेढ़ घंटे की उड़ान भरेंगे और बादल में केमिकल का छिड़काव करेंगे।
पर्यावरण के एक अधिकारी ने बताया कि एक ही हफ्ते के अंदर 5 ट्रायल किए जा सकते हैं। जल्द ही इसकी शुरुआत की जाएगी। हालांकि यह मौसम पर भी निर्भर करता है। अधिकारी ने बताया कि ट्रायल का शेड्यूल मौसम और बादलों की उपलब्धता पर तय किया जाएगा।
क्या होता है क्लाउड सीडिंग?
बता दें कि क्लाउड सीडिंग को आमतौर पर आर्टिफिशियल रेन भी कहा जाता है। इस तकनीक में प्राकृतिक रूप से बने बादलों में खास तरह का केमिकल डाला जाता है। इससे बादल घने हो जाते हैं और बारिश करवाने में सक्षम हो जाते हैं। दिल्ली में एयरक्राफ्ट के जरिए बादलों में केमिकल का छिड़काव किया जाएगा, जिससे बारिश कराई जा सकेगी। बारिश होने से दिल्ली के प्रदूषण स्तर में सुधार होगा।
IIT कानपुर करेगा क्लाउड सीडिंग
बता दें कि क्लाउड सीडिंग का ट्रायल IIT कानपुर के द्वारा लीड किया जाएगा। अभी तक दिल्ली में उन जगहों की पहचान नहीं की गई है, जहां पर क्लाउड सीडिंग कराई जाएगी। इसका चयन IIT कानपुर की ओर से ही किया जाएगा, जो साइंटिफिक और लॉजिस्टिक फैक्टर्स को देखते हुए जगह तय करेगा। विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि लुटियन जोन या इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट के आसपास यह ट्रायल नहीं किया जाएगा। अधिकारी ने बताया कि यह ट्रायल दिल्ली के बाहरी क्षेत्रों में होंगे।
कब होगा पहला ट्रायल?
जानकारी के मुताबिक, क्लाउड सीडिंग का पहला ट्रायल मई के आखिरी या फिर जून के पहले हफ्ते में करने की तैयारी है। इसका शेड्यूल भी जल्द ही जारी किया जाएगा। बता दें कि 7 मई को दिल्ली कैबिनेट ने आर्टिफिशियल रेन के ट्रायल को मंजूरी दी थी, जिसके लिए 3.21 करोड़ रुपए मंजूर किए गए थे। अधिकारी के मुताबिक, 2.75 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसमें एक ट्रायल के लिए 55 लाख रुपए खर्च होंगे।
वहीं, इक्युपमेंट के लिए 66 लाख रुपये वन टाइम सेटअप कॉस्ट के तहत मंजूर किए गए हैं। अभी दिल्ली सरकार इस ट्रायल के लिए 13 अलग-अलग विभागों से NOC लेने की प्रक्रिया में लगी हुई है। इसके बाद ही क्लाउड सीडिंग का ट्रायल शुरू किया जाएगा।
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