नीतीश कटारा हत्याकांड: विकास यादव ने मांगी फरलो... हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार से मांगा जवाब
न्यायमूर्ति रवींद्र डुडेजा की पीठ ने जेल प्रशासन, कटारा की मां नीलम कटारा और गवाह अजय कटारा को भी जवाब दाखिल करने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई के लिए 27 नवंबर की तिथि तय की है।
नीतीश कटारा हत्याकांड के दोषी विकास यादव ने मांगी फरलो।
दिल्ली हाईकोर्ट ने कारोबारी नीतीश कटारा हत्याकांड में 25 साल की सजा काट रहे विकास यादव की फरलो याचिका पर दिल्ली सरकार से जवाब मांगा है। न्यायमूर्ति रवींद्र डुडेजा की पीठ ने जेल प्रशासन, कटारा की मां नीलम कटारा और गवाह अजय कटारा को भी जवाब दाखिल करने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई के लिए 27 नवंबर की तिथि तय की है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, विकास यादव ने जेल अधिकारियों से फरलो मांगी थी। जेल अधिकारियों ने 29 अक्टूबर को उसकी इस अर्जी को खारिज कर दिया। विकास यादव ने जेल अधिकारियों के इस आदेश के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। विकास की ओर से पेश हुए वकील विकास पाहवा ने दलील दी कि दोषी हाल में शादी के बंधन में बंधा है। उसने सामाजिक कर्तव्यों का निर्वहन करने के लिए 21 दिनों की अवधि के लिए फरलो का अनुरोध किया। वकील ने दलील दी कि दिल्ली कारागार नियमों के तहत सभी मानदंडों को पूरा करने के बावजूद प्राधिकारियों ने दोषी की फरलो की याचिका खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि फरलो देने से इनकार नहीं किया जा सकता कि दोषी निश्चित अवधि की कारावास की सजा काट रहा है या अपराध की प्रवृत्ति क्या है?
जेल अधिकारियों को इस बात का डर?
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो जेल अधिकारियों ने फरलो खारिज करने के पीछे उसके असंतोषजनक व्यवहार को कारण बताया है। आशंका जताई है कि वह विदेश भाग सकता है और कानून व्यवस्था बिगाड़ सकता है। वो पीड़ित परिवार को भी क्षति पहुंचा सकता है।
'स्वतंत्रता का दुरुपयोग नहीं किया'
वहीं, विकास यादव ने अपनी याचिका में कहा कि वह अपनी बीमार मां के इलाज और शादी के लिए 4 महीने से अधिक समय तक अंतरिम जमानत पर रहा, लेकिन कभी भी स्वतंत्रता का दुरुपयोग नहीं किया। फर्लो देने से सीधा इनकार करना भेदभावपूर्ण है क्योंकि जो दोषी अधिक गंभीर अपराध में शामिल हैं, उन्हें भी नियमित रूप से फरलो मिलती है। दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार से इस पर जवाब मांगा है। साथ ही, जेल अधिकारियों, नीलम कटारा और गवाह अजय कटारा को भी जवाब दाखिल करने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई 27 नवंबर को होगी।
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