Stray Dogs Uproar: आवारा कुत्तों पर बवाल जारी, जानिये दुनियाभर के देश इनसे कैसे निपट रहे?

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली एनसीआर में आठ सप्ताह के भीतर आवारा कुत्तों को सड़कों से हटाकर डॉग शेल्टर होम में रखने का निर्देश दिया है। इस पर बवाल मचा है। जानिये अन्य देशों ने आवारा कुत्तों को लेकर क्या नियम बना रखा है।

Updated On 2025-08-13 14:58:00 IST

आवारा कुत्तों को लेकर बवाल जारी

दिल्ली और एनसीआर में आठ माह के भीतर आवारा कुत्तों को सड़कों से हटाकर डॉग शेल्टर होम में रखने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद से बवाल मचा है। एक पक्ष जहां इस फैसले की सराहना कर रहा है, वहीं दूसरी तरफ इसे बेजुबानों पर अत्याचार बता रहा है। खास बात है कि इस मुद्दे ने सियासत को भी गरमा दिया है।

दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले की सराहना करते हुए कहा कि हम आवारा पशुओं को लेकर नई पॉलिसी लेकर आएंगे। वहीं, कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने इसे फैसले को गलत ठहराया है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का दिल्ली एनसीआर से सभी आवारा कुत्तों को हटाने का निर्देश मानव और विज्ञान आधारित दशकों पुरानी पॉलिसी से पीछे हटने जैसा है। ये बेजुबान कोई समस्या नहीं हैं, जिन्हें मिटा दिया जाए।

खैर, आज आपको दुनिया के ऐसे देशों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने आवारा कुत्तों की समस्या से कैसे निपट रहे हैं। लेकिन पहले बताते हैं कि भारत के राज्यों में आवारा कुत्तों को लेकर क्या नियम हैं।

भारत में आवारा कुत्तों के लिए नियम

केंद्र सरकार ने आवारा पशुओं के प्रबंधन के लिए संशोधित पशु जन्म नियंत्रण (एबीसी) नियम, 2023 लागू किया था। इसके तहत आवारा कुत्तों की नसबंदी और टीकाकरण के बाद नगर पालिका के पास उन्हें वापस यानी सड़कों पर छोड़ने का अधिकार होता है।

देश के अधिकांश राज्यों में आवारा कुत्तों और रेबीज से निपटने के लिए एबीसी नियम 2023 के अनुसार कार्य किए जाते हैं। मत्स्य पालन और पशुपालन मंत्रालय ने 2022 में संसद में जानकारी दी थी कि उत्तर प्रदेश और कर्नाटक में सबसे ज्यादा आवारा कुत्ते हैं, जबकि दादर और हवेली, लक्षद्वीप और मणिपुर में एक भी आवारा कुत्ता सड़कों पर नहीं है।

भारत के राज्यों में आवारा कुत्तों को लेकर नियम

उत्तर प्रदेश में आवारा कुत्तों को लेकर कड़े नियम है। मतलब यह है कि अगर आप सार्वजनिक स्थान पर आवारा कुत्ते को खाना खिलाते हैं, तो कार्रवाई होगी।

दिल्ली में भी कुछ दिन पहले सीएम रेखा गुप्ता ने कहा था कि सड़कों पर बेसहारा गायों को खाना खिलाने से जाम लग जाता है, वहीं ट्रैफिक जाम की समस्या उत्पन्न होती है। कहा कि सड़कों के किनारे पक्षियों और जानवरों के लिए खाना नहीं रखें। उन्होंने आवारा कुत्तों को लेकर भी बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि आवारा कुत्तों की गणना कर नीति लाई जाएगी।

मुंबई की बात करें तो आवारा कुत्तों को खाना खिलाना कानूनी है, लेकिन चुनिंदा जगहों पर ही खाना खिलाया जा सकता है। गोवा की बात करें तो यहां भी 2017 के बाद से रेबीज का मामला सामने नहीं आया है। हालांकि एक रिपोर्ट बताती है कि साल 2023 में एक व्यक्ति की रेबीज से मौत हुई थी।

लेकिन, गोवा को आज भी 2017 के बाद से देश का पहला रेबीज कंट्रोल्ड राज्य कहा जाता है। अब आगे जानिये दुनिया के अन्य देशों ने आवारा कुत्तों से निपटने के लिए क्या नियम बना रखें हैं।

दुनियाभर के देश आवारा कुत्तों से कैसे निपट रहे

अमेरिका में आवारा कुत्तों को कानूनी रूप से सुरक्षा हासिल है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका के न्यूयॉर्क में एनजीओ एनिमल केयर सेंटर्स आवारा कुत्तों के लिए काम करती है। यह संस्था आवारा कुत्तों को शेल्टर होम में ले जाती है और उसके लिए नए मालिक को तलाशा जाता है। जब तक नया घर नहीं मिलता, तब तक आवारा कुत्ते को डॉग शेल्टर होम में रखा जाता है और बापस सड़कों पर नहीं छोड़ा जाता है।

ब्रिटेन की बात करें तो यहां भी संबंधित जिला प्रशासन अपने अधीन क्षेत्रों में रहने वाले आवारा कुत्तों की देखभाल करता है और उसके मालिकों की तलाश करता है। स्थानीय प्रशासन को कानूनी अधिकार है कि अगर मालिक न मिले तो उन्हें मार सकते हैं। इसी प्रकार, तुर्की में भी आवारा कुत्तों को सड़कों से हटाकर डॉग शेल्टर होम में रखने का नियम है।

सिंगापुर में भी कानूनी निकाय पशु एवं पशु चिकित्सा सेवा कानूनी रूप से आवारा कुत्तों का रखरखाव करती है। इसके तहत आवारा कुत्तों को पकड़कर नसबंदी और टीकाकरण किया जाता है। आवारा कुत्तों को माइक्रोचिप लगाई जाती है ताकि भाग जाए तो उसका पता लगाया जा सके।

लेकिन, जापान में आवारा कुत्तों को लेकर संतुलित नियम है। यहां आवारा कुत्तों को पकड़कर शेल्टर होम में रखा जाता है। साथ ही, उसके लिए नए घर की तलाश के लिए मालिक को ढूंढा जाता है। पेंच यह है कि अगर कोई कुत्ता खतरनाक या किसी बीमारी से पीड़ित है, तो उसे जान से मारने का कानूनी अधिकार भी है।

अब देखना दिलचस्प होगा कि दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता आवारा कुत्तों को लेकर क्या नई पॉलिसी लेकर आएंगी।

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